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जसपाल भट्टी की जीवनी

जसपाल सिंह भट्टी हिन्दी सिनेमा के एक प्रसिद्ध भारतीय कॉमेडियन, अभिनेता और व्यंग्यकार थे। टेलीविजन की दुनिया में एक महान ख्याति प्राप्त करने वाले जसपाल सिंह भट्टी, एक आम आदमी से जुड़ी समस्याओं पर व्यंगात्मक विचार व्यक्त करने के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध थे। जसपाल सिंह भट्टी टेलीविजन सीरीज “फ्लॉप शो” और मिनी सीरीज “उल्टा पुल्टा” के माध्यम से प्रसिद्ध हुए थे, जो उस समय विलंब 80 के दशक और शुरूआती 90 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित किये जा रहे थे। जसपाल भट्टी का जन्म 3 मार्च सन् 1955 को अमृतसर में हुआ था।

जसपाल भट्टी ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (विद्दुत अभियंत्रिकी) की डिग्री, पंजाब प्रांत के चंडीगढ़ शहर में स्थित पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से प्राप्त की थी। अपने कॉलेज के दिनों में, जसपाल भट्टी नॉनसेंस क्लब जैसे नुक्कड़ नाटकों में काम किया करते थे जिनसे इन्हें काफी प्रसिद्धि मिली थी। ये नाटक मजाकी टिप्पणियां करने वाले (स्पूफ) थे, जो समाज में भ्रष्टाचार का उपहास करते थे। वर्ष 1985 में, जसपाल भट्टी ने सविता से शादी की। उनके दो बच्चे एक बेटा जसराज और एक बेटी राबिया है।

टेलीविजन की दुनिया में प्रवेश करने से पहले, जसपाल भट्टी चंडीगढ़ में ‘द ट्रिब्यून’ नामक अखबार के एक व्यंग्य चित्रकार (कार्टूनिस्ट) के रूप में कार्यरत थे। वर्ष 1990 में, जसपाल भट्टी ने दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले होम-मेड कॉमेडी की स्थापना की और इसके लिए हिंदी टीवी चैनल पर वह अपने कॉमेडी (हास्य) अभिनय के लिए काफी प्रसिद्ध हुए थे। 90 के दशक के शुरुआती दिनों में उनका कम बजट वाला टीवी कार्यक्रम “फ्लॉप शो” अत्याधिक प्रसिद्ध रहा था, जिसे आज भी याद किया जाता है। इस लोकप्रिय फ्लॉप शो को जसपाल भट्टी की पत्नी सविता भट्टी ने प्रोड्यूस (निर्माता) किया था और इसके सभी एपिसोडों में उन्होंने पत्नी के रूप में एक मुख्य भूमिका भी निभाई थी। इस शो के केवल दस एपिसोड ही प्रसारित किये गए थे, फिर भी इस शो ने काफी प्रसिद्धि हासिल कर ली और जिसे आज भी याद किया जाता है। इसके बाद जसपाल भट्टी ने दूरदर्शन टेलीविजन नेटवर्क के लिए लोकप्रिय टीवी सीरीज ‘उल्टा पुल्टा’ और नॉनसेंस प्राइवेट लिमिटेड में अभिनय और निर्देशन किया। भारत में मध्यम वर्गीय समाज के हर रोज के मुद्दों पर जोर देने और कॉमेडी शुरू करने का यह उपहार दर्शकों को उनके शो के प्रति काफी आकर्षित करता था। जसपाल भट्टी के निर्देशन में वर्ष 1999 में प्रकाशित हुई पंजाबी भाषा की फिल्म “माहौल ठीक है” पूरी तरह एक नाटक आधारित फिल्म थी जिसमें पंजाब पुलिस पर एक करारा व्यंग्य किया गया था। यह उनका पहला निर्देशन था और दर्शकों को इससे एक अच्छी सरल हास्य की उम्मीद थी।

जसपाल भट्टी, सब टीवी पर प्रसारित होने वाले शो “कॉमेडी का किंग कौन” जैसे कई अन्य टेलीविजन कार्यक्रमों में भी दिखाई दिए थे, इस शो में वह एक जज बने थे। स्टार प्लस के शो “नच बलिए” जिसमें जसपाल भट्टी और उनकी पत्नी सविता भट्टी ने नृत्य और अपनी हास्य कौशल का प्रदर्शन करके दर्शकों का मनमोह लिया था। जसपाल भट्टी ने हिंदी और पंजाबी फिल्मों में कॉमेडियन (हास्य कलाकार) के रूप में कई भूमिकाएं निभाई थीं। इसके कुछ वर्षों बाद, जसपाल भट्टी ने मोहाली में “जोक फैक्ट्री” नामक एक प्रशिक्षण स्कूल और एक स्टूडियो की स्थापना की। जसपाल भट्टी ने सब टीवी पर प्रसारित होने वाली 52 एपिसोड (कड़ी) की कॉमेडी (हास्य) शो ”थैंक्यू जीजाजी” की शुरूआत की, जिसकी शूटिंग चंडीगढ़ के उनके ही एक मैड आर्ट्स फिल्म स्कूल में की गई थी। वर्ष 2009 में, इस मैड आर्ट्स स्कूल ने कन्या भ्रूणहत्या पर आधारित एक एनिमेशन फिल्म बनाई, जिसे 1 टेक मीडिया द्वारा आयोजित एडवांटेज इंडिया में दूसरा पुरस्कार प्रदान किया गया था। इसने मुंबई में आईडीपीए-2008 पुरस्कारों में श्रेष्ठता का प्रमाण पत्र भी जीता था। जसपाल भट्टी को गोल्डन केला अवार्ड्स में पहला लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।

25 अक्टूबर 2012 को एक कार दुर्घटना में जसपाल भट्टी का निधन हो गया। जिस कार में वह यात्रा कर रहे थे वह कार जिले के नकोदर इलाके में शाहकोट के नजदीक करीब सुबह 3 बजे सड़क के किनारे लगे एक पेड़ से टकरा गई थी जिससे उनकी मौत हो गई। कहा जाता है कि जसपाल भट्टी उस समय अपनी फिल्म “पावर कट” के प्रमोशन के लिए अपने बेटे जसराज भट्टी और अभिनेत्री सुरिली गौतम के साथ गाड़ी चलाते हुए भटिंडा से जालंधर आ रहे थे। जसपाल भट्टी को जालंधर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जहाँ पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जसपाल भट्टी को उनकी सामान्य हास्य शैली के लिए हमेशा याद किया जाएगा, जिसने न केवल हमें हंसी प्रदान की है बल्कि हमारे जीवन की प्रतिदिन की कठोर सच्चाई को उजागर किया और बढ़ते भ्रष्टाचार को भी व्यंगात्मक रूप से प्रदर्शित किया।

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