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यूपीआई-आधारित सेवा अपनाने के लिये पेटीएम पेमेंट्स बैंक

June 21, 2017


paytm-payments-bank-to-adopt-UPI-based-service-hindiवन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक अपने ग्राहकों के लिये यूपीआई-आधारित भुगतान सेवा शुरू करने की योजना बना रही है। 20 जून 2017 को बैंक द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में इसकी सूचना दी गयी। इसका उद्देश्य देश में डिजिटल भुगतान करके सरकार की पहल को मजबूत बनाना है। इससे उपभोक्ताओं और व्यापारियों को अपने बैंकिंग मंच पर आसानी से लेन-देन करने में भी मदद मिलेगी। पेटीएम भुगतान बैंक (पीपीबी) खाताधारक जल्द ही एक यूपीआई आईडी (यूजरनेम@पेटीएमबैंक) का उपयोग करके पैसों का लेन-देन करने में सक्षम होंगे। यूपीआई एप्लीकेशन यूपीआई के जरिए पीपीबी उपभोक्ताओं से पैसा लेने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन स्थानों पर भी व्यापारियों की मदद करेगा।

यूपीआई क्या है?

यूनिवर्सल पेमेंट्स इंटरफेस को संक्षेप में यूपीआई कहा जाता है। यह सरकार द्वारा प्रबंधित एक रूपरेखा है, जिसमें विभिन्न समूहों के लिए नगदहीन भुगतान का प्रसार करने के लिए तीसरे पक्ष के एप्लीकेशनों और मंचों को अनुमति दी जाती है।

इसमें एक से अधिक बैंक के खातों को एक ही मोबाइल एप्लीकेशन (किसी भी सहभागी बैंक) से जोड़ दिया जाता है। जहाँ ग्राहकों को एक ही मंच के जरिए कई बैंकिंग सुविधाएं, बिना किसी बाधा के लेन-देन और व्यापारी भुगतान जैसी सुविधाएं प्राप्त हो सकती है। यूपीआई में “पीयर टू पीयर” संचय याचिका भी शामिल है, जिसका सुविधा और आवश्यकता के अनुसार भुगतान किया जा सकता है।

पेटीएम और यूपीआई

पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने कहा कि इसके ग्राहक एक अद्वितीय यूपीआई खाता खोलने  में सक्षम होंगे, जिसके माध्यम से वे पैसों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। विभिन्न व्यापारी नई आईडी बनाकर यूपीआई पर भुगतान का लेन-देन कर सकते हैं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भारत में पेटीएम लगभग 225 मिलियन लोगों का बड़ा ग्राहक आधार है, पेटीएम बैंक यूपीआई के बड़े प्रदाता के रूप में उभरने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।

23 मई 2017 को पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने अपनी मूल कंपनी से 220 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया है, जिससे यह एयरटेल पेमेंट्स बैंक लिमिटेड और भारत पोस्ट पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के सामने प्रतियोगिता में आ गया है।

यूपीआई में मौजूदा प्रतिभागी

  • भुगतानकर्ता पीएसपी
  • प्राप्तकर्ता पीएसपी
  • प्रेषक बैंक
  • लाभार्थी बैंक
  • एनपीसीआई
  • बैंक खाता धारक
  • व्यापारी

बैंकों को यूपीआई का उपयोग करने से लाभ

  • एक क्लिक से दो कारकों का प्रमाणीकरण
  • लेनदेन के लिए सार्वजनिक एप्लीकेशन
  • सुरक्षित और सुदृढ़
  • भुगतान के लिए एकल या अनन्य पहचानकर्ता
  • व्यापारियों को बिना किसी बाधा के लेन-देन में सक्षम बनाना

यूपीआई का उपयोग करने वाले ग्राहकों के लिए लाभ

  • 24 घंटे की सेवा
  • एकल एप्लीकेशन का उपयोग करके विभिन्न बैंक खातों तक पहुँच
  • अधिक सुरक्षित आभासी आईडी का उपयोग करना
  • एकल क्लिक से प्रमाणीकरण

यूपीआई का उपयोग करने से व्यापारियों को होने वाले लाभ

  • ग्राहकों से निर्बाध निधि का संग्रह
  • ग्राहक का पता जैसे क्रेडिट कार्ड का संग्रहण करने से कोई जोखिम नहीं
  • बिना क्रेडिट या डेबिट कार्ड वाले ग्राहकों की पहचान करना
  • ई-कॉम और एम-कॉम लेनदेन के लिए प्रभावी
  • सीओडी संग्रह की समस्याओं का निराकरण

यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता

मार्च 2017 में कुल लेन-देन लगभग 359 डॉलर था, जबकि पिछले साल नवंबर 2016 में कुल लेन-देन केवल 15 मिलियन डॉलर था। यह पिछले 2 वर्षों में यूपीआई की लोकप्रियता में हुई वृद्धि को दर्शाता है। विमुद्रीकरण के साथ, भारतीय रिजर्व बैंक के आँकड़ों के मुताबिक इसकी लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई है। दिसंबर में सरकार ने भारत इंटरफेस फॉर मनी या ‘भीम’ ऐप लॉन्च किया था। इस ऐप को 20 मिलियन लोगों द्वारा डाउनलोड किया गया है जिसमें लगभग 40% खाते यूपीआई लेन-देन के हैं। एक अन्य यूपीआई आधारित ऐप ‘आधार पे’ भी अप्रैल में सरकार द्वारा लक्षित व्यापारियों के लिए शुरू किया गया था। भीम ऐप के बाद यूपीआई आधारित सबसे लोकप्रिय ऐप फ्लिपकार्ट है, जिसने जनवरी में ही 10 मिलियन उपयोगकर्ताओं का आँकड़ा पार कर लिया था।