मोहम्मद अजहरुद्दीन टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट टीम के पूर्व भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने वर्ष 1990 के दशक में भारतीय टीम का सफल नेतृत्व किया था। मोहम्मद अजहरुद्दीन का जन्म 8 फरवरी सन् 1963 को भारत में आंध्र प्रदेश के  हैदराबाद शहर में हुआ था। वर्षों से अपने क्रिकेट करियर में सफलता हासिल करते हुए, अजहरुद्दीन ने धीरे-धीरे खुद को क्रिकेट की दुनिया से दूर कर लिया।

मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपनी पत्नी को तलाक देने के बाद बॉलीवुड आभिनेत्री संगीता बिजलानी से विवाह किया था। उनके बेटे मोहम्मद अयजुद्दीन भी एक क्रिकेट खिलाड़ी थे। अजहरुद्दीन को मैच-फिक्सिंग के आरोपों के कारण क्रिकेट में लगे आजीवन-प्रतिबंध का सामना भी करना पड़ा। वह इस समय अपने नए रियल एस्टेट बिजनेस में व्यस्त है और हैदराबाद में एस्ट नामक जिम सेंटर भी चला रहे हैं।

मोहम्मद अजहरुद्दीन एक शानदार क्रिकेटर थे, जिन्होंने टेस्ट और सीमित ओवरों के खेलों में कई श्रेष्ठ रिकॉर्ड बनाये हैं। वह दाएं हाथ के एक योग्य बल्लेबाज थे, जिनकी धमाकेदार बल्लेबाजी एक अंग्रेज खिलाड़ी डेविड गॉवर के समान थी। अपने लेग और ऑफ-साइड को क्लासिक कलाई-फ्लिक और टाइम स्ट्रोक प्ले के साथ मिक्स करने वाले अजहरुद्दीन, स्पिन और मध्यम गति के बॉलरों के लिए काफी शत्रुतापूर्ण साबित हुआ करते थे।

अजहरुद्दीन को उनकी शानदार कैंच स्टाइल, अद्भुत डाइविंग स्टॉप और निप्पी रन-आउट के साथ मैदान पर उनकी फुर्ती के लिए भी जाना जाता था। अजहरुद्दीन एक महान कप्तान थे और उनकी कप्तानी ने जबरदस्त सफलता हासिल की। मोहम्मद अजहरुद्दीन भारत, हैदराबाद और डर्बिशायर जैसी प्रमुख टीमों का प्रतिनिधित्व कर चुके है।

मोहम्मद अजहरुद्दीन का अपने 229 मैचों में प्रथम श्रेणी का एक सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड रहा था, जिनमें उन्होंने 15855 रन बनाकर शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत दिसंबर 1985 में कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर की थी। तब से उन्होंने 99 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 22 शतक के साथ 6215 रन बनाए हैं। उनके रनों का सर्वोच्च टेस्ट स्कोर 199 रहा है जिसे उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ मैच खेलकर बनाया था। उन्होंने टेस्ट मैचों में 105 शानदार कैच भी लिए हैं। अपने उल्लेखनीय टेस्ट प्रदर्शनों में अजहरुद्दीन ने 14 टेस्ट मैच में बतौर कप्तान के रूप में जीत हासिल की, पहले मैच में लगातार 3 शतक लगाने और भारतीय द्वारा तेज गति से टेस्ट शतक बनाने वाले रिकॉर्डो को भी अपने नाम कर लिया था।

मार्च 1985 में, मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बैंगलोर में इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेलकर अपने एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की भी शुरुआत कर ली। तब से, उन्होंने अपने 334 एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 7 शतक के साथ कुल 9378 रन बनाए थे।  एकदिवसीय मैचों में उनका सर्वोच्च स्कोर 156 शानदार कैचों के साथ 153 रन (नाबाद) रहा था। वह वर्ष 1987 के सेमीफाइनल में, वर्ष 1992 की प्रारम्भिक पारी में, वर्ष 1​​996 के सेमीफाइनल में और वर्ष 1999 की प्रारम्भिक पारी के साथ लगातार चार क्रिकेट विश्व कप आयोजनों में भी शामिल हुए थे। उन्होंने बतौर कप्तान के रूप में 103 एक दिवसीय मैच जीत हैं और साथ ही साथ एक दिवसीय मैचों में सबसे तेज शतक बनाने वाले सनथ जयसूर्या और शाहिद अफरीदी की सूची में शामिल हो गये हैं।

मोहम्मद अजहरुद्दीन का क्रिकेट की दुनिया में एक उत्कृष्ट रिकॉर्ड होने के बावजूद वर्ष 2000 में उनके करियर में एक दुखद घटना आई थी। यह मैच-फिक्सिंग में उनकी कथित भूमिका के कारण हुआ था और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हांसी क्रोनिए ने इस घटना को स्वीकार भी कर लिया था।  इस घटना ने अजहरुद्दीन के क्रिकेट करियर को आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था और उनके सपनों को खत्म कर दिया था।

हालांकि, क्रिकेट के क्षेत्र में उनके अत्यधिक योगदान और समर्पण के लिए, मोहम्मद अजहरुद्दीन को वर्ष 1986 में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार तथा वर्ष 1991 में विस्डेन क्रिकेटर ऑफ द ईयर के साथ सम्मानित किया गया था।

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