विलासराव दगड़ोजीराव देशमुख का जन्म 26 मई 1945 को महाराष्ट्र के बाभलगांव में हुआ था और वह एक प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ थे। विलासराव देशमुख राज्य सभा के संसद सदस्य, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य और दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। विलास राव देशमुख ग्रामीण विकास मंत्री, पंचायती राज मंत्री, उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और भू-विज्ञान मंत्री के पदभार संभाल चुके हैं। अगस्त 2012 में, विलासराव देशमुख किडनी और लीवर के खराब होने से गंभीर रूप से बीमार हो गए थे और वह चेन्नई के एक अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे। 14 अगस्त 2012 को चेन्नई के ग्लोबल हॉस्पिटल में विलासराव देशमुख का निधन हो गया।

विलासराव देशमुख मराठा समुदाय से थे। विलास राव देशमुख की पत्नी का नाम वैशाली देशमुख है और उनके तीन बेटे, अमित देशमुख जो लातूर शहर के एक विधायक, रितेश देशमुख- एक प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता और धीरज देशमुख हैं। श्री विलासराव ने एम.ई.एस आबासाहेब गरवारे कॉलेज, पुणे विश्वविद्यालय से विज्ञान और कला में स्नातक किया और कानून का अध्ययन करने के लिए पुणे विश्वविद्यालय के आईएलएस लॉ कॉलेज चले गए। विलासराव देशमुख ने अपनी युवावस्था के शुरुआती दिनों में ही सामाजिक गतिविधियों में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया था। वर्ष 1979 में, देशमुख को उस्मानाबाद जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का निदेशक और महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के निदेशक के रूप में नामित किया गया था। विलास राव देशमुख ने मांजरा चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की जो लातूर और मुंबई में कई कॉलेजों को चलाती है।

वर्ष 1974 में विलासराव देशमुख ने राजनीति में प्रवेश किया और बाभल गांव से ग्राम पंचायत के सदस्य बन गए, उसी समय विलासराव सरपंच (गांव प्रमुख), उस्मानाबाद जिला परिषद के सदस्य और लातूर तालुका पंचायत समिति के उपाध्यक्ष भी बने। विलासराव देशमुख ने उस्मानाबाद, जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में युवा कांग्रेस के पांच प्वाइंट कार्यक्रम को पूरा करने के लिए काम किया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जिला शाखा (डिस्ट्रिक्ट विंग) के अध्यक्ष बने।

विलासराव देशमुख ने 1982 से 1995 तक राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री के रूप में सामान्य प्रशासन, गृह, सहयोग, परिवहन, विधान मामले, लोक निर्माण, पर्यटन, पशुपालन, कृषि, डेयरी विकास, मत्स्य (मछली) पालन, ग्रामीण विकास, उद्योग, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, युवा कल्याण और खेल जैसे कई विभागों को संभाला था। वर्ष 1995 में, विलासराव देशमुख चुनाव हार गए, लेकिन वर्ष 1999 में हुए चुनावों में लगातार दो चुनावों में 91,000 मतों के अंतर से जीत हासिल की, जो महाराष्ट्र की सबसे बेहतरीन जीत थी। विलासराव देशमुख दो बार, पहली बार 18 अक्टूबर 1999 को और दूसरी बार 1 नवंबर, 2004 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। नवंबर 2008 में हुए मुंबई के हमलों के बाद, विलासराव देशमुख ने नैतिक जिम्मेदारी ली और अपने राजनीतिक पद से इस्तीफा दे दिया।

विलासराव देशमुख ने बाद में वर्ष 2009 में राज्यसभा में फिर से प्रवेश किया और उन्हें उद्योग और सार्वजनिक उद्यम के लिए केंद्रीय मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। जनवरी 2011 में, विलासराव देशमुख को ग्रामीण उद्योग मंत्री, उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। जुलाई 2011 में विलासराव को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और भू-विज्ञान मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। अगस्त 2012 में, श्री विलासराव देशमुख गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गए और उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विलासराव देशमुख की किडनी और लीवर खराब होने केबारे में पता चला था। बाद में विलासराव देशमुख को चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 14 अगस्त 2012 को चेन्नई के अस्पताल में विलासराव देशमुख का निधन हो गया था। भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने उनकी मृत्यु पर शोक जताया और यह व्यक्त किया कि विलासराव देशमुख को हमेशा महाराष्ट्र के सबसे साधारण जनसमुदाय विचार वाले नेता के रूप में याद किया जाएगा।

 

 

 

 

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