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उपन्यासों पर बनी फिल्में: चेतन भगत

April 11, 2018
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पुस्तकों या उपन्यासों पर आधारित फिल्म

पुस्तक पाठकों को, पात्रों की कल्पना करना और उन पर आधारित एक पूरी फिल्म बनाना काफी पसंद होता है। पाठकों को मंत्रमुग्ध करने वाली और रुचिकर लगने वाली अच्छी पुस्तकें उन्हें एक अलग दुनिया का अनुभव प्रदान करने का अवसर देती है। वास्तव में पढ़ी हुई पुस्तकों या उपन्यासों पर आधारित फिल्म देखना हमेशा काफी मजेदार लगता है। सही कहा ना?

चेतन भगत, भारत के उन सफल लेखकों में से एक है, जिनके उपन्यासों ने मुख्य भूमिकाओं में अभिनीत अच्छे अभिनेताओं के साथ-साथ कुछ सबसे बड़ी बॉलीवुड फिल्मों को प्रेरित किया है। चेतन भगत न सिर्फ एक भारतीय लेखक हैं, बल्कि वह पटकथा लेखक, समीक्षक, टेलीविजन व्यक्तित्व और प्रेरक वक्ता भी हैं। चेतन भगत के हास्यजनक व्यक्तित्व को उनकी लेखन शैली के साथ-साथ उनकी सोशल मीडिया में उपस्थिति के साथ भी उल्लेखित किया जा सकता है। यहाँ तक कि हाल ही में उनका, कांग्रेस में शामिल होने का दावा करने और साथ में “अप्रैल फूल डे” का लिंक जोड़ने वाला एक ट्वीट भी वायरल हुआ था।

यहाँ पर चेतन भगत के उन उपन्यासों की सूची प्रस्तुत है, जिन पर फिल्में बनी:

  1. फाइव प्वाइंट समवन

फाइव प्वाइंट समवन ऐसा उपन्यास है, जो अलग-अलग पृष्ठभूमि के तीन दोस्तों पर आधारित है, जो आईआईटी में बेहतर ग्रेड प्राप्त करने के लिए काफी प्रेसर (दबाव) का सामना और संघर्ष करते हैं। इस उपन्यास में जब प्रत्येक छात्र के अध्ययन की बात आती है, तो वह अधिक तनाव ग्रस्त हो जाते हैं, जिन्हें काफी सराहना भी मिली है। इस उपन्यास की कहानी तीनों दोस्तों के चारों ओर घूमती रहती है। इसमें कोई संदेह की बात नहीं है कि वर्ष 2009 में अमीर खान द्वारा अभिनीत फिल्म “थ्री इडियट्स” इससे ही प्रेरित है, जो कि बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट रही थी और उस समय काफी कमाई भी की थी। थ्री इडियट्स अभी भी भारत के लोगों की पसंदीदा फिल्मों में से एक है।

  1. 2 स्टेट्स: द स्टोरी ऑफ माय मैरिज

चेतन भगत के जीवन पर आधारित उनका यह उपन्यास विवाह के संबंध में है। उन्होंने इस उपन्यास के माध्यम से भारतीय समाज की अप्रिय सच्चाई को उजागर किया है। जब अलग-अलग जाति या धर्म के दो लोग प्रेम में पड़ जाते हैं, तो यह भारतीय समाज के लिए एक बड़ी बात हो जाती है और यहाँ तक कि इसके लिए माता-पिता भी राजी नहीं होते हैं। लेकिन, सभी के दृष्टिकोण और धैर्य से विचार करने तथा प्यार के लिए अपने माता-पिता की बहुत अधिक चापलूसी करने के बाद हम कहते हैं कि प्यार सभी को जीत लेता है। “टू स्टेट्स” फिल्म भी इसी उपन्यास से प्रेरित है, जिसमें अभिनेत्री आलिया भट्ट और अभिनेता अर्जुन कपूर ने अभिनय किया है और यह फिल्म काफी हिट भी हुई थी।

  1. द थ्री मिस्टेक्स आफ माय लाइफ

यह उपन्यास नैतिक, सामाजिक और धार्मिक दुविधाओं के चारों ओर घूमता है। यहाँ तक कि कुछ स्थितियों में यह उपन्यास दिल को पिघला देने और आँसू लाने में भी सफल रहा है। अहमदाबाद शहर पर आधारित यह उपन्यास क्रिकेट, धर्म, व्यापार, प्रेम और दोस्ती के बारे में है। इसमें भुज में आए भूकंप और जघन्य गुजरात दंगों का वर्णन किया गया है, जो वास्तव में हुए थे।

बॉलीवुड की फिल्म “काई पो चे” इसी उपन्यास पर आधारित है, जिसने तीन युवा प्रतिभाशाली कलाकारों, सुशांत सिंह राजपूत, राजकुमार राव और अमित साध को सुर्खियों में ला दिया था। इस फिल्म के रिलीज होने के बाद वह फिल्म उद्योग में बहुत अच्छी तरह से अभिनय कर रहे हैं।

  1. वन नाइट @ द कॉल सेंटर

यह उपन्यास बहुत ही रोमांचक है, जो कॉल सेंटर में काम करने वाले छह दोस्तों पर आधारित है और जब आप इसके पन्नों को पलटते हैं, तो कुछ समय के लिए आपके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इसमें दोस्त अपनी स्वयं की समस्याओं के निपटारे के साथ काम कर रहे होते हैं, लेकिन फिर एक रात किसी व्यक्ति के द्वारा आने वाली कॉल के कारण, वह अपने जीवन में विशेष रूप से बदलाव का अनुभव करते हैं। वर्ष 2008 में पहली बार यह उपन्यास फिल्म में परिवर्तित हो गया था। हालांकि, सलमान खान द्वारा अभिनीत फिल्म “हैलो” ने औसत समीक्षा प्राप्त की थी, क्योंकि फिल्म में उपन्यास के पात्रों और दृश्यों को बदल दिया गया था और एक खराब कथानक (स्क्रिप्ट) के लिए फिल्म की आलोचना भी की गई थी।

  1. हाफ गर्लफ्रेंड

हाफ गर्लफ्रेंड उपन्यास ने अभिनेता अर्जुन कपूर और अभिनेत्री श्रद्धा कपूर द्वारा अभिनीत फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ को प्रेरित किया है और यह फिल्म हाल ही में रिलीज हुई है। एक बार फिर सांस्कृतिक अंतर को प्रदर्शित करते हुए, यह उपन्यास एक बिहारी युवा लड़के की कहानी को दर्शाता है, जो खुद उचित ढंग से अंग्रेजी नहीं बोल पाता है, लेकिन वह दिल्ली की एक उच्च-स्तरीय अंग्रेजी बोलने वाली अमीर लड़की से प्यार करने लगता है। यह उपन्यास किशोरों पर आधारित है, जो जब तक बहुत देर नहीं हो जाती है, तब तक यह निश्चित ही नहीं कर पाते हैं कि उनके बारे में कोई क्या महसूस करता है। गलतफहमी और अपरिपक्वता, अच्छी दोस्ती को तोड़ देती है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि युवा इस उत्कृष्ट कहानी से संबंधित होते हैं।

चेतन भगत 22 अप्रैल को 43 वर्ष के हो जाएंगे, लेकिन अब भी वह आसानी से परख लेते हैं कि आधुनिक भारत के युवा क्या कर रहे हैं। यही वजह है कि हर कोई उनकी अगली किताब का बेसब्री से इंतजार करता है। चेतन भगत की कहानियाँ सभी को उनके युवा दिनों और पुरानी दोस्ती की यादें ताजा करने में शीर्ष पर हैं।

सारांश
लेख का नाम- उपन्यास जो बॉलीवुड की फिल्म बन गए: चेतन भगत

लेखक का नाम- रीका ग्रोवर

विवरण- इस लेख में उन फिल्मों की बात की गई है, जो उपन्यासों या कहानियों पर आधारित हैं। अगर यह सच है कि दृश्य देखना शब्दों को पढ़ने से बेहतर है, तो जाएं और उन निर्दिष्ट फिल्मों को देखें, जिन्हें आपने पुस्तकों में पढ़ा है।