भारत रत्न और नोबेल पुरस्कार विजेता सर चंद्रशेखर वेंकट रमन प्रकाश प्रकीर्णन और रमन प्रभाव की खोज के लिए जाने जाते हैं। सी.वी.रमन को 1930 में अपने कार्य के लिए भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

सर सी. वी. रमन का जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। सर सी. वी. रमन ने स्नातक और परास्नातक की डिग्री प्रेसीडेंसी कॉलेज, मद्रास से पूरी की थी। इसके तुरंत बाद सर सी.वी.रमन जी कोलकाता में सहायक लेखाकार जनरल के रूप में भारतीय वित्त विभाग में शामिल हो गए।

इसके बाद, सर सी.वी.रमन ने ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस’ (आईएसीएस) में परीक्षण करना प्रारंभ कर दिया। 1917 में, सर सी.वी. रमन ने अपनी सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया और कलकत्ता विश्वविद्यालय में भौतिकी के क्षेत्र में पालित प्राध्यापक के पद की नव निर्मित पोस्ट पर कार्य करने लगे। साथ ही में सर सी.वी.रमन ने आईएसीएस में अपने शोध को जारी रखा। 1929 में सर सी.वी.रमन ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 16 वें सत्र की अध्यक्षता का कार्यभार संभाला।

सर सी.वी. रमन ने प्रकाश के प्रकीर्णन कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने के साथ-साथ संगीत वाद्ययंत्रों के ध्वनि संबधी विषय पर भी कार्य किया। 1934 में, सर सी.वी.रमन बैंगलोर में नव स्थापित भारतीय विज्ञान संस्थान के निदेशक बने और 1947 में स्वतंत्र भारत की नई सरकार द्वारा पहले राष्ट्रीय प्रोफेसर नियुक्त किए गए।

सर सी. वी. रमन को 1954 में भारत रत्न पुरस्कार से और 1957 में लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सरकार ने सर सी.वी. रमन के द्वारा 1928 में किए गए शोध में रमन प्रभाव की खोज का जश्न मनाने के लिए 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित करके सर सी.वी.रमन को सम्मानित करने का कार्य किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *