आर. वेंकटरमण भारतीय गणराज्य के आठवें राष्ट्रपति थे और वर्ष 1987 से 1992 तक कार्यभार संभाला। रामास्वामी वेंकटरमण ने राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने से पहले चार साल तक भारत के उपराष्ट्रपति के पद पर कार्य किया था।

इसके अलावा, आर. वेंकटरमण अपने जीवनकाल में एक बहुत ही प्रसिद्ध राजनीतिक व्यक्तित्व रहे हैं। आर. वेंकटरमण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य रहे और कई मंत्री पद पर कार्य भी किया।

आर. वेंकटरमण का जन्म 4 दिसंबर 1910 को तमिलनाडु के तंजावुर में हुआ था। वेंकटरमण ने मद्रास शहर (वर्तमान में चेन्नई) से अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की और अंत में मद्रास विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।

आर. वेंकटरमण ने वर्ष 1935 में मद्रास के लॉ कॉलेज से एक योग्य वकील होने के बाद, मद्रास के उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में वकालत करनी शुरू की।

जब वेंकटरमण वकालत कर रहे थे, तो उसी दौरान वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की ओर आकर्षित हो गए। आर. वेंकटरमण ने 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में सक्रिय रूप से भाग लिया था। 1947 से 1950 के वर्षों के दौरान, आर. वेंकटरमण ने मद्रास प्रांतीय बार संघसचिव के रूप में कार्य किया था।

उसके बाद आर. वेंकटरमण संविधान सभा के सदस्य बने और भारत के संविधान का प्रारूप तैयार किया। वर्ष 1950 में रामास्वामी वेंकटरमण भारत के अस्थायी संसद (1950-1952) और पहली संसद (1952-1957) के लिए चुने गए।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी के लिए, उन्हें ताम्र पत्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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