इलैयाराजा एक असाधारण प्रतिष्ठित भारतीय संगीत वादक, संगीतकार, गायक और गीत लेखक हैं। इलैयाराजा दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे प्रसिद्ध संगीतकार हैं। इलैयाराजा ने पश्चिमी संगीत के साथ तमिल के लोक गीतों को सम्मिलित करके, दक्षिण भारतीय संगीत को एक नया रूप दिया है। इलैयाराजा का जन्म तमिलनाडु में थेनी जिले के पन्नीपुरम में रामास्वामी और चिन्नाथायाम्मल के यहाँ हुआ था। इलैयाराजा की शादी जीवा के साथ हुई थी और उनके दो पुत्र कार्तिक राजा (संगीतकार) और युवान शंकर राजा (संगीतकार) हैं और उनकी बेटी भवतारिनी (संगीतकार और गायिका) हैं। पाँच बार ग्रैमी पुरुस्कार जीतने वाले ध्वनि अभियंता रिचर्ड किंग, इलैयाराजा के संगीत से मंत्रमुग्ध हो गए थे और उन्होने कहा, “इलैयाराजा भारत का वह संगीतमय चेहरा है, जिसे देखकर पश्चिमी दुनिया वास्तव में दंग रह गई है।”

इलैयाराजा ने विभिन्न प्रसिद्ध शिक्षकों के मार्गदर्शन में कर्नाटक संगीत और पश्चिमी संगीत में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की। इलैयाराजा ने लंदन के आयोजित ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक द्वारा शास्त्रीय गिटार (उच्चतर स्थानीय) में स्वर्ण पदक जीता था। वर्ष 1976 से इलैयाराजा ने 5000 से अधिक गानों के लिए और 840 से अधिक भारतीय फिल्मों की पृष्ठभूमि के लिए कई भाषाओं में संगीत दिया है। इलैयाराजा को लंदन के रॉयल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा (आरपीओ) के साथ सिम्फनी (एक प्रकार की संगीत रचना) की रचना का सम्मान प्राप्त हुआ है और यह सम्मान प्राप्त करने वाले वह पहले एशियाई हैं।

इलैयाराजा ने बुडापेस्ट सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा से “थिरुवसागम- एक सिंफोनिक ओरटोरियो” एल्बम बनाया। इस एल्बम में पूर्व और पश्चिम का संयोजन है और इसमें भारत और हंगरी के 200 से अधिक संगीतकारों को शामिल किया गया है। विंड केवल एक प्रायोगिक एल्बम नहीं है, इसमें इलैयाराजा ने कर्नाटक और बैरक (काल्पनिक) संगीत की विभिन्न शैलियों को दर्शाया है।

इलैयाराजा को कई पुरुस्कार प्राप्त हुए, जिनमें से कुछ के नाम प्रस्तुत है-

सागर संगम (वर्ष 1984), सिंधु भैरवी (वर्ष1986) और रुद्रवीणा (वर्ष1989) फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार मिला था।

कलईमानी पुरुस्कार से सम्मानित (तमिलनाडु राज्य द्वारा कला के क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए सम्मानित किए गए थे)

आंध्र प्रदेश राज्य में संगीत में योगदान के लिए उत्कृष्टता पुरुस्कार से सम्मानित हुए।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम. करुणानिधि द्वारा वर्ष 1988 में इसाइनानी शीर्षक (संगीत के क्षेत्र में बुद्धिमत्ता के लिए) प्रदान किया था।

अन्नामलाई विश्वविद्यालय तमिलनाडु (मार्च,1994 में) और मदुरै कामराज विश्वविद्यालय तमिलनाडु (वर्ष 1996 में) द्वारा डॉक्टर ऑफ लेटर्स की उपाधि से सम्मानित थे।

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