गगन नारंग ने भारतीय निशानेबाजी के अंतर्राष्ट्रीय खेल में सामने आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना किया है और वह भारतीय उपमहाद्वीप के निशानेबाजी खेल को दुनिया के शीर्ष देशों के बीच शामिल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। गगन नारंग 2012 में लंदन में होने वाले ओलंपिक में भारत की ऐस एयर राइफल निशानेबाजी में एक व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं।

गगन नारंग ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में 701.1 के अंतिम स्कोर के साथ कांस्य पदक और 701.5 स्कोर के साथ रजत पदक जीता था। यह गगन नारंग की ओलिंपिक खेलों में तीसरी भागीदारी है।

6 मई 1983 को चेन्नई, तमिलनाडु में जन्में गगन नारंग मूल रूप से हरियाणा, पानीपत के निवासी हैं। इस समय गगन नारंग का परिवार हैदराबाद में है। ओलंपिक में गगन नारंग की उपलब्धि के लिए हरियाणा सरकार ने उन्हें एक करोड़ रुपये का पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की थी। वर्ष 2010 में, गगन नारंग को पद्म श्री पुरूस्कार से सम्मानित किया गया था। 29 अगस्त 2011 को, गगन नारंग को प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो वर्ष 2010 में भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार था।

वर्ष 2003 में अफ्रो एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले गगन नारंग, अपने वादे पर खरे उतरे और 2010 में नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में सफलता के साथ प्रसिद्धि हासिल की। भारतीय गणना के अनुसार, राष्ट्रमंडल खेलों में गगन नारंग ने 4 स्वर्ण पदक जीते हैं और इस खेल में, इस तरह का प्रदर्शन करने वाले वह भारत के एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने यह पदक तीन श्रेणियों 10 मीटर एयर राइफल और 50 मीटर राइफल और व्यक्तिगत तथा युगल स्पर्धाओं में हासिल किए थे।

2010 में एशियाई खेलों में, गगन नारंग ने व्यक्तिगत रजत पदक जीता था। गगन नारंग ने टीम प्रतियोगिता में, भारतीय टीम के हिस्से के रूप में अन्य भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और संजीव राजपूत के साथ भी एक रजत पदक जीता है।

गगन नारंग ने वर्ष 2006 में गुआंगज़ौ में होने वाले आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित कर दिया था और उसी वर्ष मेलबर्न में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में चार स्वर्ण पदकों के साथ अपनी चौथी जीत को 2010 की उपलब्धि में पुनः दोहराया था।

वर्ष 2008 में होने वाले बीजिंग ओलंपिक में गगन नारंग ने एक उचित स्थान प्राप्त किया था, परंतु वह अपने फाइनल राउंड में बेहतर प्रदर्शन कर पाने में कामयाब नहीं हो पाए थे। बैंकाक में होने वाले आईएसएसएफ विश्व कप के फाइनल में गगन नारंग ने स्वर्ण पदक जीता था और जिसके परिणामस्वरूप वह एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने में सफल हुए थे। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने गगन नारंग की रैंकिंग बढ़ा दी और वह अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी में 18 पायदान से ऊपर आकर शीर्ष निशानेबाजों में शुमार हो गए।

गगन नारंग अंतरराष्ट्रीय खेल में सफलता हासिल करने वाले तीसरे भारतीय निशानेबाज हैं। इससे पहले वर्ष 2004 में ओलंपिक रजत पदक विजेता राज्यवर्धन राठौर और वर्ष 2008 बीजिंग ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने अंतर्राष्ट्रीय खेल में सफलता हासिल की थी।

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