श्याम बेनेगल एक ऐसे निर्देशक हैं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा में स्वयं के लिए महान जगह बना ली है, उनका जन्म 14 दिसंबर 1934 को अलवल, हैदराबाद में हुआ था। फिल्म उद्योग में काम करने से पहले उन्होंने अपने काम की शुरुआत विज्ञापन उद्योग से की। उन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘घर बैठा गंगा’ सन् 1962 में निर्देशित की, लेकिन 1973 में आई उनकी फिल्म ‘अंकुर’ से वह प्रसिद्ध हुए।

वह अंकुर (1973), निशांत (1975), मंथन (1976) और भूमिका (1977) जैसी प्रसिद्ध फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, जिनमें अमरीश पुरी की अगुआई में शबाना आजमी, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, स्मिता पाटिल, कुलभूषण खरबंदा जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों की मौजूदगी रही। उनकी फिल्म मंथन, जो गुजरात के डेयरी उद्योग के खिलाफ पृष्ठभूमि तैयार करती है, यह फिल्म इनकी अन्य फिल्मों की तुलना में अलग थी, इससे लगभग गुजरात के 5 लाख किसानों की भावना जुड़ी हुई थी और प्रत्येक किसान ने फिल्म बनने में 2-2 रुपए का योगदान दिया, जिससे फिल्म का निर्माण हुआ और बाद में किसानों ने इसे बॉक्स ऑफिस पर हिट कर दिया।

इनकी अन्य प्रसिद्ध फिल्मों में जूनून (1979) और कलयुग (1981) जैसी फिल्में शामिल हैं। उन्होंने भारतीय रेलवे के लिए ‘यात्रा’ (1986) और ‘भारत एक खोज’ (1988) जवाहर लाल नेहरू की किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया पर आधारित एक धारावाहिक जैसे टेलिविजन धारावाहिक निर्देशित किए।

भारतीय सिनेमा में उनके अनमोल योगदान के लिए उन्हे 1976 में पद्म श्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *