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होली के बारे में

तारीखः 13 मार्च, 2017

मुख्य आकर्षणः रंगों से खेलना और त्यौहार पर विशेष व्यंजन बनाने की तैयारी करना।

अवलोकन/इतिहास
अन्य भारतीय त्यौहारों की तरह होली का त्यौहार भी इतिहास और पुरानी कहानियों से गहराई से जुड़ा है। इनमें से सबसे मशहूर कहानी प्रहलाद, हिरण्यकश्यप और होलिका से जुड़ी है। असुरों के राजा हिरण्यकश्यप को एक ऐसा वरदान मिला था जिससे उसका मरना लगभग असंभव था। इससे उसका अहंकार बढ़ता गया और उसने भगवान के अधिकार को ही चुनौती दे डाली। उसका बेटा प्रहलाद एक कट्टर आस्तिक था और भगवान विष्णु ने उसे उसके पिता के अत्याचारों से मुक्ति के लिए चुना।

जब हिरण्यकश्यप को इसका पता चला तो उसने अपने बेटे को मारने की कई योजनाएं बनाईं। जब सब योजनाएं विफल हो गईं तब उसने प्रहलाद को होलिका की गोद में बैठाया और होलिका आग में प्रवेश कर गई क्योंकि उसे आग में ना जलने का वरदान था। लेकिन प्रहलाद की जगह होलिका जल गई। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है।

इस त्यौहार से जुड़ी एक अन्य कहानी कामदेव और भगवान कृष्ण और राधा से जुड़ी है।

उत्सव
होली का त्यौहार पूरे देश में बहुत उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। देश के अलग अलग हिस्सों में इसके नाम अलग हैं। बिहार में यह फगवा, बंगाल में डोल पूर्णिमा और पंजाब में इसे होला महल्ला भी कहते हैं। देश में इस त्यौहार में कुछ रिवाज़ सामान्य हैं, जैसे रंग उड़ाना, मिठाई और व्यंजन बनाना, खासकर गुझिया, भांग खाना और होली जलाना।

होली के त्यौहार के लोकप्रिय उत्सवों में उत्तर प्रदेश के बरसाना में लठ मार होली शामिल है, जिसमें औरतों को अनूठा मौका मिलता है पुरुषों को लाठी से मारने का। बंगाल की होली में शास्त्रीय गाने और खासकर इस मौके पर कई वाद्य यंत्र बजाकर उत्सव मनाया जाता है। इस मौके पर सिख भी अपनी मार्शल आर्ट की कला दिखाते हैं। इसके अलावा देश में कई हिस्सों में झांकियां भी निकाली जाती हैं।

अंतिम संशोधन : मार्च 30, 2016