मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 में मक्का, सऊदी अरब में हुआ था। मौलाना अबुल कलाम भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी व्यक्ति होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध लेखक, कवि और पत्रकार भी थे। मौलाना अबुल कलाम ने अपना उपनाम आजाद (स्वतंत्र) रखा था। अपने बचपन में ही आजाद ने, एक शिक्षक द्वारा परंपरागत इस्लामी शिक्षा के साथ-साथ, गणित, दर्शनशास्त्र, इतिहास और विज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन घर पर ही रहकर पूरा किया था। अपने स्वयं के प्रयासों के माध्यम से अबुल कलाम आजाद ने पश्चिमी  दर्शनशास्त्र, इतिहास और समकालीन राजनीति के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा भी सीखी। अबुल कलाम आजाद ने अफगानिस्तान, ईराक, मिस्र, सीरिया और तुर्की जैसे देशों का दौरा किया। अबुल कलाम आजाद ने वर्ष 1905 में बंगाल विभाजन का विरोध किया था।

अबुल कलाम आजाद ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की और विश्वविदयालय अनुदान आयोग (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) के निर्माण में अपना पूरा सहयोग दिया।

व्यक्तिगत जीवन

अबुल कलाम का वास्तविक नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन था, लेकिन इन्हें मौलाना आजाद के नाम से भी जाना जाता था। अबुल कलाम, पिता बंगाली मौलाना मोहम्मद खैरूद्दीन और माँ अरब के यहाँ पैदा हुए थे। अबुल कलाम आजाद का जन्म मक्का में हुआ था, लेकिन इनका परिवार 1890 में कलकत्ता में आकर बस गया था। महज तेरह साल की उम्र में ही अबुल कलाम आजाद का निकाह बेगम जुलेखा से हो गया था।

साहित्यिक रचनाएं

मौलाना आजाद ने 1912 में अल-हिलाल नामक एक साप्ताहिक उर्दू पत्रिका का सूत्रपात किया था। किसी कारण वश वर्ष 1914 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया, इसके बाद उन्होंने ’अल-बलाघ’’ नामक एक नई पत्रिका की शुरुआत की।

अबुल कलाम की उल्लेखनीय रचनाओं में से ’गुबार ए खातिर’’ लेख उनके प्रसिद्ध लेखों में से एक है जिसे वर्ष 1942 और 1946 के बीच लिखा गया था।

अबुल कलाम आजाद ने ब्रिटिश शासन की आलोचना करते हुए और भारत के लिए स्व-शासन की हिमायत में कई रचनाओं को प्रकाशित किया। अबुल कलाम आजाद की भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित संपूर्ण पुस्तक का शीर्षक ’इंडिया विंस फ्रीडम’ वर्ष 1957 में प्रकाशित हुई थी।

राजनीतिक कैरियर

मौलाना अबुल कलाम आजाद “खिलाफत आन्दोलन” के दौरान एक नेता के रूप में महात्मा गाँधी के बेहद करीबी बन गए। वर्ष 1923 में मौलाना अबुल कलाम भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अध्यक्ष पद पर निय़ुक्त किए गये। अबुल कलाम आजाद ने हिन्दू-मुस्लिम एकता का समर्थन किया और पाकिस्तान के एक अलग मुस्लिम देश की माँग का विरोध भी किया। मौलाना आजाद वर्ष 1923 में हुए धरसाना सत्याग्रह के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में से एक थे। मौलाना अबुल कलाम वर्ष 1940 में काँग्रेस के अध्यक्ष बने और 1945 तक इस पद पर कार्य किया। उस समय चल रहे ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ में भी अबुल कलाम शामिल हुए। अबुल कलाम आजाद ने भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए संविधान सभा में कार्य किया और वर्ष 1952 से 1957 तक लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। अबुल कलाम आजाद ने वर्ष 1956 में दिल्ली के यूनेस्को जनरल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

मौलाना अबुल कलाम आजाद के बारे में त थ्य और जानकारी

जन्म 11 नवम्बर 1888
धर्म इस्लाम
जन्म स्थान मक्का हिजाज विलायत,तुर्की साम्राज्य (अब सउदीअरब)
नागरिकता भारतीय

 

पिता का नाम मौलाना मोहम्मह खैरूद्दीन
माता का नाम अरब
मृत्यु 22 फरवरी 1958 (आयु 69) दिल्ली
पत्नी का नाम जुलेखा बेगम
राजनीतिक कैरियर

 

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पुरस्कार और सम्मान भारत रत्न

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *