भारतीय संगीत की उत्पत्ति मूलतः वेदों के समय में हुई जो कि दुनिया की सबसे पुरानी अटूट संगीत परंपराओं में से एक है। भारत की संस्कृति और परंपरा को संगीत द्वारा परिभाषित किया जाता है। भारतीय सुरो का आधार ‘संगीत’ ही है जो स्वर संगीत, वाद्य संगीत और नृत्य का संयोजन है। ऐसा माना जाता है कि संगीत के कारण विविध जाति और संस्कृति के लोगों के बीच एक-दूसरे से बातचीत होनी आरंभ हुई। भारत को ऐसी बहुमूल्य संगीत संस्कृति पर गर्व है। भारतीय संगीत के आधार राग (मेलोडी) और ताल (बीट्स) है।

भारत को लता मंगेशकर, आशा भोंसले, किशोर कुमार, मुकेश, मोहम्मद रफी,  कुमार सानू, सोनू निगम, एसपी बालसुब्रमण्यम, उदित नारायण, श्रेया घोषाल आदि जैसे गायकों पर गर्व है।

कुछ प्रसिद्ध संगीत निर्देशकों में ओपी नैय्यर, सचिन देव बर्मन, राहुल देव बर्मन, एआर रहमान, एमएस बाबुराज, इलैयराजा, कल्याणजी आनंदजी, हेमंत कुमार, इस्माइल दरबार और अन्य सम्मिलित हैं।

भारत में संगीत के तीन मुख्य रूप:

बॉलीवुड संगीत

गैर-बॉलीवुड संगीत

भारतीय शास्त्रीय संगीत

भारत में सर्वाधिक लोकप्रियता बॉलीवुड संगीत को मिली है। वास्तव में, संगीत बॉलीवुड की आत्मा है। संगीत निर्देशक और गायक फिल्म को बेहतर बनाने में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

गैर-बॉलीवुड संगीत संग्रह में पॉप, बैंड, क्षेत्रीय संगीत, गज़लें, व्यक्तिगत एल्बम, पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोक गीत आदि सम्मिलित हैं। कुछ प्रसिद्ध गैर-बॉलीवुड गायकों में रेमो फर्नांडीस, नाजिया हसन, सुमन चटर्जी, जगजीत और चित्रा सिंह हैं।

भारतीय शास्त्रीय संगीत का जन्म उत्तर भारत में हुआ। जिसमें 13 मूलभूत रूप हैं। इसकी दो मुख्य शैली हिंदुस्तानी संगीत और कर्नाटक संगीत हैं। अलाउद्दीन खान, विलायत खान, बिस्मिल्लाह खान, भीमसेन जोशी, मैसूर सदाशिव राव, त्यागराज और मुत्तूस्वामी दीक्षितार भारतीय शास्त्रीय संगीत विशेषज्ञ हैं।

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