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सुनील दत्त की जीवनी

सुनील दत्त एक मशहूर बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक और संसद सदस्य थे, उनका जन्म 6 जून, 1930 को वर्तमान पाकिस्तान के खुर्द नामक गांव में हुआ, पहले इनका नाम बलराज दत्त था। उनका परिवार 1947 में देश के विभाजन के दौरान भारत आया था।

उन्होंने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की और रेडियो सिलोन की हिंदी सेवा में एक लोकप्रिय उद्घोषक के रूप में अपना करियर शुरू किया। इसके बाद वह बॉलीवुड चले गए और 1955 में उनकी पहली बॉलीवुड फिल्म रेलवे प्लेटफार्म थी। वह नर्गिस के साथ 1957 में आयी फिल्म मदर इंडिया से सुर्खियों में आये। उन्होंने 11 मार्च, 1958 को नर्गिस से शादी कर ली।

इसके बाद उन्होंने कई सफल हिंदी फिल्मों में अभिनय किया, जिसमें साधना, सुजाता, ये रास्ते हैं प्यार के, पड़ोसन, गुमराह, वक्त, हमराज और कई अन्य शामिल हैं। उन्होंने फिल्म रेशमा और शेरा में निर्देशन और अभिनय किया जो बॉक्स ऑफिस पर हिट होने में नाकाम रहीं। सुनील दत्त ने 1981 में फिल्म रॉकी के साथ बॉलीवुड में अपने बेटे संजय के प्रवेश के लिए रास्ता बनाया।1981 में जब उनकी पत्नी नर्गिस दत्त की मौत कैंसर के कारण हो गईं, तो उन्होंने कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए अपनी पत्नी की याद में नर्गिस दत्त फाउंडेशन की स्थापना की।

उन्हें 1982 में मुंबई के शेरिफ के रूप में नियुक्त किया गया था।1993 में फिल्म क्षत्रिय के साथ उनका मूवी कैरियर समाप्त हो गया। वह 2003 में हिट फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस के साथ बॉलीवुड वापस लौट आए। उन्हें प्राप्त पुरस्कारों में 1963 में फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार, 1965 में फिल्म फेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और 1 995 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड शामिल था।भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से नवाजा था।

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