मीरा कुमार, अपने राजनीतिक कैरियर के दौरान पांच बार संसद की सदस्य और 2017 के चुनाव में भारत के राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की उम्मीदवार रह चुकी हैं। मीरा कुमार ने 2009-2014 की अवधि के दौरान लोकसभा की पहली महिला स्पीकर होने का भी सम्मान प्राप्त किया है।

72 वर्षीय मीरा कुमार ने जो पेशे से एक वकील और पूर्व राजनायिका भी हैं, मनमोहन सिंह की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है।

एक सुखद, विनम्र, लेकिन एक अलग व्यक्तित्व वाली, मीरा कुमार को भारतीय विदेश सेवाओं के साथ काम करने का अनुभव प्राप्त हुआ है और मीरा कुमार ने स्पेन, मॉरीशस और यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) सहित विदेशी दूतावासों के रूप में कार्य किया है।

मीरा कुमार का बचपन

मीरा कुमार अनुसूचित जाति की हैं और उनका जन्म बिहार के आरा जिले में हुआ था। मीरा कुमार के पिता जगजीवन राम एक प्रमुख दलित नेता और भारत के भूतपूर्व उप प्रधानमंत्री थे, मीरा की मां इंद्राणी देवी एक स्वतंत्रता सेनानी थीं।

मीरा कुमार ने वेलहम गर्ल्स स्कूल, देहरादून और महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल जयपुर से अपनी शिक्षा पूरी की है। मीरा कुमार ने इंद्रप्रस्थ कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से एम.ए. और एल.एल.बी में स्नातकोत्तर किया है। मीरा कुमार ने वर्ष 2010 में बनस्थली विद्यापीठ से मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।

मीरा कुमार एक बेहतरीन खिलाड़ी होने के साथ-साथ एक अच्छी घुड़सवार भी हैं और राइफल शूटिंग में पदक भी जीते हैं। वह स्पेनिश भाषा बिना अटके बोलती हैं।

परिवार

मीरा कुमार का विवाह उच्च न्यायालय के वकील मंजुल कुमार से हुआ है। वह कंपनी जेके एग्रि प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड में 50% की हिस्सेदार भी हैं। उनके तीन बच्चे हैं – एक बेटा और दो बेटियां।

व्यावसायिक कैरियर

मीराकुमार ने एम.ए. और एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वर्ष 1973 में एक राजनायिका के रूप में भारतीय विदेश सेवा से अपने करियर की शुरूआत की थी। वर्ष 1984 में मीरा कुमार को उनके कार्यकाल के दौरान,इंडियन फॉरेन सर्विस (आईएफएस) के साथ मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम और स्पेन में नियुक्त किया गया था। वर्ष 1980 में, मीरा कुमार सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की सदस्य बनी थी।

मीरा कुमार का राजनीतिक कैरियर

जब मीरा कुमार उत्तर प्रदेश के बिजनौर से चुनाव लड़ रही थीं तब उन्होंने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) छोड़ दी थी और वर्ष 1984 में राजनीति में शामिल हो गईं। मीरा कुमार ने उस चुनाव में दो दलित नेता मायावती और राम विलास पासवान सहित, कुछ प्रमुख दिग्गज नेताओं को हराया था।

राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद से, मीरा कुमार दिल्ली में करोल बाग के 6वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा की सदस्य रही हैं। वर्ष 1996 में, मीरा कुमार को कुछ भाजपा प्रतिद्वंदियों की वजह से अपनी सीट गंवानी पड़ी। हालांकि, वर्ष 2004 और 2009 में अपने पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र, बिहार के सासाराम से दुबारा चुनी गई।

मीरा कुमार वर्ष 2014 में छेदी पासवान से मात्र 327 मतों के अंतर पर बिहार के सासाराम से चुनाव हार गईं थी।

वर्ष 2009 में, मीरा कुमार ने लोकसभा स्पीकर पद पर नामांकित होने से पहले कुछ दिनों तक केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। मीरा कुमार लोकसभा की पहली महिला स्पीकर के सम्मानित पद के लिए निर्विरोध चुनी गई हैं। मीरा कुमार वर्ष 2009 से 2014 तक इसी पद पर कार्यरत रहीं।

मीरा कुमार भारत के राष्ट्रपति के रूप में

मीरा कुमार का उद्देश्य जाति के बजाय विचारधारा के आधार पर राष्ट्रपति का चुनाव लड़ना है। मीरा कुमार की विचारधारा में लोकतांत्रिक मूल्य, समावेशन, सामाजिक न्याय, प्रेस की स्वतंत्रता और अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण जाति व्यवस्था को समाप्त करना शामिल है। यदि वह निर्वाचित हुईं, तो भारतीय विदेश सेवा का उनका अनुभव निश्चित रूप से काम में आएगा, जब वह भारत के राष्ट्रपति के रूप में दुनिया भर के राजनायिकों का स्वागत करेंगी।

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