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उर्मिला सिंह की जीवनी

वर्ष 2010 में, उर्मिला सिंह ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में पद ग्रहण किया था। उर्मिला सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं और मध्य प्रदेश सरकार में एक मंत्री के रूप में कार्य किया है।

पृष्ठभूमि

उर्मिला सिंह का जन्म 6 अगस्त 1946 को रायपुर जिले के गांव फिंगेश्वर में हुआ था, जो पहले मध्य प्रदेश का हिस्सा था, लेकिन अब नए राज्य छत्तीसगढ़ का हिस्सा है और उर्मिला सिंह स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से संबंधित हैं। उर्मिला सिंह के महान दादा राजा नटवर सिंह को, एक शहीद, अंग्रेजों ने मार दिया था।

उर्मिला सिंह के दिवंगत पति श्री वीरेन्द्र बहादुर सिंह संसद विधानसभा के सदस्य और सरायपल्ली (अब छत्तीसगढ़ में) के पहले राजा थे। उर्मिला सिंह की सास, दिवंगत रानी श्याम कुमारी देवी अपने राजनीतिक कैरियर के पूरे समय तक संसद सदस्य रही थीं।

उर्मिला सिंह के पास बीए के अलावा एलएलबी की डिग्री भी है। उर्मिला सिंह के दो बेटे- श्री धर्मेंद्र सिंह और श्री योगेंद्र सिंह एवं एक बेटी श्रीमती रचना सोधी है।

श्रीमती उर्मिला सिंह मध्यप्रदेश के कई सामाजिक स्वैच्छिक संगठनों से जुड़ी रही हैं। उर्मिला सिंह मध्य प्रदेश राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष और सांसद अनुसूचित जाति कल्याण सलाहकार समिति की सदस्य थीं। इसके अलावा उर्मिला सिंह उज्जैन नागरिक फोरम की संस्थापक अध्यक्ष और आदिवासी महिलाओं के लिए सांसद संगठन की अध्यक्ष रही हैं।

राजनीतिक कैरियर

वर्ष 1985 में, उर्मिला सिंह मध्य प्रदेश विधानसभा घनसौर, सिवनी के लिए निर्वाचित हुई थीं। उर्मिला सिंह वर्ष 1990 में पुनः चुनी गई थी और वर्ष 2003 तक विधायक रहीं। इसी अवधि के दौरान, उर्मिला सिंह मध्य प्रदेश सरकार में दो बार मंत्री बनीं। सबसे पहले वर्ष 1993 में, उर्मिला सिंह को वित्त और डेयरी विकास राज्य मंत्री का पद (पोर्टफोलियो) दिया गया था, जहाँ पर उर्मिला सिंह ने वर्ष 1995 तक सेवा की। उसके बाद उर्मिला सिंह को वर्ष 1998 में, समाज कल्याण और जनजातीय कल्याण मंत्री बनाया गया था, जहाँ पर उन्होंने वर्ष 2003 तक कार्यभार संभाला।

वर्ष 2007 में, भारत सरकार ने उर्मिला सिंह को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338 ए के तहत स्थापित एक संवैधानिक आयोग के द्वारा भारतीय अनुसूचित जनजातियों की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया।

राज्यपाल

उर्मिला सिंह ने 25 जनवरी 2010 को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का पद ग्रहण किया था। राज्यपाल के रूप में उर्मिला सिंह ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कुलपति का पद ग्रहण किया। उर्मिला सिंह हिमाचल में डॉ. वाई एस परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री और जेपी विश्वविद्यालय ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी दोनों की कुलपति (चांसलर) रही हैं। इसके अलावा, उर्मिला सिंह भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी और बाल कल्याण के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य परिषद की अध्यक्ष रही हैं।

उर्मिला सिंह राज्य में अनुसूचित और आदिवासी क्षेत्रों की व्यवस्थापक भी हैं।

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