नाबाम तुकी ने जर्बोम गैमलिन को हराकर अरुणाचल प्रदेश के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में अपना स्थान बनाया था।1 नवंबर 2011 को उन्हें राज्यपाल जोगिंदर जसवंत सिंह द्वारा शपथ दिलाई गई थी।

श्री तुकी वर्ष 2009 में कांग्रेस टिकट पर अरुणाचल प्रदेश के संगाली निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे।

पृष्ठभूमि

नाबाम तुकी का जन्म 7 जुलाई 1964 कोअरुणाचल के पापम पेरे जिले में संगाली के पास ओम्पूली में हुआ था। नाबाम तुकी के पिता श्री नबम तेकहे हैं। श्री तुकी नाइशी आदिवासी समुदायों के अंतर्गत आते हैं और बचपन से सामाजिक सेवा के प्रति भावुक थे। हालांकि, नाबाम तुकी अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने में समर्थ नहीं थे, लेकिन एक छात्र नेता की श्रेणी के रूप उभर कर समाने आये।

नाबाम तुकी अपने छात्र दिनों से ही राजनीति में सक्रिय थे और छात्र संगठनों से राष्ट्रीय राजनीति में शामिल हो गए।वर्ष 1983 में नाबाम तुकी एनएसयूआई,अरुणाचल प्रदेश इकाईके अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 1986 से 1988 तक नाबाम तुकी अखिल भारतीय एनएसयूआई के महासचिव बने। वर्ष 1988 से 1995 तक नाबाम तुकी अरुणाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे।

नाबाम तुकी ने वर्ष 1998 से 1993 तक, उत्तर पूर्वी युवा कांग्रेस समन्वय समिति केवाइस चेयरमैन और वर्ष 1993 से 1995 तक एक ही संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी सेवा की ।

वर्ष 1996 में, नाबाम तुकी पूर्वोत्तर एनएसयूआई समन्वय समिति के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए थे।

श्री तुकी सक्रिय रूप से खेल में और पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण में भी दिलचस्पी रखते हैं। नाबाम तुकी अरुणाचल क्रिकेट संघ(एसोसिएशन) के अध्यक्ष हैं। नाबाम तुकी विवाहित हैं और उनके दो बेटे और पांच बेटियां हैं।

राजनीतिक कैरियर

वर्ष 1995 में, नाबाम तुकी को सगाली विधानसभा से विधायक के रूप में चुना गया और इसके बाद, मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने इन्हें मंत्रियों की परिषद में शामिल किया। 21 मार्च 1995 को नाबाम तुकी कृषि विभाग के उप मंत्री बने थे। इसके बाद नाबाम तुकी ने कई पदों पर मंत्री के रूप में कार्य किया। सितंबर 1996 में वे सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण मंत्री और वर्ष 1998 में ट्रांसपोर्ट और नागरिक उड्यन मंत्री बने थे। वर्ष 1999 में नाबाम तुकी ने तीसरा विधानसभा चुनाव जीता और मुख्यमंत्री मुकुट मिथी द्वारा वन और पर्यावरण का मंत्री का पद (पोर्टफोलियो) दिया गया था।

वर्ष 2004 में, नाबाम तुकीसगाली से अपने चौथे विधानसभा चुनाव के लिए निर्विरोध चुने गएथे और शहरी विकास मंत्री के रूप में लोक निर्माण विभाग और शहरी विकास मंत्री बने, नाबाम तुकी ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में सड़कों का विकास, पुलों का निर्माण और दुर्गम इलाकोंमें भूमिगत नालियों का निर्माण करवाया था।

नाबाम तुकी,दिवंगत श्रीमती ओमम मोयोंग देवरी के बाद, अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहेथे।

2009 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 60 सीटों में से 42 सीटों पर जीत हासिल की और सरकार का गठन किया। 13 अक्टूबर 2009 को नाबाम तुकी संगली निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा चुने गए और मुख्यमंत्री दोरजी खांडू द्वारा सार्वजनिक कार्यों के लिए मंत्री का पद (पोर्टफोलियो) दिया गया।अप्रैल 2010 में मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की दुर्भाग्यवश हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई और जार्बोम गैमलिन को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी।कांग्रेस पार्टी के अंदर अपने आधिकारिक नियम के खिलाफ एक आंतरिक विद्रोह चला रहा था औरजिसकी वजह से चार महीने तक राज्य में राजनीतिक संकट बना रहा था।श्री नाबाम तुकी संवेदनशील राज्य सीमा के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित किए गए थे।नाबाम तुकी चार नए चेहरों सहित ग्यारह मंत्रियों की सरकार की अध्यक्षता करते हैं। उनमें से एक श्री जगकर गैमलिन हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री जर्बोम गैमलिन के भाई हैं।

मतदान का वादा

नाबाम तुकी ने सड़कों के लगातार निर्माण का वादा किया। राज्य में कई क्षेत्र एक अल्पविकसित सड़क संपर्क के बिना हैं। नाबाम तुकी ने राज्य में एक लॉ कॉलेज शुरू करने की अपनी इच्छा व्यक्त की है और केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने आवश्यक कदम उठाने का वादा किया था।

 

 

 

 

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