किरण बेदी के विषय में

1972 में प्रतिष्ठित इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस, भारतीय पुलिस सेवा) में शामिल होने वाली प्रथम महिला, किरण बेदी का जन्म 9 जून, 1949 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। इनका एक शानदार कैरियर रहा है, इन्होंने अपने व्यवहारिक स्वभाव और काम के प्रति अपनी निष्ठा से बहुत प्रशंसा प्राप्त की है। किरण बेदी ने संयुक्त राष्ट्र शांति प्रबंधन विभाग में पुलिस सलाहकार के रूप में भी सेवा की है और इनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए इन्हें संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया था। पार्किंग के उल्लंघन के लिए तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कार को तत्कालीन हटवा देने के लिए इन्हें एक उपनाम “क्रेन बेदी” प्रदान किया गया था।

शिक्षा

किरण बेदी ने 1955-1964 तक पंजाब के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट अमृतसर स्कूल से शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद (1964-68) में इन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ वुमेन अमृतसर, पंजाब से अंग्रेजी में स्नातक किया। बाद में, इन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से राजनीति विज्ञान में मास्टर की डिग्री प्राप्त की। ये एक हिंसक पुलिस अधिकारी हैं इन्होंने 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की उसके बाद 1993 में जब वह सर्विस में थीं तब उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली से ‘ड्रग अब्यूस एंड डोमेस्टिक वॉयलेस’ विषय पर पीएचडी की।

परिवार

किरण बेदी का जन्म पंजाब के अमृतसर में प्रकाश लाल पेशावरिया और प्रेम लता पेशावरिया के यहाँ हुआ था। इनकी शशि, रीता और अनु नाम की तीन बहनें हैं। इन सभी चार बहनों ने अपने द्वारा चुने हुए व्यवसायों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और उससे संबंधित क्षेत्र में अच्छा योगदान दिया। किरण का विवाह ब्रिज बेदी से हुआ था, जो एक विश्वविद्यालय के टेनिस खिलाड़ी, व्यवसाय से कपड़ा इंजीनियर और एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनकी एक बेटी, साइना है, जो विवाहित है तथा उनका विवाह रुज्बे एन भरुच से हुआ है जो पेशे से एक पत्रकार हैं।

टेनिस में उत्कृष्टता

ये एक एशियाई टेनिस चैंपियन रही हैं। इनके पिता एक उत्कृष्ट टेनिस खिलाड़ी थे और उन्होंने इस खेल में अपनी सभी बेटियों को प्रशिक्षित किया है। यहाँ टेनिस के क्षेत्र में उनकी कुछ उपलब्धियां दी गयी हैः

  • ये अपनी बहन रीटा के साथ, तीन साल तक लगातार अखिल भारतीय अंतर टेनिस का खिताब जीती।
  • 1966 में इन्होंने जूनियर राष्ट्रीय लॉन टेनिस चैम्पियनशिप जीता था।
  • इन्होंने 1975 में अखिल भारतीय अंतरराष्ट्रीय महिला लॉन टेनिस चैम्पियनशिप में जीत प्राप्त की।
  • 1976 में राष्ट्रीय महिला लॉन टेनिस चैम्पियनशिप।
  • इन्होंने 1965 से 1978 तक पूरे देश में कई जोनल और राज्य लॉन टेनिस चैंपियनशिप भी जीती हैं।
  • श्रीलंका के खिलाफ भारत का प्रतिनिधित्व किया और लियोनेल फोंसेका मेमोरियल ट्रॉफी जीती।
  • इन्होंने अपनी बहन अनु पेशावरिया के साथ 1975 में दिल्ली के लिए फर्स्ट एवर वुमेन फेस्टिवल स्पोर्टस का खिताब जीता था।

आईपीएस अधिकारी के रूप में इनका कार्यकाल

माउंट आबू में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये 1972 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल हुई। इन्हें पहली बार दिल्ली में चाणक्यपुरी पुलिस थाने में उप-विभागीय पुलिस अधिकारी के रूप में तैनात किया गया था, जिसके अन्तर्गत राष्ट्रपति भवन, पीएम हाउस, लुटियंस दिल्ली के क्षेत्र और कई प्रमुख सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों के कार्यालय आते थे। इसके बाद ये 1975 में गणतंत्र दिवस की परेड में दिल्ली पुलिस के पुरुष दल की अगुवाई करने वाली प्रथम महिला अधिकारी बनीं। इन्होंने मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक से लेकर कई नियुक्तियों, चंडीगढ़ की लेफ्टिनेंट गवर्नर की सलाहकार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की महानिदेशक और कई अन्य पदों पर श्रेयपूर्ण कार्य किया है। दिल्ली के उत्तर और पश्चिम के जिलों में उनकी जिला पुलिस के रूप में नियुक्ति ने इनका एक और रूप दिखाया जिससे यह साबित हो गया कि वह न केवल विश्वासपात्र है, बल्कि कुशल पुलिस अधिकारी भी है। इनकी पिछली नियुक्ति भारत में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक के रूप में हुई थी। 27 नवंबर, 2007 को इन्होंने स्वेच्छापूर्ण सेवानिवृत्ति ले ली और 25 दिसंबर, 2007 को इनको भारत सरकार के द्वारा इनके कर्तव्यों से राहत दे दी गयी।

सुधारात्मक दृष्टिकोण

नई दिल्ली में तिहाड़ जेल की महानिरीक्षक के रूप में इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई सुधार किए जैसे कि शराब आदि की लत के इलाज के लिए कार्यक्रम, योगा, ध्यान और कैदियों की शिकायतों का निवारण। इन्होंने 1988 में नवज्योति इंडिया फाउंडेशन और 1994 में इंडिया विजन फाउंडेशन की स्थापना की, जिससे नशीली दवाओं के आदी, कैदियों के बच्चों और समाज के गरीब वर्गों में सुधार हुआ।

भारत के विरुद्ध भ्रष्टाचार आंदोलन

किरण बेदी, ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ (आईएसी) आंदोलन की एक प्रमुख सदस्या थीं, जिसका नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किया था। आईएसी का मुख्य उद्देश्य जन लोकपाल विधेयक को प्रस्तावित करवाना था। ये सरकार और समूह के कार्यकर्ताओं के बीच हुए विरोधों और चर्चाओं में भी शामिल हुईं थी। अन्ना हजारे की नियोजित अनिश्चित भूख हड़ताल की शुरुआत से पहले ही आंदोलन के अन्य सदस्यों के साथ इन्हें भी कुछ घंटों के लिए गिरफ्तार किया गया था। इनके विरोध प्रदर्शनों के बाद, संसद ने लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए, तीन बिंदुओं पर विचार करके एक प्रस्ताव पारित किया। बेदी नवंबर 2012 में आईएसी से अलग हो गईं।

राजनीतिक यात्रा

किरण बेदी, आईएसी आंदोलन के अपने पूर्व सहयोगी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (एएपी) की स्थापना में शामिल नहीं हुईं। इन्होंने 2014 के आम चुनावों में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का समर्थन किया। ये 15 जनवरी 2015 को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में आधिकारिक रूप से शामिल हो गईं और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के लिए पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार घोषित कर दी गईं। इन्होंने कृष्णा नगर से चुनाव लड़ा था, लेकिन आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार एस के बग्गा से पराजित हो गईं।

पुरस्कार और पहचान

इन्होंने भारत और विदेशों में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। उनमें से कुछ प्रमुख हैं, राष्ट्रपति का वीरता पुरस्कार (1979), ड्रग प्रिवेंशन एवं कंट्रोल के लिए 1991 में एशिया रीजन अवार्ड, सरकारी सेवा (1994) के लिए मैगसेसे पुरस्कार, जोसेफ ब्यूज पुरस्कार 1997, मदर टेरेसा मेमोरियल नेशनल सामाजिक न्याय पुरस्कार (2005) और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए सर्ज सोइटरॉफ मेमोरियल पुरस्कार।

 

पूरा नाम किरण वेदी
राज्य दिल्ली
उम्र 65
जन्म तिथि 09-जून-1949
जन्म स्थान अमृतसर
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
दादा जी लाल मुनी लाल
दादी जी प्रीतम कौर
पिता प्रकाश लाल पाराशर
माता प्रेम लता पाराशर
धर्मिकता हिन्दूवादी
पति ब्रिज वेदी
बच्चे 1-बेटी, साइना
शैक्षिक योग्यता सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से शिक्षा ग्रहण की, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वुमेन, अमृतसर, पंजाब से अंग्रेजी (एच) में स्नातक। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री। एलएलबी, कानून संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय से और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली से पीएचडी।
अन्य व्यवसाय सामाजिक कार्यकर्ता, अमृतसर खालसा कॉलेज फॉर वुमेन (1970-72) में राजनीति विज्ञान में प्रवक्ता।
सामाजिक सक्रियता 1988: एनजीओ, “नवज्योति इंडिया फाउंडेशन” की स्थापना।
1994: “इंडिया विजन फाउंडेशन” की स्थापना।
अन्ना हजारे के नेतृत्व में, भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की एक प्रमुख सदस्य।
संभाले गए पद मिजोरम में पुलिस महानिरीक्षक के रूप में कार्य किया, चंडीगढ़ की लेफ्टिनेंट गवर्नर की सलाहकार, नई दिल्ली की यातायात आयुक्त और संयुक्त राष्ट्र के लिए नागरिक पुलिस सलाहकार
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो में महानिदेशक।
1993-1995: तिहाड़ जेल और दिल्ली की जेलों में महानिरीक्षक के पद पर भी कार्य किया।
राजनीति 15 जनवरी 2015: भाजपा में शामिल।
पुरूस्कार और उपलब्धियां 1972: भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनी थीं।
1976: राष्ट्रीय महिला लॉन टेनिस चैंपियनशिप जीती
1979: राष्ट्रपति का वीरता पुरस्कार जीता
1980: वुमेन ऑफ द इयर पुरस्कार प्राप्त किया
1994: रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त किया
2004: संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया था।
2009: महिला उत्कृष्टता पुरस्कार (आज तक चैनल की तरफ से)।

 

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