मशहूर फिल्म निर्माता महेश भट्ट का जन्म 20 सितंबर, 1949 को मुंबई के फिल्म निर्माता परिवार में हुआ था। वर्ष 1970 में कालेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने फिल्मों का निर्माण किया। उन्होनें अपने व्यवसाय की शुरूआत निर्देशक राज खोसला के साथ की, उन्होंने 21 वर्ष की आयु में अपनी पहली फिल्म निर्देशित की। वर्ष 1985 में मास्को फिल्म महोत्सव में फिल्म सारांश के लिए उन्हें विशेष पुरस्कार से नवाजा गया था। अर्थ (वर्ष 1985), जानम (वर्ष 1985) और नाम (वर्ष 1986) जैसी फिल्मों के साथ महेश भट्ट मशहूर हुए।

वह फिल्म निर्माण के विषय में अपनी अपरंपरागत शैली के लिए जाने जाते हैं। जो अपने जीवन के कई अनुभवों को प्रतिबिंबित करते हैं। वर्ष 1998 में उनकी फिल्म ‘जख्म’ सेंसर बोर्ड के साथ विवादों में घिर गई, क्योंकि फिल्म में वर्ष 1993 में हुए मुम्बई दंगों को दर्शाया गया था। इस फिल्म में उन्होंने अपनी मुस्लिम माँ के उनके हिन्दू पिता नानाभाई भट्ट, जो स्वयं एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता थे, से उनके संबंधों के बीच में चल रहे तनाव को दर्शाया गया है। उन्होंने यू. जी. कृष्णमूर्ति: ए लाईफ नामक एक पुस्तक लिखी। वर्ष 1982 में उनकी फिल्म अर्थ में, शबाना आजमी ने विशेष भूमिका निभाई। महेश भट्ट ने वर्ष 1987 में स्वयं के स्थापित विशेष फिल्म बैनर के तहत अपने छोटे भाई मुकेश के साथ फिल्में रिलीज करना शुरू किया।

महेश भट्ट प्रसिद्ध अभिनेत्री और निर्देशक पूजा भट्ट के पिता हैं। उनका संबंध प्रसिद्ध बॉँलीवुड की अभिनेत्री परवीन बाबी से था। जिनका निधन हो चुका है। यहाँ उनकी कुछ प्रसिध्द फिल्में – कारतूस (1999), ये है मुंबई मेरी जान (1999), अंगारे (1998), डुब्लिकेट (1998), तमन्ना (1997), दस्तक (1996), चाहत (1996), पापा कहते हैं (1996), नाजायज (1995), क्रिमिनल (1995), मिलन (1995), नाराज (1994), तड़ीपार (1993), गुमराह (1993), सर (1993), दिल है कि मानता नहीं (1991) और सियासत (1998) आदि हैं।

 

 

 

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