बॉलीवुड  में, ओम पुरी अपने आप में एक अद्वितीय अभिनेता थे। अगर हम इनके प्रदर्शन की विविधता पर विचार करें, तो बहुत कम कलाकार उनकी बराबरी कर सकते हैं। इन्होंने व्यावसायिक और आर्ट्स दोनों प्रकार की फिल्मों में आसानी से काम किया। इनकी प्रभावशाली आवाज और स्क्रीन पर उपस्थिति आकर्षक थी। इन्होंने ब्रिटिश और अमेरिकी दोनों फिल्मों में काम किया था।

व्यक्तिगत जीवन

इनका जन्म 18 अक्टूबर 1950 को हरियाणा के अंबाला नामक गाँव में हुआ था। इन्होंने भारत के फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान से स्नातक किया था और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के भूतपूर्व छात्र भी थे। इन्होंने अभिनेता अन्नू कपूर की बहन सीमा कपूर से शादी की थी, लेकिन उनकी शादी लंबे समय तक सफल नहीं रही थी और आठ महीने बाद उनका रिश्ता टूट गया था। उनकी दूसरी शादी नंदिता पुरी के साथ हुई थी, जिनसे उनका एक बेटा भी है।

फिल्मों और टेलीविजन में कैरियर

वर्ष 1976 में ओम पुरी की पहली फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ रिलीज हुई थी। यह फिल्म इसी नाम के एक मराठी नाटक पर आधारित थी। ओम पुरी ने अभिनेता अमरीश पुरी, नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी और स्मिता पाटिल के साथ ‘भूमिका’ (1977), ‘भवानी भवई’ (1980), ‘सद्गति’ (1981), ‘अर्ध सत्य’ (1982) और मिर्च मसाला (1986) जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया। इन फिल्मों को आमतौर पर समानांतर सिनेमा या आर्ट्स फिल्मों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जो उस समय की हिंदी फिल्मों की मुख्यधारा से बहुत अलग थीं। ओमपुरी ने सत्यजीत रे की फिल्म सद्गति, मृणाल सेन की जेनेसिस और चोख तथा देवशिशु में उत्प्लेन्दु चक्रवर्ती जैसे सर्वश्रेष्ठ बंगाली निर्देशकों के साथ काम किया।

ओम पुरी ने कई फिल्मों में कुछ यादगार भूमिकाए निभाई हैं, जिनमें आक्रोश (1980) में पीड़ित आदिवासी लाहान्या भीकू की, आरोहण (1982) में एक गरीब साझेदार किसान हरि मंडल की, अर्ध सत्य (1983) में मुंबई के एक पुलिस अधिकारी अनंत वेलंकर की, सुषमा (1986) में रेशम बिनने वाला रामुलू की, सिटी ऑफ जॉय (1992) में कोलकाता के एक रिक्शा चालक हसारी पाल की, माई सन दि फैनेटिक (1998) में एक पाकिस्तानी कैब्बी जॉर्ज खान की, फिल्म ईस्ट इज ईस्ट (1999) में ब्रिटेन में एक मछली और चिप्स की दुकान के एक पाकिस्तानी मालिक की, माचिस (1996) में सिख आतंकवादियों के एक दल के नेता और कई अन्य शामिल हैं।

ओम पुरी बहुमुखी अभिनेता थे और बहुत आसानी से सभी प्रकार की भूमिकाओं को निभाने में माहिर थे। गंभीर भूमिकाओं में अभिनय करने के अलावा ओम पुरी ने फिल्म हेरा फेरी, दुल्हन हम ले जाएंगे और मालामाल वीकली में कॉमेडियन (हास्यपूर्ण) की भूमिकाएं निभाई थी, जो काफी उल्लेखनीय हैं। ओम पुरी ब्रिटिश फिल्मों जैसे माई सन दि फेनाटिक (1997), ईस्ट इज ईस्ट (1999) और पैरोल (2001) में अभिनय करने के कारण अंतर्राष्ट्रीय कलाकार बनने में कामयाबी हासिल की थी। ओम पुरी ने हॉलीवुड की फिल्में जैसे सिटी ऑफ जॉय (1992), वुल्फ (1994) और दि घोस्ट एंड दि डार्कनेस (1996) में भी अभिनय किया है। ओम पुरी ने वर्ष 1982 में निर्देशक रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित और बेहद प्रशंसित फिल्म गांधी में अभिनय किया, जो महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित है।

ओम पुरी का टेलीविजन में योगदान काफी सराहनीय था। वर्ष 1984 में ओम पुरी ने टीवी धारावाहिक ज्वेल इन द क्राउन में अभिनय किया था, जिसमें उन्होंने मि. डिसूजा की भूमिका निभाई थी। गोविंद निहलानी का प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक, तमस को अभी भी ओम पुरी की सफलता के लिए याद किया जाता है, जो कि भीष्म साहनी के उपन्यास पर आधारित था। वर्ष 1988 में ओम पुरी ने श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित जवाहरलाल नेहरू की डिस्कवरी ऑफ इंडिया पर आधारित टीवी धारावाहिक भारत एक खोज में काम किया था। काकाजी कहिन उनका दूसरा हिंदी टीवी धारावाहिक था, जो राजनीतिज्ञों पर एक हास्य व्यंग्य और काफी लोकप्रिय धारावाहिक था।

ओम पुरी को ब्रिटिश फिल्म उद्योग में काम करने के लिए वर्ष 2004 में ऑर्डर ऑफ दि ब्रिटिश एम्पायर, ओबीई (मानद) से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1998 में, ओम पुरी ने ब्रुसेल्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में फिल्म माई सन दि फेनाटिक के लिए क्रिस्टल स्टार बेस्ट एक्टर जीता। ओम पुरी फिल्म आक्रोश (1980) के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने में कामयाब हुए थे। ओम पुरी ने वर्ष 1984 में अर्ध सत्य के लिए और वर्ष 1982 में आरोहण के लिए दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते थे।

मृत्यु

ओम पुरी का अंधेरी के निवास-गृह में 6 जनवरी 2017 को दिल का दौरा पड़ने के कारण में निधन हो गया था।