हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम – अपने जैसा एकलौता
इस सप्ताह अपने परिवार के साथ कहां घूमने जाएं क्या आप इस बात को लेकर चिंतित है? आप पिकनिक पर जाने की योजना बना तो लेते हैं लेकिन कुछ समय के बाद ही आपका मन उदास हो जाता है जो हम समझ सकते हैं। इसलिए, यदि आप एक दिवसीय भ्रमण की योजना बनाने का एक सही तरीका ढूंढ रहे हैं, तो हमने आपकी उन बातों को ध्यान में रखते हुए उसका वर्णन किया है।
हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम गुरुग्राम के राष्ट्रीय राजमार्ग -8 से कुछ मील की दूरी पर स्थित है। 90,000 वर्ग फुट में विस्तारित यह म्यूजियम (संग्रहालय) काफी आकर्षक है। हालांकि यह स्थान पहली बार में आपको अप्रत्याशित विकल्प लग सकता है, लेकिन हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि यह स्थान यात्रा के लायक है। आस-पास की भूमि और शांत परिदृश्यों के कारण यह संग्रहालय काफी आश्चर्यजनक चीजों की पेशकश करता है।
प्राचीन खिलौनों से लेकर, उत्कृष्ट विंटेज कारों, मोटरसाइकिलों, 1940 के पाइपर जे 3 सी क्यूब विमान, इस स्थान पर आपको यह सब कुछ देखने को मिलेगा। सबसे अच्छी बात है ? आप एक ही छत के नीचे इन सभी चीजों का आनंद ले सकते हैं! यदि आप इस म्यूजियम (संग्रहालय) के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो ठीक है। इस स्थान पर जाएं और वहां के प्रत्यक्ष अनुभवों का आनंद लें।
हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम का मानचित्र
कैसे पहुंचें?
हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम हरियाणा के जिला नुह में, ताओरू रोड पर एनएच -8 मील की दूरी पर स्थित है। अनुमान के मुताबिक, दिल्ली से 2 घंटे और गुरुग्राम से 45 मिनट की ड्राइव है।
यदि आप यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस स्थान तक कैसे पहुँचा जाए तो इसके लिए सभी आवश्यक जानकारी यहां दी गई हैं :
पता: बिलासपुर – ताओरू रोड (मेजर जिला रोड 132)
एनएच -8 (बिलासपुर चौक), ताओरू
गुड़गांव (हरियाणा) 122105
निर्देशांक: 28 डिग्री 15’8 “एन 76 डिग्री 55’25” ई
संपर्क जानकारीः
टेलीफोन नंबर: + 91112371 8100
ईमेल
info@heritagetransportmuseum.org
संग्रहालय के बारे में सब कुछ
हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिसंबर 2013 में हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम का उद्घाटन किया था। यह भारत का पहला व्यापक संग्रहालय है, यह परिवहन विरासत के न सिर्फ एक पहलू बल्कि सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है। इतना ही नहीं, संग्रहालय में अलग-अलग कला रूपों को शामिल किया गया है।
इस म्यूजियम का पूरा ढांचा चार स्तरों से बना है, जिसे बनने में तीन साल लगे। कुल 15 करोड़ उत्पादन लागत में से 6 करोड़ भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वहन किया गया है। बाकी का निजी निवेशकों, प्रायोजकों और दानी लोगों द्वारा योगदान दिया गया है। इस म्यूजियम को बनाने का विचार नई दिल्ली के ली मेरिडेन के मुख्य प्रबंधन अधिकारी तरुण ठकराल का है। वह क़ीमती सामानों के एक उत्साही संग्रहकर्ता हैं, पुराने वाहनों से लेकर छोटे लैंप, टाइपराइटर आदि जैसी चीजों को संग्रहित किया है।
संग्रहालय के माध्यम से यात्रा
रविवार के दिन दोपहर के समय कोई भी इस स्थान पर जा सकता है क्योंकि इस दिन म्यूजियम के आस-पास अधिक संख्या में उत्साही पर्यटक घूमते हुए नजर आएंगे। परिसर के अंदर पर्याप्त हरियाली है, और कुछ लोग मुख्य भवन के अंदर जाने से पहले खाली समय में वहां बैठकर आनंद लेते हैं। पुराने मरम्मत किए गए ट्रेन के इंजन इमारत के प्रवेश द्वार को एक ट्राम के साथ चिह्नित करते हैं जहां पर बैठकर कोई भी अपनी तस्वीरें लेना पसंद करेगा। विंटेज कार, जीप, और यहां तक कि एक पारंपरिक मुंबई टैक्सी स्टैंड भी एक तरफ खड़ा है। दूसरी तरफ कुछ क्विंकी नैनो कार खूबसूरती से कैनवास बना रही हैं।
संग्रहालय प्रबंधन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि, आप हमारी गैलरी के बाहर भी हमारी परिवहन प्रणाली की झलक पा सकें, इसके लिए बहुत सावधानी बरती है। जिसका मतलब है कि आप रिसेप्शन क्षेत्र में ऑटोमोबाइल भागों से बने भगवान गणेश की एक भव्य मूर्ति, दरवाजे के हैंडल के रूप में उपयोग किए जाने वाले साइकिल हैंडल पाएंगे।
टिकट काउंटर एक टूटी-फूटी कार से बना है और उसके ऊपर टायर को लगाया गया है और दूसरी तरफ रुपयों के लिए एक टेबल बनाई गई है। निश्चित रूप से, इस स्थान की सुंदरता आपके देखने योग्य है।
आप क्या उम्मीद कर सकते हैं?
इस म्यूजियम का निर्माण आगंतुकों को एक विश्व स्तरीय, दिलचस्प अनुभव प्रदान करने के इरादे से किया गया। हमारे युवाओं के लिए म्यूजियम (संग्रहालय) की व्यावहारिक रूप से की जाने वाली अपील को देखते हुए, इस म्युजियम का निर्माण सुनिश्चित किया गया और युवाओं के साथ-साथ यह सभी आयु के लोगों के लिए है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं दी गई हैं:
- म्यूजियम में पूरी जगह विंटेज पोस्टरों के साथ आकर्षक ढंग से सजाई गई है, जिसमें उस समय के विमानन विज्ञापन पोस्टर भी शामिल हैं जब भारत ने पहली बार एयर इंडस्ट्री में कदम रखा था। यहाँ पिछली सदी के प्रसिद्ध “लक्स” और “पार्ले-जी” के पोस्टरों का ज्यादा जिक्र नहीं किया गया है।
- सभी चार स्तरों पर लिफ्टों और रैंप के साथ व्हीलचेयर- का अनुकूल ढंग से निर्माण किया गया है।
- एक बार जब आप 2000 रुपये की रिफंडेबल सिक्योरिटी (प्रतिदेय सुरक्षा) जमा कर देते हैं तो मुफ्त ऑडियो टूर का प्रावधान उपलब्ध होता है।
- म्यूजियम में परिवहन खिलौनों का एक सेक्शन पुस्तकालय सह शोध केंद्र भी है।
- इस म्यूजियम में एक सुंदर स्मृति चिन्ह की दुकान के साथ एक खाद्य पदार्थों की दुकान भी शामिल है।
- भारतीय जनजातियों के विभिन्न कौशल संबधी हिस्से भी इस म्युजियम के अंदर अपना स्थान चुके हैं।
- यहाँ कुछ अत्याधुनिक परिवहन भी हैं जो भारत के लिए स्वदेशी हैं जैसे पारंपरिक बैल गाड़ियां, यहां तक कि एक बकरी गाड़ी भी।
- इस म्युजियम में एक मिनी-ऑडिटोरियम भी है जहां आगंतुक बैठ सकते हैं और विशेष वृत्तचित्रों को भी मुफ्त में देख सकते हैं।
प्रवेश टिकट और समय
म्यूजियम की प्रबंधकीय टीम ने भारतीय और विदेशी दोनों आगंतुकों के लिए एक समान फीस का निर्धारण किया है।
वयस्कों के लिए: 400 रुपये प्रति टिकट
बच्चों के लिए: 200 रुपये प्रति टिकट
छात्रों (प्रामाणिक आईडी सबूतों का होना आवश्यक है) के लिए: 200 रुपये प्रति टिकट
हेरिटेज ट्रांसपोर्ट संग्रहालय मुफ्त प्रवेश प्रदान करता है:
- विकलांग आगंतुकों के साथ एक साथी को
- 3 साल से कम उम्र के बच्चे को
पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका
राजधानी से म्युजियम तक दो घंटे के सफर को देखते हुए, यह सफर कई लोगों के लिए समस्या जनक हो सकता है। यहाँ जाने के लिए निजी वाहन सबसे आसान तरीका है।
हालांकि, यदि निजी परिवहन की सुबिधा न हो, तो म्युजियम द्वारा दिल्ली से विशेष परिवहन की सुविधा भी प्रदान की गई है। इच्छुक लोग बुकिंग के लिए नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं:
रागिनी भट
मोबाइल नंबर: + 91- 9871667018
ई-मेल का पता: info@heritagetransportmuseum.org
हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्युजियम देश में, विशेषकर एनसीआर के लोगों के बीच, तेजी से और अच्छे प्रयोजन के साथ, लोकप्रिय हो रहा है। यह मॉल में प्रदर्शनी देखने, या घर पर बेकार बैठे रहने के विपरीत, अपना वीकेंड बिताने के लिए एक नया विकल्प प्रदान करने का प्रबंधन करता है। इस म्युजियम के अंदरूनी और छोटी विचित्रताओं से यह प्रतीत हो रहा है कि आप यहाँ एक सेकंड के लिए भी ऊब नहीं सकते हैं।
एक ज्ञानवर्धक अनुभव से परिपूर्ण मनोरंजन – इससे बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता है! तो, अगली बार जब भी आप के पास एक अतिरिक्त दिन हो, तो इस तरह के एक म्यूजियम में जाएं और अपने इस बेहतरीन क्षण का जी भर कर आनंद लें।