Rate this {type} “वह परिवर्तन खुद में करो जो तुम दुनिया में लाना चाहते हो” – महात्मा गाँधी क्या आप जानते हैं कि हर साल मलेरिया – एड्स जैसी बीमारियों और आतंकवादी घटनाओं से होने वाली मौतों से कहीं ज्यादा मौत भुखमरी की वजह से होती हैं? क्या आप जानते हैं कि हर दस सेकेण्ड में एक बच्चा भूखा होने की वजह से दम तोड़ देता है? क्या आप जानते हैं कि हर रात आठ [...]
Rate this {type} उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर करने संबंधी याचिकाओं पर महत्वपूर्ण सुनवाई जारी की है। सुनवाई के दूसरे दिन केंद्र ने धारा 377 के तहत गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में डालते हुए इस मामले पर अनुरोध करते हुए कहा है, कि समलैंगिकता अपराध है या नहीं इस बात का फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ कर रही है। पीठ के [...]
Rate this {type} भारत,कामसूत्रों की भूमि, खजुराहो के सेक्स मंदिर और ‘शिवलिंग’ की पूजा करने वाले लोगों के बीच “सेक्स” शब्द हमेशा से वर्जित रहा है। भारतीय समाज में, यौन जागरूकता पैदा करने के लिए सार्वजनिक स्थानों के बजाय बेडरूम के बंद दरवाजों के अंदर सेक्स पर चर्चा की जाती है। वर्ष 1994 में, जनसंख्या और विकास पर संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीपीडी) में भारत के किशोर और युवाओं के यौन प्रजनन अधिकारो (एसआरआर) की [...]
Rate this {type} प्रदूषण न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में चिंता पैदा करने वाले प्रमुख मुद्दों में से एक है। भारत की आजादी के बाद से तकनीकी उन्नति और तेजी से विकास ने सबसे ज्यादा पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है। वैश्विक पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (ईपीआई) 2018 के अनुसार,भारत को 30.57 के ईपीआई के साथ 177 वें स्थान पर पहुँच गया हैऔरयह सुनकर मन निराश हो जाता है कि देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली [...]
Rate this {type} सोशल मीडिया की इस दुनिया में हमारी गोपनीयता कितनी सुरक्षित है? गोपनीयता मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इसलिए बहुसंख्य लोकतांत्रिक देशों में, एक व्यक्ति की गोपनीयता को सुरक्षित रखने में केंद्रीय संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संस्थाओं को कुछ सेवाओं तक पहुँच प्राप्त करने के लिए हमारी व्यक्तिगत जानकारी की आवश्यकता होती है और किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी को कोई तीसरा व्यक्ति आसानी से प्राप्त न कर [...]
Rate this {type} आज हम जिस तरह की दुनिया में रहते हैं, उसमें खासकर महिलाओं को अपनी आत्मरक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। महिलाओं को समाज में, आमतौर पर एक अबला नारी के रूप में देखा जाता है और उनको आसानी से निशाना बनाया जाता है। भारत जैसे देश में लिंग हिंसा से सबंन्धित मामलों में निरन्तर बढ़ोत्तरी हो रही हैं, जिनमें से ज्यादातर लोगों द्वारा इस प्रकार की हिंसा के खिलाफ कोई रिपोर्ट [...]
Rate this {type} भारत में बेरोजगारी की स्थिति अत्यधिक निराशाजनक है। हर गुजरते दिन के साथ, हम एक और भयानक समस्या की ओर बढ़ रहे हैं। भारत जैसी एक विकासशील अर्थव्यवस्था को अपनी बड़ी आबादी और बड़े पैमाने पर बेरोजगारी से परिभाषित किया जाता है, इसमें सामाजिक और आर्थिक मुद्दे जैसे कि कुपोषण, गरीबी, दवा और द्रव्यों का सेवन तथा समाज विरोधी और आपराधिक गतिविधियां आदि शामिल हैं। ऐसे सामाजिक और आर्थिक मुद्दों में कई [...]
Rate this {type} स्वतंत्रता के छह दशकों बाद भारत के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में तेजी से प्रगति के बाबजूद, भारत को हम जिस रूप में देखते हैं, वह अब भी ऐसा नहीं है जिसे विशेष रूप से न्यायपूर्ण लिंग के इलाज के संदर्भ में सराहा जा सके। भारत में लड़कियों के प्रति भेदभाव, माता-पिता के द्वारा लड़कियों की अनदेखी, अवैध गर्भपात और शिशु-हत्या सबसे स्पष्ट उदाहरण है। स्त्री से भेदभाव की प्रथा हमारे [...]