हजारी प्रसाद द्विवेदी एक प्रसिद्ध समीक्षक, उपन्यासकार, साहित्यिक इतिहासकार और हिंदी साहित्य के निबंधकार के रूप में जाने जाते  हैं। हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कई उपन्यास, निबंध और हिंदी साहित्य का ऐतिहासिक प्रारूप लिखा। हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म 1907 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के ‘आरत दुबे का छपरा’ नामक एक छोटे से गांव में हुआ था। हजारी प्रसाद द्विवेदी ज्योतिष, संस्कृत, भारतीय धर्म और संस्कृति को लेकर भावुक थे। हजारी प्रसाद द्विवेदी की प्रारंभिक शिक्षा संस्कृत में हुई।

वर्ष 1930 में इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, हजारी प्रसाद द्विवेदी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ज्योतिष की परीक्षा उत्तीर्ण की और उसके बाद इन्हें आचार्य की उपाधि से सम्मानित किया गया। हजारी प्रसाद द्विवेदी पढ़ाने के लिए शांतिनिकेतन चले गए। वर्ष 1940 से 1950 तक हजारी प्रसाद द्विवेदी को विश्वभारती में हिंदी भवन के निदेशक नियुक्त किए गये। रवींद्रनाथ टैगोर, क्षितिमोहन सेन, विधु शेखर भट्टाचार्य और बनारसीदास चतुर्वेदी से प्रभावित होकर, इनकी साहित्यिक गतिविधियों में रुचि बढ़ गई।

हजारी प्रसाद द्विवेदी हिंदी साहित्य के इतिहास में आचार्य शुक्ल युग के थे। हजारी प्रसाद द्विवेदी एक विद्वान व्यक्ति थे, जिन्होंने कई भाषाओं में महारत हासिल की थी और संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश और हिंदी जैसे साहित्य से अच्छी तरह से परिचित थे। हजारी प्रसाद द्विवेदी गुजराती और पंजाबी भाषा में भी अच्छी तरह से निपुण थे। अंग्रेजी के अपने ज्ञान के माध्यम से हजारी प्रसाद ने प्राचीन यूनान का क्लासिक्स (शास्त्रीय) और पश्चिमी दर्शन भी सीखा।

वर्ष 1957 में, हजारी प्रसाद द्विवेदी ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किए गये। वर्ष 1960 में, हजारी प्रसाद पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में हिंदी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख के रूप में शामिल हो गए। सेवानिवृत्त होने के कुछ साल पहले, हजारी प्रसाद फिर से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक कुलाधिसचिव के रूप में शामिल हुए। वर्ष 1973 में, हजारी प्रसाद के निबन्ध संग्रह ‘आलोक पर्व’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किए गये। हजारी प्रसाद को लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा डी.लिट की उपाधि प्रदान की गई थी। हजारी प्रसाद, अपने जीवन के आखिरी दिनों तक उत्तर प्रदेश, लखनऊ में  हिंदी अकादमी के अध्यक्ष रहे।

हजारी प्रसाद द्विवेदी की कुछ प्रमुख रचनाएं हैं:

  • विचार प्रवाह, कुटज, अशोक के फूल, कल्पलता (निबंध का संग्रह)
  • बाणभट्ट की आत्मकथा, चारुचंद्रलेख, पुनर्नवा, अनामदास का पोथा (उपन्यास)
  • सूर-साहित्य, कबीर, साहित्य-सहचर, कालिदास की लालित्‍य योजना, हिंदी साहित्यःउद्भव और विकास, हिंदी साहित्य का आदिकाल (इतिहास)
  • वर्ष 1979 में, हजारी प्रसाद द्विवेदी का निधन हो गया।

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