भारत में धर्म
भारत एक विविध धर्मों वाला देश है जिसकी विशेषता उसकी विभिन्न धार्मिक प्रथाएं और विश्वास है। भारत की इस आध्यात्मिक भूमि ने कई धर्मों को जन्म दिया है, जैसे हिंदू धर्म, सिख धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म। यह धर्म मिलकर उपसमूह बनाते हैं जिन्हें पूर्वी धर्मों के रुप में जाना जाता है। भारत के लोगों को धर्मों पर बहुत ज्यादा विश्वास है और वो मानते हैं कि यह उनके जीवन को एक अर्थ और उद्देश्य देते हैं। यहां पर धर्म सिर्फ मान्यताओं तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि इनमें नैतिकता, रिवाज़, संस्कार, जीवन दर्शन के अलावा और भी बहुत कुछ है। आज के समय में भारत में विविध धर्मों का पालन किया जाता है।
हिंदू धर्म
भारत की आबादी का ज्यादातर हिस्सा हिंदू धर्म का पालन करता है जो इस देश का सबसे प्राचीन धर्म है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार 80 प्रतिशत भारतीय हिंदू धर्म का पालन करते हैं। इस धर्म को मानने वाले इसे सनातन धर्म भी कहते हैं। इस नाम को महात्मा गांधी ने लोकप्रिय बनाया था। हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण और भगवद गीता हैं। हिंदू लोग वेदों और उनपिषदों के सिद्धांतों का अभ्यास करते हैं। उनके पूजा स्थल को मंदिर या देवस्थान कहा जाता है। ये लोग मूर्तियों की पूजा करते हैं जिसे भगवान का प्रतिबिंब माना जाता है। लेकिन वह हिंदू जो आर्य समाज के हैं, वो मूर्ति पूजा नहीं करते हैं। हिंदू धर्म में प्रतीकों की एक व्यवस्था है जैसे स्वास्तिक का चिन्ह शुभ का प्रतीक है और ओम परम ब्रम्ह का प्रतीक है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार कई हिंदू त्यौहार हैं, जैसे दीपावली, होली, बिहू, गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा और अन्य जो देश में मनाए जाते हैं।
इस्लाम
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की 13 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है और इसका पालन करने वालों को मुसलमान कहा जाता है। यह उप वर्गों में बंटा है जिनमें सबसे प्रसिद्ध शिया और सुन्नी हैं। मुस्लिमों की पवित्र पुस्तक कुरान है और ये पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं का पालन करते हैं। इस्लाम में मक्का में की जाने वाली सालाना तीर्थयात्रा हज है जो शारीरिक और आर्थिक रुप से सक्षम हर मुस्लिम को जीवन में एक बार करनी होती है। भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख इस्लामी त्यौहारों में ईद-उल-फितर, ईद-उल-जुहा और मुहर्रम हैं।
सिख धर्म
गुरु नानक ने 15 वीं सदी में पंजाब क्षेत्र में सिख धर्म की स्थापना की थी। सिखों की पवित्र किताब गुरु ग्रंथ साहिब है जो गुरु के लेखन का संग्रह है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की आबादी का 2 प्रतिशत हिस्सा सिर्ख धर्म के लोगों का है। सिख धर्म में कोई विशेष त्यौहार नहीं होते हैं लेकिन कुछ आमतौर पर मनाए जाते हैं, जैसे गुरुओं का जन्मदिन या शहादत दिवस। गुरुपूरब, बैसाखी, नगर कीर्तन, होला मौहल्ला आदि कुछ त्यौहार हैं जो सिख लोग मनाते हैं। सिखों के धार्मिक विश्वासों में उपवास या तीर्थ करना शामिल नहीं है। भारत में ज्यादातर सिख पंजाब में रहते हैं और इनके समुदाय बड़ी संख्या में पड़ोसी राज्यों में रहते हैं।
बौद्ध धर्म
भारत में बौद्ध धर्म की स्थापना सिद्धार्थ गौतम ने की थी जिन्हें ‘बुद्ध’ भी कहा जाता है। बौद्ध लोग भारत की आबादी का सिर्फ 1 प्रतिशत हैं। ये लोग संसार, कर्म और पुनर्जन्म मेें विश्वास रखते हैं और बुद्ध की शिक्षा का पालन करते हैं। बौद्ध भक्ति प्रथाओं में तीर्थयात्रा, झुकना और जप करना और प्रसाद शामिल हैं। बुद्ध का जन्मदिन जिसे वेसक भी कहते हैं, असालह पूजा दिवस, मघा पूजा दिवस और लाॅय रोथोंग बौद्ध धर्म के कुछ त्यौहार हैैं।
जैन धर्म
माना जाता है कि जैन धर्म भारत में 7-5वीं सदी के बीच शुरु हुआ और इसकी स्थापना महावीर ने की थी। यह धर्म भगवान के नहीं बल्कि स्वयं के धर्मशास्त्र में विश्वास रखता है। यह अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांतावाद में विश्वास रखता है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में बहुत कम संख्या में लोग जैन धर्म का पालन करते हैं। जैनियों के इतिहास के अनुसार इस धर्म के कुल 24 प्रचारक थे जिन्हें तीर्थांकर कहा जाता है। इनमें ऋषभ सबसे पहले और महावीर सबसे अंतिम थे। इस धर्म के अनुयायी पांच प्रतिज्ञाएं करते हैं जिनमें अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रहम्चर्य और अपरिग्रह शामिल हैं। महावीर जयंती, पर्यूषण पर्व, दीपावली और मौन अगियारा जैन धर्म के कुछ त्यौहार हैं।
ईसाई धर्म
ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार भारत में ईसाई धर्म लगभग 2000 साल पहले आया। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या का 2.3 प्रतिशत ईसाई धर्म से है। ईसाई आबादी पूरे देश में पाई जाती है, लेकिन ज्यादातर दक्षिण भारत, पूर्वोत्तर और कोंकण तट के इलाकों में रहती है। ईसाई लोग ईसा मसीह में विश्वास रखते हैं और उन्हीं की पूजा करते हैं। उन्हें वे मानवता का रक्षक और परमेश्वर का पुत्र मानते हैं। ईसाइसों का मुख्य त्यौहार क्रिसमस है। गुड फ्राइडे, आॅल साॅल्स डे और ईस्टर कुछ ऐसे त्यौहार हैं, जो इस धर्म के लोग भारत में मनाते हैं।
अन्य
यहूदी और पारसी धर्म के लोग भी देश में बहुत कम संख्या में हैं। यहूदी धर्म के अनुसार भगवान और यहूदियों के बीच में एक पवित्र रिश्ता है। देश के अल्पसंख्यक समुदायों में से एक पारसी धर्म के लोग मानते है कि मनुष्य भगवान का सहायक होता है। इस धर्म का पालन करने वालों को पारसी कहा जाता है और यहूदी धर्म का पालन करने वालों को यहूदी कहा जाता है।
हालांकि भारत में विभिन्न धर्मों का पालन होता है पर इस देश की धर्मनिरपेक्षता और संप्रभुता बरकरार है। वास्तव में ये सभी धर्म मिलकर देश में सद्भाव, संस्कृति, इतिहास और शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अंतिम संशोधन : जुलाई 24, 2018