ललिता पवार ने विविध प्रकार की चैलेंजिग और ऑफ बीट भूमिकाएँ की हैं। ललिता पवार की रूपहले पर्दे पर लोकप्रिय छवि एक षड़यन्त्रकारी, ईर्ष्यालु और बहू का शोषण करने वाली सास की थी। ललिता पवार का फिल्मी करियर काफी लंबा वर्ष 1928 से 1998 तक रहा। ललिता पवार ने 12 साल की कम उम्र से ही मूक युग से लेकर डिजिटल ध्वनि युग तक, करीब 82 वर्ष की उम्र तक काम किया। ललिता पवार की आखिरी हिंदी फिल्म 1993 में रिलीज हुई, उन्होंने फिल्म ‘भाई’ (1997) में पूजा बत्रा की नानी और ओम पुरी की मां की भूमिका निभाई थी। अपने कैरियर के सत्तर साल के भीतर उन्होंने सात सौ फिल्मों में काम किया था।
ललिता पवार का जन्म 18 अप्रैल 1916 को महाराष्ट्र के नासिक के एक छोटे से गांव येवले में हुआ था और उनके माता-पिता ने उनका नाम अम्बा लक्ष्मण राव सगुन रखा था। वर्ष 1927 में, ललिता पवार अपने भाई और पिता के साथ पुणे चली गईं, जहाँ वह ‘आर्यन प्रोडक्शंस’ गईं और उन्हें फिल्म ‘पतित उद्धार’ में एक बाल कलाकार की भूमिका मिल गई। इस फिल्म में उन्हें ‘ललिता’ नाम दिया गया। फिल्म में ललिता पवार ने एक निर्दोष बच्चे की भूमिका निभाकर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था।
ललिता पवार ने उस कंपनी के साथ लगभग 20 फिल्में की और उसके बाद दूसरी कंपनी के साथ काम करने लगीं। ललिता पवार को अपनी पहली फिल्म के बाद ही उनके पास फिल्मों में काम करने के ऑफर आने लगे और अगले 18 सालों तक ललिता पवार विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं करती रहीं। जब ललिता बड़ी हुईं, तो उन्होंने कई फिल्मों में मुख्य भूमिकाएँ की और “मूक फिल्मों की सबसे सम्मोहक सुंदरी” बन गईं।
वर्ष 1932 में, ललिता पवार ने ‘कैलाश’ नामक एक मूक फिल्म का निर्माण किया और उसमें अभिनय भी किया। इस फिल्म में ललिता ने नायिका, खलनायिका और मां तीन भूमिकाएँ की। वर्ष 1937 में, ललिता पवार ने एक अन्य फिल्म ‘दुनिया क्या है’ का निर्माण किया, जो एक टॉकी फिल्म थी। एक घातक दुर्घटना में, ललिता पवार के चेहरे पर पारालिसिस का अटैक हो गया और उनकी आँखों की दृष्टि खराब हो गई। चार साल के उपचार के बाद ललिता पवार ने दोबारा फिल्म उद्योग की ओर रूख किया। मराठी में उनकी कुछ सुपरहिट फिल्में थीं- नेताजी पालकर (1938), संत दामाजी, अमृत, गोरा कुंभार।
ललिता पवार ने ऐतिहासिक से सामाजिक, कॉस्ट्युम ड्रामा से पौराणिक, कॉमेडी से ट्रेजेडी, रोमांचक से संगीतमय और गंभीर से रोमांसवाली फिल्मों में अभिनय किया। ललिता पवार की कुछ यादगार फिल्में हैं- ठाकसेन राजपुत्र, पृथ्वीराज चौहान, गमिनी कावा, चतुर सुंदरी, पद्मावती पारीनी, श्री 420, प्रेम बंधन, सांग ऑफ लाइफ, दलेर, जिगर और कई अन्य फिल्में हैं। दो फिल्में ठकसेन राजपूत और चतुर सुन्दरी मुंबई थिएटरों में रिकॉर्ड अवधि साथ तक चली। फिल्म ‘चतुर सुंदरी’ में ललिता ने 17 विभिन्न भूमिकाएँ निभाई थी।
ललिता पवार ने अपने अंतिम दिन पुणे में बिताए जहाँ 24 फरवरी 1998 को उनका निधन हो गया।
ललिता पवार के बारे में तथ्य
नाम | ललिता पवार |
पूरा नाम | अम्बा लक्क्ष्मन राव सगुन |
उपनाम | |
जन्म तिथि | 18 अप्रैल 1916 (मौत के समय आयु: 81 साल 10 महीने 6 दिन) |
जन्मस्थान | नासिक, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
राशि चक्र | मेष |
कद | |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | |
पिता का नाम | |
माता का नाम | |
वैवाहिक स्थिति | उनकी पहली शादी गणपतराव पवार से हुई थी, अपनी छोटी बहन का अफेयर अपने पति के साथ होने के कारण उनके रिश्ते में खटास आ गई थी, बाद में उन्होंने फिल्म निर्माता राजप्रकाश गुप्ता से शादी कर ली |
स्थायी पता | |
गृह नगर | |
शिक्षा | |
पहली फिल्म | |
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