उम्मन चांडी के बारे में

उम्मन चांडी दो बार केरल के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह कांग्रेस पार्टी के नेता हैं। उन्होंने 2004 से 2006 और 2011 से 2016 तक राज्य के मुख्यमंत्री के पद को संभाला और वह चालीस वर्षों से अधिक समय तक केरल विधान सभा के सदस्य भी रहे हैं।

उम्मन चांडी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यालय की पारदर्शिता का संपादन करने के लिए, अपने कार्यालय और बैठक कक्ष की लाइव वेब स्ट्रीमिंग शुरू की। लाइव स्ट्रीमिंग का कार्य 1 जुलाई 2011 से शुरू हुआ। उन्होंने भ्रष्टाचार को कम करने के लिए व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन एक्ट शुरू किया है।

उम्मन चांडी ने कोच्चि मेट्रो रेल परियोजना बैंगलुरू से तिरुवनंतपुरम तक हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की शुरुआत भी की।

2012 में, उम्मन चांडी को 1993 में हुए पामोलिन आयात घोटाले में सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा क्लीन चिट दे दी गई थी।

व्यक्तिगत पृष्ठभूमि

उम्मन चांडी का जन्म 31 अक्टूबर 1943 में केरल के कुमारकोम, कोट्टम जिले के पुथुपल्ली में के ओ चांडी और बेबी चांडी के घर पर हुआ था। उम्मन चांडी ने सेंट जॉर्ज, पुथुपल्ली में अपनी शिक्षा पूरी की। उन्होंने सीएमएस कॉलेज कोट्टायम और एसबी कॉलेज चंगनससरी से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। फिर उन्होंने सरकारी लॉ कॉलेज एनार्कुलम से लॉ की डिग्री प्राप्त की। कॉलेज में उन्होंने केरल छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में सेवा की और 1970 में उन्हें राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। उन्होंने मरिम्मा ओमान से विवाह किया, जिनकी दो बेटियां और एक बेटा है।

राजनैतिक कैरियर

उम्मन चांडी को 1970 में केरल के पुथुपल्ली निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था। उन्होंने एक ही निर्वाचन क्षेत्र से नौ बार 1977, 1980, 1982, 1987, 1991, 1996, 2001, 2006  और 2011 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।

अपने लंबे कार्यकाल के दौरान उन्होंने अल्प मंत्र के लिए एक मंत्री के रूप में सेवा की और विभिन्न विभागों का आयोजन भी किया।

ओमान चांडी 1977 में करुणकरन मंत्रालय में श्रम मंत्री थे और उसी पोर्टफोलियो को इन्होंने 1978 तक ए के एंटनी मंत्रालय तक जारी रखा।

1981 से 1982 तक उन्हें करुणकरन मंत्रालय में गृह विभाग के मंत्री चुना गया। उन्हें 1991 से 1994 तक वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था। उन्होंने करुणकरन के मुख्यमंत्री के साथ अपने अंतर के बाद 1994 में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।

उम्मन चांडी अगस्त 2004 में कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में चुने गए और राज्य में मुख्यमंत्री के पद को संभाला। हालांकि 2006 में विधानसभा चुनाव में हारने के बाद उन्होंने काँग्रेस के गठबंधन के बाद यूडीएफ से इस्तीफा दे दिया।

उम्मन चांडी को 2006 में केरल की बारहवीं विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया। 2009 से 2011 तक की लोकसभा चुनाव और काँग्रेस में 16 में से 20 संसदीय चुनाव क्षेत्र में जीत हासिल की। संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (कांग्रेस गठबंधन) को विधानसभा चुनावों में एक सुगठित बहुमत मिला और उम्मन चांडी को 18 मई 2011 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।

पुरस्कार और सम्मान

उम्मन चांडी को एशिया-प्रशांत क्षेत्र से 2013 की संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। “सार्वजनिक सेवा में भ्रष्टाचार को रोकने और उनका मुकाबला करने के लिए” उन्हें सम्मानित भी किया गया।

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