प्रधानमंत्री जन धन योजना के बारे में
प्रधानमंत्री जन धन योजना ;पीएमजेडीवाय द्ध राजग सरकार की प्रमुख वित्तीय समावेशन योजना है। पीएमजेडीवाय का उद्देश्य भारत के नागरिकों को बुनियादी वित्तीय सेवाएं जैसे बैंक खाते और डेबिट कार्ड मुहैया कराना हंै। वित्तीय समावेशन के राष्ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाने के लिए पीएमजेडीवाय शुरु की गई है। पीएमजेडीवाय आर्थिक निरंतरता बढ़ाने और जनता को वित्तीय सेवाएं जैसे बैंक जमा खाते, कर्ज और बीमा प्रदान करने के लिए एक साधन के तौर पर बनाई गई है। राजग सरकार ने पीएमजेडीवाय को 'मेरा खाता-मेरा भाग्य विधाता' के आदर्श वाक्य के साथ शुरु किया। इस योजना में भारतीय समाज में गरीब वर्ग के लिए सब्सिडी सुरक्षित करना, ओवरड्राफ्ट सुविधा और पंेशन योजना दीर्घकालिक लक्ष्यों में शामिल है। इसका उद्देश्य सन् 2018 तक 7.5 करोड़ परिवारों को कवर करना है।
क्यों पीएमजेडीवाय राजग सरकार की एक प्रमुख योजना है?
भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में नरेन्द्र मोदी ने आम जनता के लिए वित्तीय समावेशन का वादा किया था। देश की 42 प्रतिशत आबादी के पास बैंकिग प्रणाली तक पहुंच नहीं है। जिसके चलते लोग सूदखोरों, महाजनों या फर्जी जमा योजनाओं के शिकार बनते हैं और अपनी जमापूंजी पर ब्याज के नुकसान के साथ साथ बीमा कवर भी खोते हैं। प्रधानमंत्री के विचार में पीएमजेडीवाय देश भर में वित्तीय सेवाओं के विस्तार के अलावा 'वित्तीय अस्पृश्यता' के युग का अंत है।
पीएमजेडीवाय सरकारी कार्यालयों में किसी भी रुप में मौजूद भ्रष्टाचार से लड़ने के एक हथियार के तौर पर उपयोग के लिए बनी है। भारत की अधिकतर जनता के बैंक खाते होने पर सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जा सकेगी जिससे रिश्वत के मामलों पर काबू पाया जा सकेगा। पीएमजेडीवाय पीएम मोदी के डिजिटल भारत के सपने को भी साकार करने में सहयोगी है। डिजिटल भारत के तहत अर्थव्यवस्था तेजी से कैशलेस हो जाएगी।
पीएमजेडीवाय खाते की सुविधाएं
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए सभी खाते शून्य-बैलेंस खाते होंगे और रुपे डेबिट कार्ड से लिंक होंगे। खाता खोलने के लिए भावी खाता धारक को 'ग्राहक को जाने' यानि केवाईसी के कठिन अनुपालन की आवश्यकता नहीं है। ग्राहक को सिर्फ एक तस्वीर और एक हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान की आवश्यकता होगी। इस योजना के तहत खोले गए खातों में एक साल में एक लाख रुपये से ज्यादा जमा नहीं किया जा सकता है। एक माह में 10,000 रुपये से ज्यादा की कुल निकासी नहीं की जा सकती और खाते का बैलेंस 50,000 रुपये से ज्यादा नहीं किया जा सकता। यह खाता 12 महीने की अवधि के लिए क्रियाशील होगा। इस अवधि में खाता धारक को वैध पहचान दस्तावेज जैसे आधार कार्ड या पैन कार्ड जमा करने होंगे। ऐसे मामले में खाता एक साल तक सक्रिय रहेगा।
पीएमजेडीवाय खाता धारक को 1 लाख रुपये का मुफ्त दुर्घटना कवर भी प्रदान करती है। 26 जनवरी 2015 के पहले खाता खुलवाने वालों को 30,000 रुपये तक का जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। खाता खोलने के 6 महीने बाद 5,000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा दी जाएगी। वित मंत्रालय का मानना है कि रुपे डेबिट कार्ड का प्रावधान बचत को प्रोत्साहन देगा।
शुरुआत और क्रियान्वयन
पीएमजेडीवाय 28 अगस्त 2014 को शुरु की गई। प्रधानमंत्री ने खुद इस योजना को हरी झंडी दिखाई और देश को संबोधित किया। 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और कई प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों ने इस योजना के उदघाटन अवसर पर शिरकत की। इस योजना का उद्घाटन 76 शहरों में किया गया जिनमें मुंबई, विशाखापत्तनम, पटना, बिलासपुर, गांधीनगर, देहरादून, गुवाहाटी, मुजफ्फरपुर, पंजिम, रायपुर, सूरत और पोर्ट ब्लेयर शामिल हैं।
उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस योजना को सफल बनाने के लिए देश भर के बैंकरों को 7.25 लाख ई-मेल भेजे और योजना के लिए सहयोग मांगा। देश भर में 77,862 से ज्यादा नामांकन शिविर लगाए गए ताकि खाता खुलवाने वालों की तादाद को व्यवस्थित किया जा सके। बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के तहत खाता खोलना प्रारंभ कर दिया। शुरुआत के दिन ही प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत रिकाॅर्ड 1.5 करोड़ खाते खोले गए। एक दिन में ऐसा राष्ट्रव्यापी अभियान कभी नहीं हुआ। पहले दस दिन में इस योजना के तहत 3 करोड़ खाते खोले गए। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अगले 20 दिन में 2 करोड़ खाते और खोले गए। बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने भारत सरकार से पीएमजेडीवाय की प्रगति की निगरानी में सहायता करने की पेशकश की है।
चिंता और विवाद
प्रधानमंत्री जन धन योजना के बारे में एक चिंता का विषय है कि यह योजना 'ग्राहक को जाने' यानि केवाईसी के मानदंडों को दरकिनार करती है। बैंकों की एक चिंता है कि एक व्यक्ति इस योजना के तहत एक से ज्यादा खाते खुलवा सकता है और एक से अधिक बीमा योजना का लाभ ले सकता है। यदि बीमा राशि आधार कार्ड जैसे दस्तावेज के जरिये ही वितरित की जाएगी तो जिनके पास ये दस्तावेज नहीं है वो लोग इस योजना से लाभ नहीं ले पाएंगे।
इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर एक चिंता यह भी है कि खाताधारकों को इस योजना में ओवरड्राॅफ्ट की सुविधा भी दी जा रही है। इस योजना के तहत ओवरड्राॅफ्ट की सुविधा आधार कार्ड जैसे दस्तावेज वाले खातों पर ही दी जाएगी।
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तथ्य
योजना | प्रधानमंत्री जन धन योजना |
प्रारंभ की तारीख | 28 अगस्त 2014 |
क्रियान्वयन अवधि | फेज़ 1- अगस्त 2014 से अगस्त 2015 फेज़ 2- अगस्त 2015 से अगस्त 2018 |
खातों की संख्या | 3 अक्टूबर 2014 तक 5.29 करोड़ |
कुल जमा | 3 अक्टूबर 2014 तक 3.97 करोड़ रुपये |
अंतिम संशोधन : नवंबर 4, 2014