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अर्जुन मुंडा की जीवनी

अर्जुन मुंडा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और 15वीं लोकसभा के पूर्व संसद सदस्य हैं। श्री मुंडा ने 1980 के दशक में झारखंड मुक्ति मोर्चा की अध्यक्षता में झारखंड आंदोलन के साथ बहुत ही कम उम्र में (एक किशोर के रूप में) अपना राजनीतिक कैरियर शुरू किया। इस आंदोलन के पीछे अर्जुन मुंडा का विचार बिहार राज्य के दक्षिणी क्षेत्र में एक आदिवासी राज्य का निर्माण करना था। मुंडा की लोकप्रियता जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों की मदद करने से काफी बढ़ गई और 1995 में अर्जुन मुंडा को बिहार विधानसभा के लिए निर्वाचित किया गया, जो कि उस समय खरसावाँ का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। मुंडा ने वर्ष 2000 और 2005 के चुनाव में उस सीट को बरकरार रखा, लेकिन वर्ष 2000 में अर्जुन मुंडा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का प्रतिनिधित्व किया था। अर्जुन मुंडा ने 9 जनवरी, 2013 को झारखंड के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।

वर्ष 2000 में झारखंड राज्य बना और भाजपा ने बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में पहली सरकार का गठन किया था, जिसमें अर्जुन मुंडा ने अपने कैबिनेट में समाज कल्याण मंत्री के रूप में सेवा की थी, अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कुछ उत्कृष्ट कार्य किया और कुछ जमीन के विवाद पर निर्णय लिया। 2003 में, गैर-भाजपा विधायकों ने मरांडी के स्थान पर अर्जुन मुंडा जैसे सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को इस स्थान पर लेने के लिए सोचा, जो एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता थे।

अर्जुन मुंडा का जन्म 5 मई 1968 को खरंगाझार जमशेदपुर में स्वर्गीय गणेश और साइरा मुंडा के यहाँ हुआ था, मुंडा परिवार के पांच बच्चों में से सबसे छोटे अर्जुन मुंडा हैं, उनके एक भाई और तीन बहनें हैं। मुंडा ने एक स्थानीय स्कूल से अपनी पढ़ाई की और इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में अपना डिप्लोमा पूरा किया। अर्जुन मुंडा ने मीरा मुंडा से शादी की और उनके तीन बेटे हैं।

अप्रैल 2009 में जमशेदपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए अर्जुन मुंडा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नामित किया था, हालांकि राज्य की राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी न होने के कारण वह बहुत उत्सुक नहीं थे, परन्तु बाद में इन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।

अर्जुन मुंडा का जमशेदपुर शहर के साथ लंबे समय से संबंध था, क्योंकि यहीं पर अर्जुन मुंडा का जन्म हुआ और यहीं से उन्होंने अपने जीवन की शुरूआत की और समय के साथ यह साबित हुआ है कि एक जिले का विकास केवल उस व्यक्ति द्वारा संभव है, जो किसी निश्चित जगह और सार्वजनिक प्रशासन में एक सफल व्यवसाय का अनुलग्नक हो।

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