लाला लाजपत राय, जिन्हें पंजाब केसरी के नाम से भी जाना जाता है, वह भारत के एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी भी थे। वे भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस गरम दल के तीन सदस्यों में से एक थे, जिन्होंने बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल के साथ भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन को बलिदान कर दिया। इन तीन लोगों को लाल-बाल-पाल के रूप में जाना जाता था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ये चरमपंथी सदस्य भारत के लिए स्व: शासन चाहते थे और देश के लिए पूर्ण राजनीतिक आजादी की माँग करने वाले वह पहले भारतीय नेता थे। वह भारत के महत्वपूर्ण हिंदू सदस्यों में से एक थे। लाला लाजपत राय 1920 में अखिल भारतीय व्यापार संघ कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वह जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड के विरोध में पंजाब के नेता थे। उन्होंने पंजाब में असहयोग आंदोलन का भी नेतृत्व किया। लाला लाजपत राय समाजवादी सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती से बहुत प्रभावित थे और पंजाब में आर्य समाज आंदोलन के मजबूत समर्थक भी थे।

व्यक्तिगत जीवन

लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 कोदुधिके (अब मोगा जिले के) गॉव में हुआ था और वह मुंशी राधाकृष्ण आजाद व गुलाब देवी के सबसे बड़े पुत्र थे। लाला लाजपत राय ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा रेवारी (तब का पंजाब, वर्तमान का हरियाणा) के सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल से प्राप्त की थीं।

साइमन आयोग और मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन    

वह साइमन कमीशन के विरोध में सबसे आगे थे तथा साइमन कमीशन के विरोध में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। तभी वह ब्रिटिश पुलिस की लाठियों का शिकार हुए और गंभीर रूप से घायल हो गये। लेकिन इतनी चोट के कारण भी शाम कि बैठक में उन्होंने उत्साह के साथ यह कहा था कि “मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी। ” हालांकि उनकी चोटों को ठीक किया गया था परन्तु वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए और 17 नवंबर, 1928 को उनकी चोटों (ब्रिटिश पुलिस की लाठी) के कारण ही मौत हो गई।

कार्य

लाला लाजपत राय स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ एक अच्छे लेखक भी थे। उनकी कुछ पुस्तकों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका – ए हिंदू इंप्रेशन एण्ड ए स्टडी, ए हिस्ट्री ऑफ द आर्य समाज, स्वराज एवं सोशल चेंज और भारत का इंग्लैंड पर ऋण, भारत में ब्रिटेन की राजकोषीय नीति का ऐतिहासिक विवरण का विशेष उल्लेख किया है। इस नेता ने पंजाब नेशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कंपनी की भी स्थापना की।

गुलाब देवी चेस्ट हॉस्पिटल

लाला लाजपत राय ने एक ऐसे ट्रस्ट की स्थापना की, जिसके द्वारा अस्पताल में आने वाले रोगियों व टी.बी. (ट्यूबरकुलोसिस) से पीड़ित महिलाओं की सहायता की जाती है। अपनी माँ की याद में उन्होंने इस हॉस्पिटल का निर्माण करवाया, जिनकी मृत्यु टी.बी. (ट्यूबरकुलोसिस) से ग्रसित होने से हुई थी। 17 जुलाई 1934 को उन्होंने अस्पताल की स्थापना की थी और उन्होंने उस अस्पताल का नाम गुलाब देवी चेस्ट हॉस्पिटल रखा था।

लाला लाजपत राय के बारे में तथ्य और सूचना

जन्म 28/01/65
 धर्म हिंदू
 जन्म स्थान धुड़ीके, पंजाब, ब्रिटिश भारत
 राष्ट्रीयता भारतीय
 पिता मुंशी राधा कृष्ण आजाद
 मृत्यु 17 नवंबर, 1928 (63 वर्ष), लाहौर, पंजाब, ब्रिटिश भारत
 शिक्षा सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल
 राजनीतिक कैरियर भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस, आर्य समाज
 प्रकाशन और लेखन बी. डब्ल्यू  ह्यूबेच 1917

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