24 जून 1937 को मसूरी में जन्मीं, अनीता देसाई प्रख्यात उपन्यासकार और लघु कथा लेखिका है, जो कि मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में, मानविकी की सेवामुक्त  प्रोफेसर हैं। डी.एन. मजूमदार की बेटी अनीता मजूमदार के रूप में जन्मीं, इनके पिता एक बंगाली व्यापारी थे और माता टोनी नीम एक जर्मन थी, अनीता देसाई ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के क्वीन मैरी हायर सेकेंडरी स्कूल से प्राप्त की। अनीता एक असामयिक बच्ची थी, इन्होंने बहुत ही कम आयु में लघु कथाएं लिखनी शुरू कर दी थी। इनकी पहली लघु कहानी तब प्रकाशित हुई, जब वे मात्र नौ वर्ष की थी। इन्होंने ‘मिरांडा हाउस’ से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1957 में,  20 वर्ष की उम्र में अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त कर ली थी।

1958 में, अनीता ने एक व्यवसायी अश्विन देसाई के साथ शादी कर ली। वह उपन्यास लेखन के क्षेत्र में अपने उपन्यास ‘क्राई, द पीकॉक’ के बाद, ‘द वॉइस ऑफ द सिटी’ और ‘फायर ऑन द माउंटेन’ के साथ लेखन के कार्य को आगे बढ़ाया। फायर ऑन द माउंटेन उपन्यास, कसौली में रहने वाली तीन महिलाएं और उनके जीवन के विभिन्न अनुभवों पर आधारित है।

1980 में इनका प्रसिद्ध उपन्यास, द क्लीयर लाइट ऑफ डे आया, जो अनिता देसाई की जिंदगी से प्रभावित है। यह उपन्यास, भारत के विभाजन के समय पुरानी दिल्ली के एक मध्यवर्गीय हिंदू परिवार की एक कहानी है। कहानी का केंद्रीय चरित्र, बिम (बिमला) के चारों ओर घूमता है। वह अपने घर में मानसिक रूप से कमजोर भाई बाबा के साथ रहती है। उसकी बहन तारा और उसके बड़े भाई अपने परिवार को अकेले छोड़ कर चले गए, जिससे उसे अकेले ही घर की सारी समस्याएं और जिम्मेदारियां उठानी पड़ती हैं। उपन्यास आंशिक रूप से अतीत की यादों पर आधारित है।

उनके अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल हैं, वेअर शैल वी गो दिस समर, गेम्स ऐट ट्वाइलाइट एंड अदर स्टोरीज, विलेज बाय द सी, इन कस्टडी, बॉमगार्टनर की बॉम्बे, इन जर्नी टू इथाका, डायमंड डस्ट और फास्टिंग फिस्टिंग। इनके उपन्यासों को बुकर पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। 2004 में प्रकाशित “जिग जैग वे” इनका हालिया उपन्यास है। अनीता देसाई को कई साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें द गार्जियन अवार्ड फॉर चिल्ड्रन फिक्शन, ‘द विलेज बाय द सी’ और 1978 में नेशनल एकेडमी ऑफ लेटर अवार्ड्स एवं ‘फायरऑन द माउंटेन’ उपन्यास शामिल हैं।

अनिता देसाई कई प्रमुख साहित्यिक संगठनों की सदस्य हैं जैसे द रॉयल सोसाइटी ऑफ लिटरेचर, लंदन और अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स। इनकी बेटी किरण देसाई को 2006 में अपने उपन्यास ‘इनहेरिटन्स ऑफ लॉस’ मैन बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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