दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम 2015

दिल्ली चुनाव परिणाम

पार्टी
भाजपा
कांग्रेस
आप


दिल्ली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र चुनाव परिणाम



निर्वाचन-क्षेत्र सं. निर्वाचन क्षेत्र विजेतादल का नाम मत द्वितीय विजेतादल का नाम मत अंतर(मार्जिन)
1नरेलाशरद चौहानआप96143नीलदमन खत्रीभाजपा5585140292
2बुराड़ीसंजीव झाआप124724गोपाल झाभाजपा5677467950
3तिमारपुरपंकज पुष्करआप64477रजनी अब्बी भाजपा4383020647
4आदर्श नगरपवन शर्माआप54026राम किशन सिंघलभाजपा3328520741
5बादलीअजेश यादवआप72795राजेश यादवकांग्रेस3741935376
6रिठालामहिंद्रा गोयलआप93470कुलवंत राणाभाजपा6421929251
7बवानावेद प्रकाशआप109259गगन सिंहभाजपा5923650023
8मुंडकासुखबीर दलाल आप94206आजाद सिंहभाजपा5338040826
9किराड़ीऋतुराज झाआप97727अनिल झाभाजपा5255545172
10सुल्तानपुर माजरासंदीपआप80269प्रभु दयाल साईभाजपा1583064439
11नांगलोई जाटरघुवेंद्र शौक़ीनआप83259मनोज शौकीनभाजपा4623537024
12मंगोलपुरीराखी बिरलाआप60534राज कुमार चौहानकांग्रेस3783522699
13रोहिणीविजेंद्र गुप्ताभाजपा59866चरण लाल गुप्ताआप544995367
14शालीमार बागबन्दना कुमारीआप62656रेखा गुप्ताभाजपा5167810978
15शकूर बस्तीसत्येन्द्र जैनआप51530एस.सी. वत्सभाजपा483973133
16त्रि नगरजितेंद्र तोमरआप63012नंद किशोर गर्गभाजपा4070122311
17वज़ीरपुर सुरेश भारद्वाजआप61208डॉ महेंद्र नागपालभाजपा3916422044
18मॉडल टाउनअखिलेश पति त्रिपाठीआप54628विवेक गर्गभाजपा3792216706
19सदर बाजारसोमदत्तआप67507प्रवीण कुमार जैनभाजपा3319234315
20चांदनी चौकअलका लम्बाआप36756सुमन कुमार गुप्ताभाजपा1846918287
21मटिया महलअसीम अहमद खानआप47584शकील अंजुमकांग्रेस2148826096
22बल्लीमारानइमरान हुसैनआप57118श्याम मोरवालभाजपा2324133877
23करोल बागविशेष रविआप67429योगेंद्र चंदोलियाभाजपा3454932880
24पटेल नगरहजारी लाल चौहानआप68868कृष्णा तीरथभाजपा3423034638
25मोती नगरशिव चरण गोयलआप60223सुभाष सचदेवाभाजपा4500215221
26मादीपुरगिरीश सोनीआप66571राजकुमार फुलवरियाभाजपा3718429387
27राजौरी गार्डनजरनैल सिंहआप54916मनजिंदर सिंह सिरसाएसएडी4488010036
28हरि नगरजगदीप सिंहआप65814अवतार सिंह हिटभाजपा3931826496
29तिलक नगरजरनैल सिंहआप57180राजीव बब्बरभाजपा3729019890
30जनकपुरीराजेश ऋषिआप71802प्रो जगदीश मुखीभाजपा4622225580
31विकासपुरीमहेंद्र यादवआप132437संजय सिंहभाजपा5477277665
32उत्तम नगरनरेश बाल्यानआप85881पवन शर्माभाजपा5546230419
33द्वारकाआदर्श शास्त्रीआप79729प्रदुमन राजपूतभाजपा4036339366
34मटियालागुलाब सिंहआप127665राजेश गहलोतभाजपा8066147004
35नजफगढ़कैलाश गहलोतआप55598भरत सिंहइनेलो540431555
36बिजवासनदेवेन्द्र सेहरावतआप65006सत्यप्रकाश राणाभाजपा4547019536
37पालमभावना गौरआप82637धरम देव सोलंकीभाजपा5178830849
38दिल्ली कैंटसुरेंद्र सिंहआप40133करण सिंह तंवरभाजपा2893511198
39राजेन्द्र नगरविजेंदर गर्ग विजयआप61354आर.पी. सिंहभाजपा4130320051
40नई दिल्लीअरविंद केजरीवालआप57213नुपुर शर्माभाजपा2563031583
41जंगपुराप्रवीण कुमारआप43927मनिंदर सिंह धीरभाजपा2347720450
42कस्तूरबा नगरमदन लालआप50766रवींद्र चौधरीभाजपा3487015896
43मालवीय नगरसोमनाथ भारतीआप51196डॉ नंदिनी शर्माभाजपा3529915897
44आर.के. पुरमप्रमिला टोकसआप54645अनिल शर्माभाजपा3557719068
45महरौलीनरेश यादवआप58125सरिता चौधरीभाजपा4117416951
46छतरपुरकरतार सिंह तंवरआप67645ब्रह्म सिंह तंवरभाजपा4540522240
47देवलीप्रकाश जरवलआप96530अरविंद कुमारभाजपा3259363937
48अम्बेडकर नगरअजय दत्तआप66632अशोक चौहानभाजपा2417242460
49संगम विहारदिनेश मोहनियाआप72131शिव चरण लाल गुप्ताभाजपा2814343988
50ग्रेटर कैलाशसौरभ भरद्वाजआप57589राकेश कुमार गुलियाभाजपा4300614583
51कालकाजीअवतार सिंहआप55104हरमीत सिंह कालकाभाजपा3533519769
52तुगलकाबादसाही रामआप64311विक्रम बिधूड़ीभाजपा3061033701
53बदरपुरएन डी शर्माआप94242रामवीर सिंह बिधूड़ीभाजपा4665947583
54ओखलाअमानतुल्लाह खानआप104271ब्रह्म सिंहभाजपा3973964532
55त्रिलोकपुरीराजू धींगानआप74907किरण वैद्ययाभाजपा4515329754
56कोंडलीमनोज कुमारआप63185हुकुम सिंहभाजपा3842624759
57पटपड़गंजमनीष सिसोदियाआप75477विनोद कुमार बिन्नीभाजपा4671628761
58लक्ष्मी नगरनितिन त्यागीआप58229बी बी त्यागीभाजपा533834846
59विश्वास नगरओमप्रकाश शर्माभाजपा58124अतुल गुप्ताआप4796610158
60कृष्णा नगरएस.के. बग्गाआप65919किरण बेदीभाजपा636422277
61गांधी नगरअनिल बाजपेयीआप50946जितेंद्रभाजपा434647482
62शाहदराराम निवास गोयलआप58523जितेंदर सिंह शुंठीभाजपा4679211731
63सीमापुरीराजेंद्र गौतमआप79777करम वीर चंदेलभाजपा3095648821
64रोहतास नगरसरिता सिंहआप62209जितेंद्र महाजनभाजपा543357874
65सीलमपुरमोहम्मद इशराक़ (भूरे भाई)आप57302संजय जैनभाजपा2941527887
66घोंडाश्री दत्त शर्माआप60906साहिब सिंह चौहानभाजपा528138093
67बाबरपुरगोपाल रायआप75928नरेश गौरभाजपा4044035488
68गोकलपुरफतेह सिंहआप71240रंजीत सिंहभाजपा3927231968
69मुस्तफाबादजगदीश प्रधानभाजपा58388हसन अहमदकांग्रेस523576031
70करावल नगरकपिल मिश्राआप101865मोहन सिंह बिष्टभाजपा5743444431


दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015
* प्रदान किया हुआ मानचित्र (नक्शा) दिल्ली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और निर्वाचन क्षेत्र संख्या दर्शाता है|

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 तारीखें
अधिसूचना जारी : 14 जनवरी 2015
नामांकन की अंतिम तिथि : 21 जनवरी 2015
नामांकन की स्क्रूटनी : 22 जनवरी 2015
उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि : 24 जनवरी 2015
मतदान की तारीख : 07 फ़रवरी 2015
वोट तिथि की गिनती : 10 फ़रवरी 2015

बहुप्रतिक्षित दिल्ली विधानसभा चुनाव 7 फरवरी को होंगे और मतों की गिनती 10 फरवरी 2015 को होगी। चुनाव आयोग की दिल्ली विधानसभा चुनाव संबंधी इस घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी तुरंत लागू हो गई है।

दिल्ली चुनाव 2015: बढ़ती सरगर्मी
एक साल की राजनीतिक अनिश्चितता के बाद आखिरकार दिल्ली में ताज़ा चुनाव हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली विधानसभा चुनाव मध्य फरवरी में हो सकते हैं। जल्दी ही मतदाता सूची को भी अंतिम रुप दे दिया जाएगा और उसके बाद चुनावों की घोषणा होगी। 70 सदस्यों वाली इस विधानसभा के लिए कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच काफी रोचक मुकाबला होगा।

2014 के आम चुनावों और कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारी जीत के बाद भाजपा को दिल्ली विधानसभा में स्पष्ट बहुमत मिलने की उम्मीद है। सन् 1998 से सन् 2013 तक लगातार तीन कार्यकाल तक राज करने वाली कांग्रेस इस बार अपनी जमीन बचाने की जी तोड़ कोशिश करेगी। ‘आप’ भी दिल्ली के मतदाता का भरोसा जीतने की भरपूर कोशिश कर रही है।

लेकिन इन सभी संभावनाओं के बीच, 2015 का दिल्ली का ये विधानसभा चुनाव आप और भाजपा के बीच की लड़ाई है। कांग्रेस बस अब अपने बीते हुए शानदार कल की परछाई मात्र है। जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, भाजपा को अपने करिश्माई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि का फायदा मिल सकता है और वह सबसे ज्सादा सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभर सकती है। हालांकि भाजपा का रास्ता इतना भी आसान नहीं होगा क्योंकि आप उसे कड़ी टक्कर देगी और खंडित जनादेश की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता हैै।

2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के मुख्य मुद्दे पानी और बिजली की आपूर्ति, बढ़ती महंगाई, चरमराता बुनियादी ढंाचा, भ्रष्टाचार, महिलाओं की सुरक्षा की कमी, लचर कानून व्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी और प्रदूषण हैं।

दिल्ली चुनाव आयोग के अनुसार, 2011 की जनगणना के आधार पर दिल्ली की आबादी 1.86 करोड़ है और मतदाताओं की संख्या 1.3 करोड़ है जो कि दिल्ली में 2,527 भवनों में बने 11,763 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।

प्रमुख राजनीतिक दल
आम आदमी पार्टीः पूर्व आयकर आयुक्त और सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा स्थापित आप एजेंडे और बहस के मामले में 2013 में सब पर भारी पड़ गई थी। झाड़ू के चुनाव चिन्ह वाली इस पार्टी का दावा था कि यह एकमात्र ईमानदार राजनीतिक दल है जिसका सारा ध्यान देश की राजनीति से गंदगी दूर करने मेें है। जनता को किए अपने बड़े बड़े वादों में उनका एक वादा सत्ता में आने पर 15 दिनों में दिल्ली में जनलोकपाल बिल लागू करने का था। राजनीतिक रुचि के बिना भी आप ने राष्ट्रीय राजधानी में जो लाइमलाइट हासिल की उसे अनदेखा करना नामुमकिन था। केजरीवाल के अकेले चुनाव प्रचार ने भी राजनीतिक परिवर्तन किया और ऐसी सामाजिक दशा पहले कभी नहीं देखी गई। स्वयंसेवकों की बड़ी संख्या और देश विदेश से मिलने वाले चंदे के साथ आप दिल्ली विधानसभा चुनावों की गंभीर दावेदार बन गई। लेकिन अरविंद केजरीवाल के 49 दिन सत्ता में रहने के बाद इस्तीफा देने से आप की छवि को बहुत नुकसान हुआ है। फिर भी आप 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की कड़ी प्रतिद्वंदी है और मुख्य विपक्ष बनने लायक सीटें भी जीत सकती है।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसः दिल्ली में 15 साल राज करने के बाद सन् 2013 में कांग्रेस पार्टी लगभग विलुप्त होने की स्थिति में आ गई। इसके दो कारण थेः भ्रष्टाचार और कमजोर नेतृत्व, राष्ट्रीय राजधानी में कमर तोड़ महंगाई जैसे मुद्दों से कांग्रेस के प्रति देश भर में बढ़ता असंतोष। बिजली के बढ़ते बिलों और बढ़ती कीमतों के चलते कांग्रेस लगभग साफ होने की हालत में आ गई। कांग्रेस 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से वापसी की कोशिश में लगी है और अभी तक काफी धीमा चुनाव प्रचार कर रही है।

भारतीय जनता पार्टीः सन् 2013 में भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर का भरपूर फायदा उठाया और मुख्यमंत्री पद के दावेदार के लिए एक ईमानदार चेहरा डाॅ. हर्षवर्धन के तौर पर पेश किया। भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव जीतना आसान भी था पर आप की अप्रत्याशित लोकप्रियता से उसकी राह मुश्किल हो गई। भाजपा के दिल्ली में वफादार समर्थक हैं पर वो कोई साधारण चुनाव नहीं थे। हालांकि 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में मोदी लहर के आधार पर भाजपा को जीत हासिल हो सकती है।

एक राज्य के तौर पर दिल्ली
दिल्ली का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एक मेट्रोपोलिटन क्षेत्र है जो कि 1484 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह एक राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश दोनों है। इसका अपना हाई कोर्ट, विधानसभा और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्री परिषद् भी है। दिल्ली में 70 विधानसभा और सात लोक सभा सीटें हैं। राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त लेफ्टिनेंट गवर्नर राज्य का औपचारिक प्रमुख होता है। दिल्ली में जनता से जुड़ा काम तीन निकाय देखते हैं - दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् और दिल्ली छावनी बोर्ड।

दिल्ली चुनाव आयोग
दिल्ली चुनाव आयोग का गठन संविधान के आर्टिकल 243 के और 243 ज़ेडए के तहत किया गया था, जिसमें हर केंद्र शासित प्रदेश को चुनावों की देखरेख के लिए एक आयोग चुनना होता है। इस आयोग की जिम्मेदारियां होती हैंः
  • नए मतदाता का पंजीकरण
  • मतदाता सूची तैयार करना
  • राजनीतिक दलों का पंजीकरण
  • उम्मीदवारों के नामांकन, सत्यापन आदि प्रक्रिया की देखरेख
  • चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों का आचरण देखना

आयोग का नेतृत्व मुख्य चुनाव अधिकारी करता है।

दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी चंद्र भूषण कुमार हैं। वह राज्य चुनाव आयोग के प्रमुख हैं। उनसे दफ्तर पर 011-23977130 और फैैक्स पर 23969611 पर संपर्क किया जा सकता है। 15 अक्टूबर को संशोधित मतदाता सूची में आयोग ने 1.59 लाख मतदाताओं को जोड़ने की घोषणा की।

नए चुनाव कानून
उपरोक्त में से कोई नहीं- नोटाः मतदाताओं के पास अब ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ के लिए मत देने का अधिकार है। इससे वोट तटस्थ को जाता है। चुनाव सुधारों की दिशा में यह एक स्वागत योग्य कदम है पर इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता कि नोटा ने चुनावों को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया। इससे बेहतर विकल्प ‘राइट टू रिजेक्ट’ होता जो मतदाता के असंतोष को ज्यादा अहमियत देता।

केंद्रीय जागरुकता पर्यवेक्षकः यह एक विशेष दल होता है जिसे चुनाव आयोग तैनात करता है जिससे राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर नज़र रखी जा सके।

दिल्ली के 2013 के चुनावों का सारांश
आमतौर पर राजनीति में रुचि ना रखने वालों के लिए भी दिल्ली के 2013 के विधानसभा चुनावों की सरगर्मी कम विस्फोटक नहीं थी। लगभग ना के बराबर समय में आप ने आमतौर पर दो तरफा रहने वाले चुनावी मुकाबले को सबसे असंतुलित त्रिकोणिय मुकाबले में बदल दिया था। लगभग 11.9 मिलियन पात्र मतदाताओं जिनमें 6.6 मिलियन पुरुष और 5.3 मिलियन महिलाएं थी और 11753 मतदान केंद्रों और 405000 पहली बार के मतदाताओं के पास चुनने के लिए 810 प्रत्याशी थे जिनमें 70 महिलाएं थीं।

दिल्ली के 2013 के विधानसभा चुनावों में नई नवेली आप ने अप्रतिम सफलता हासिल की और 28 सीटें जीतीं। कांग्रेस को अब तक की सबसे खराब शिकस्त का सामना करना पड़ा और वह 70 में से सिर्फ आठ सीटें ही जीत पाई। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी और उसने 31 सीटें जीती। अन्य राजनीतिक दल मात्र दो सीटें ही जीत पाए।

कांग्रेस के बाहरी समर्थन के साथ आप ने सरकार बनाई। लेकिन सिर्फ 49 दिन सत्ता में रहने के बाद जनलोकपाल बिल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2014 में इस्तीफा दे दिया। तब से ही दिल्ली में राष्ट्रपति शासन है और दिल्ली विधानसभा को निलंबित रखा गया है।

चुनाव प्रचार रणनीतियां
आम आदमी पार्टीः 2013 के चुनावों में आप का चुनाव प्रचार सबसे आक्रमक और अभिनव था। ‘लोगों की, लोगों द्वारा और लोगों के लिए’ पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए 20 करोड़ का चंदा जुटाया। केजरीवाल ने आॅटो रिक्शा चालकों के भारी समर्थन के माध्यम से विज्ञापन का भरपूर प्रयोग किया। रोडसाइड होर्डिंग और रेडियो संदेश का प्रयोग भी खूब हुआ। सबसे ज्यादा फायदा बड़ी संख्या में सड़कों पर चुनाव प्रचार के लिए उतरे स्वयंसेवकों से हुआ। देश भर से और विदेशों से लोग कुछ दिन के लिए चुनाव प्रचार करने और जनता को जागरुक करने आए।

भारतीय जनता पार्टीः भाजपा ने कांग्रेस विरोधी लहर और मुख्यमंत्री पद के ईमानदार दावेदार डाॅ. हर्षवर्धन का भरपूर फायदा उठाया। बिलबोर्ड और मीडिया संदेशों के माध्यम से पार्टी ने अप्रत्याशित महंगाई को मुद्दा बनाया। पार्टी ने आॅनलाइन मार्केटिंग के अभिनव प्रयोग को भी अपनाया जिसमें वेबसाइटों और सोशल नेटवर्किंग साइटों को भाजपा समर्थित विज्ञापनों से भर दिया गया। नरेंद्र मोदी की अखिल भारतीय लोकप्रियता ने भी पार्टी के पक्ष में काम किया जबकि वह दिल्ली से चुनाव भी नहीं लड़ रहे थे।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसः जाहिर है कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर थी। इस दावे के बाद भी कि कांग्रेस के शासन में दिल्ली में कई गुना प्रगति हुई कांग्रेस के पास पेश करने के लिए कुछ नहीं था। शीला दीक्षित ने दिल्ली के चुनाव जीतने का विश्वास व्यक्त करने वाले कई बयान जारी किए लेकिन उनके बयानों पर कांग्रेस के अलावा किसी ने भी विश्वास नहीं किया।

कांग्रेस ने विकास का कार्ड खेलने की कोशिश की
चैड़ी सड़कों, वातानूकूलित बसों, फ्लायओवरों और आवागमन के शानदार साधनों के लिए 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों को कारण माना गया। अंडरपास बनाए गए, विशाल हरे रिक्त स्थान उभरे और उसके साथ ही नए वाॅकवे और नया हवाई अड्डा भी मिला। दिल्ली मेें दिए अपने सार्वजनिक भाषणों में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इन तथ्यों को बहुत दोहराया। दिल्ली के विकास का लेखा जोखा रखने वाले की तरह वह समय समय पर यह उपलब्धियां गिनाते रहे। हालांकि इससे तब की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तो बहुत खुश हुईं पर दिल्ली की जनता पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के बड़े मुकाबले
2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव 4 दिसंबर को संपन्न हुए और नतीजों की घोषणा 8 दिसंबर 2013 को हुई। उन चुनावों के मुख्य प्रत्याशी नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, कृष्णा नगर से भाजपा के सीएम प्रत्याशी हर्षवर्धन और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से अरविंद केजरीवाल के बीच कड़ी चुनौती थी। केजरीवाल ने शीला दीक्षित को 25,000 मतों से नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में हराया।

दिल्ली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की सूची
1नरेला25मोती नगर48अम्बेडकर नगर
2बुराड़ी26मादीपुर49संगम विहार
3तिमारपुर27राजौरी गार्डन50ग्रेटर कैलाश
4आदर्श नगर28हरि नगर51कालकाजी
5बादली29तिलक नगर52तुगलकाबाद
6रिठाला30जनकपुरी53बदरपुर
7बवाना31विकासपुरी54ओखला
8मुंडका32उत्तम नगर55त्रिलोकपुरी
9किराड़ी33द्वारका56कोंडली
10सुल्तानपुर माजरा34मटियाला57पटपड़गंज
11नांगलोई जाट35नजफगढ़58लक्ष्मी नगर
12मंगोलपुरी36बिजवासन59विश्वास नगर
13रोहिणी37पालम60कृष्णा नगर
14शालीमार बाग38दिल्ली कैंट61गांधी नगर
15शकूर बस्ती39राजेन्द्र नगर62शाहदरा
16त्रि नगर40नई दिल्ली63सीमापुरी
17वज़ीरपुर 41जंगपुरा64रोहतास नगर
18मॉडल टाउन42कस्तूरबा नगर65सीलमपुर
19सदर बाजार43मालवीय नगर66घोंडा
20चांदनी चौक44आर.के. पुरम67बाबरपुर
21मटिया महल45महरौली68गोकलपुर
22बल्लीमारान46छतरपुर69मुस्तफाबाद
23करोल बाग47देवली70करावल नगर
24पटेल नगर   


अंतिम संशोधन : फ़रवरी 10, 2015