वर्ष 2005 में ग्रैंड मास्टर का खिताब जीतने वाले परिमार्जन नेगी सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी हैं। वह विश्वभर में शतरंज के गुरू के रूप में मशहूर हैं। परिमार्जन नेगी का जन्म 9 फरवरी 1993 को उत्तराखंड में परिधि नेगी के घर हुआ था और बचपन में ही वह अपने परिवार के साथ दिल्ली में आकर रहने लगे थे। उनके पिता एक हवाई यातायात नियंत्रक (एयर ट्रेफिक कंट्रोलर) हैं और उनकी माँ भारतीय जीवन बीमा निगम में कार्य करती हैं।

अपनी जन्मजात प्रतिभा के कारण परिमार्जन नेगी ने 5 साल की उम्र से पहले शतरंज की सभी चालों का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। नई दिल्ली के साकेतनगर के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षा ग्रहण करना, उनके लिए वरदान साबित हुआ था, क्योंकि स्कूल ने उन्हें उनकी खूबी को निखारने के लिए प्रोत्साहित किया था और अभी भी वह शतरंज के खेल में महत्वाकाँक्षी भविष्य बनाने के लिए प्रयत्नरत हैं।

परिमार्जन नेगी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंडर -10 श्रेणी में एशियाई यूथ शतरंज चैम्पियनशिप वर्ष 2002 और कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप वर्ष 2003 दोनों में स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। वर्ष 2004 में परिमार्जन नेगी ने कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप की अंडर -14 श्रेणी में रजत पदक जीता था। परिमार्जन नेगी ने वर्ष 2003 में एशियन यूथ चैम्पियनशिप की अंडर -10 श्रेणी में और वर्ष 2004 में वर्ड यूथ चैम्पियनशिप की अंडर -12 श्रेणी में कांस्य पदक जीता था।

परिमार्जन नेगी अपने शानदार प्रदर्शन के कारण 2004 में नेशनल सब-जूनियर चैम्पियनशिप की अंडर -15 श्रेणी में स्वर्ण पदक हासिल करने में सक्षम हुए थे। अपनी छोटी सी उम्र में, वर्ष 2002 में नेशनल चैम्पियनशिप की अंडर -9 श्रेणी में और वर्ष 2003 में नेशनल चैम्पियनशिप की अंडर -11 श्रेणी में उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। वह वर्ष 2000 में नेशनल चैम्पियनशिप की अंडर -7 श्रेणी में रजत पदक जीतने में कामयाब रहे थे।

 

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