कल्पना चावला की कहानी एक ऐसी साधारण लड़की की है, जिसने बड़े सपने देखे और उनको सच कर दिखाया, अंततः वह सितारों तक पहुँचने में कामयाब रही।

कल्पना चावला का जन्म 1 जुलाई, 1961 को करनाल, हरियाणा में हुआ था।  वह सात चालक दल के सदस्यों में से एक थीं, जो कोलंबिया अंतरिक्ष शटल मिशन एसटीएस -107 में यान आपदा में मर गए थे, यह यान पृथ्वी पर लैंड करने से पहले ही दुर्घटना ग्रस्त हो गया था।

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़, भारत में एरोनौटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद, वह संयुक्त राज्य अमेरिका चली गयीं और संयुक्त राज्य अमेरिका में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की, इसके बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग से एम.एससी और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की, जिसके बाद इन्होंने नासा एम्स रिसर्च सेंटर के साथ काम करना शुरू कर दिया।

1996 में, इन्हें पहली अंतरिक्ष उड़ान के लिए चुना गया था, जो 19 नवंबर 1997 को शुरू हुई थी।

इस प्रकार भारत में जन्मीं कल्पना चावला, अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली प्रथम महिला और दूसरी भारतीय बन गई। इस इनॉग्यरल उड़ान के बाद, चावला को विभिन्न तकनीकी पदों का कार्यभार भी सौंपा गया था। 2000 में, यान एसटीएस -107 उड़ान के दल में इनको दूसरी अंतरिक्ष उड़ान के लिए शामिल किया गया।

16 जनवरी, 2003 को कल्पना चावला ने यान को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक पहुँचा दिया और 1 फरवरी, 2003 को अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समया ही टूटकर बिखर गया और इसमें सवार सभी लोग मर गए।

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