कोलकाता शहर का नक्शा

कोलकाता शहर का नक्शा

कोलकाता शहर का नक्शा
ऊपर दिया हुआ कोलकाता शहर का नक्शा राष्ट्रीय राजमार्ग, सड़क, रेलवे, नदी, तथा शहर के प्रमुख स्थानों को दर्शाता है|

कोलकाता के बारे में

 

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, जिसे पहले कलकत्ता के नाम से जाना जाता था, भारत के महत्वपूर्ण महानगरीय शहरों में से एक है। पूर्वी भारत में स्थित कोलकाता को प्यार से "सिटी ऑफ ज्वाय" के रूप में जाना जाता है। कई महत्वपूर्ण नाम जैसे मदर टेरेसा, रबींद्रनाथ टैगोर, सत्यजीत रे, और सुभाष चंद्र बोस आदि के नाम कोलकाता शहर से जुड़े हुए हैं।

 

कोलकाता शहर 22.82 डिग्री उत्तर में 88.20 डिग्री पूर्व में स्थित है। यह शहर हुगली नदी के तट तक फैला हुआ है और इसकी ऊँचाई 30 फीट है। कोलकाता का कुल क्षेत्रफल 1886 वर्ग किलोमीटर है। सुन्दरवन डेल्टा ने कोलकाता को बंगाल की खाड़ी से अलग किया है।

 

कोलकाता शहर को विभिन्न स्थलाकृतिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और पाँच इकाइयों में पश्चिम, पूर्व, दक्षिण, उत्तर और मध्य कोलकाता में विभाजित किया है। कोलकाता शहर के आसपास के क्षेत्रों में से हुगली, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और नाडिया हैं।

 

पर्यटकों को आसानी से परिसर तक पहुँचने के लिए और इसके विशाल क्षेत्र व शहर के सही स्थानों की जानकारी प्राप्त करने के लिए कोलकाता के मानचित्र पर एक नजर डालने की जरूरत है। कोलकाता के पश्चिमी भाग में हुगली नदी लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तक बहती है। कोलकाता भारत में दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह कोलकाता शहर कई वर्षों से एक महानगरीय शहर है और विभिन्न संस्कृतियों, राज्यों और धर्मों के लोग कोलकाता को अपना घर मानने लगे हैं। कोलकाता विभिन्न क्षेत्रों में जैसे प्रौद्योगिकी, उद्योग, शिक्षा, पर्यटन और अन्य कई क्षेत्रों में बहुत सारे अवसर उपलब्ध कराता है।

 

कोलकाता शहर में प्रसिद्ध कुछ धार्मिक स्थान जैसे- सेंट थॉमस चर्च, जैन मणिकला, जैन बेलगाछिया, गुरुद्वारा और कई अन्य धार्मिक स्थल यहाँ स्थित हैं। बजट से लेकर लक्जरी तक पूरे कोलकाता में बहुत से होटल हैं। हयातरीजेंसी, आईटीसी सोनार, ओबेराय ग्रांड, द गोल्डन पार्क, हिंदुस्तान इंटरनेशनल और अशोक जैसे कुछ प्रमुख होटल यहाँ पर स्थित हैं।

 

कोलकाता में मुख्य रूप से बोली जाने वाली भाषा बंगाली है और अन्य बोली जाने बाली भाषाओं में हिन्दी, अंग्रेजी और कुछ अन्य भी शामिल हैं। कोलकाता में हिंन्दू, मुसलमान, सिक्ख और ईसाई के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी रहते हैं।

 

कोलकता का इतिहास

 

कोलकाता का इतिहास, ब्रिटिश भारत की राजधानी दिल्ली की तरह पुराना नही है। इस कोलकाता शहर का, अकबर के प्रमुख दरबारी अबुल फजल द्वारा संकलित आइने-ए-अकबरी में 'खास महल' या 'शाही जागीर' के रूप में उल्लेख किया गया है। सवर्णा रे चौधरी के परिवार का इसकी जमींदारी पर अधिकार था। सुतनती, गोविंदपुर और कलिकटा तीन गांव थे, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के एक एजेंट जाब चोरनक ने ब्रिटिश व्यापार के समझौते को स्थापित करने के लिए का फैसला किया था। औरंगजेब के पोते राज कुमार अजीम-उस-शान ने सवर्णा रे चौधरी के परिवार को ईस्ट इंडिया कंपनी के इन तीन गांवों की जमींदारी के अधिकारों को हस्तांतरित करने के लिए प्रेरित किया। सिराज-उद-दौला द्वारा अंग्रेजों के व्यवस्थापन को छिन्न भिन्न कर दिया गया था, लेकिन वर्ष 1756 में रॉबर्ट क्लाइव द्वारा वर्ष 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद (मूल रूप से प्लासी स्थान-पलाश फूलजंगल नाम से प्रसिद्ध) इसे पुनः प्राप्त कर लिया गया। व्यवस्थित रूप से इस ईस्ट इंडिया कंपनी ने कलकत्ता शहर को अपनी शक्ति का आधार बनाकर दुर्गों का निर्माण करवाया और राजनीति में भी साहासिक रूप से आगे बढ़े।

 

ब्रिटिश शासन के दौरान कोलकाता देश की राजधानी थी और कोलकाता के बाद ब्रिटिश साम्राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर लंदन था।

 

वर्ष 1820 और 1930 के बीच, राष्ट्रीयता का बीज बोना शुरु हो गया था और जब लोग ब्रिटिश शासन के खिलाफ खड़े थे तब भारतीय नेतृत्व के तहत राष्ट्रवादी आंदोलन अपनी चरम सीमा तक पहुँच चुका था।

 

कोलकाता में आसपास के पर्यटन स्थल

 

कोलकाता में ऐसी बहुत सी जगह हैं जो पर्यटकों के लिए बङी ही दिलचस्प हैं। ब्रिटिश राज में बनी पुरानी इमारतों के ढाँचे अभी भी एक बहुत ही सराहनीय कार्यों को दर्शाते हैं, जिनमें से कुछ आकर्षणों को देखना जरूरी है।

 

साल्ट लेक स्टेडियम - 85,000 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है।

 

विक्टोरिया मेमोरियल – भारत में रानी विक्टोरिया की याद में वर्ष 1906-1921 के बीच निर्मितसफेद संगमरमर से बना अद्भुत सुंदर स्मारक है।

 

मार्बल पैलेस - राजा राजेंद्र मलिक द्वारा वर्ष 1835 में निर्मित एक भव्य और असाधारण महल है। यह उनके वंशजों के लिए आवास का स्थान है।

 

ईडन गार्डन क्रिकेट स्टेडियम - वर्ष 1864 में स्थापित, दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित स्टेडियमों में से एक है।

 

एस्प्लेनेड - आम तौर पर एस्प्लेनेड किसी जल निकाय के साथ स्थित एक लंबा, खुला, विस्तृत, क्षेत्र है जो आमतौर पर समुद्र के पास स्थित है जहाँ पर चहल कदमी करने से खुशी महसूस होती है। पुराने दिनों में कोलकाता एस्प्लेनेड, धुरमोतोल्लाह (अब लेनिन सरानी) से हुगली नदी के चंदपाल घाट तक फैला हुआ है।

 

पार्क स्ट्रीट - यह कोलकाता के प्रमुख आकर्षणों में से एक है और ख़ूबसूरत खरीदारी की दुकानों पर शोरगुल के साथ-साथ सुंदर औपनिवेशिक इमारतों का दावा करता है। कोलकाता के इस क्षेत्र को 'फूड स्ट्रीट' और 'द स्ट्रीट दैट नेवर स्लीप' का उपनाम दिया गया है। कई औपनिवेशिक इमारतों के साथ यह शहर स्वच्छ और व्यवस्थित बना हुआ है और इसकी गलियों के प्रत्येक कोने में सटीक-चित्रों को अंकित किया गया है।

 

अलीपुर जूलॉजिकल गार्डन – कोलकाता का यह चिड़ियाघर भारत का सबसे पुराना चिड़ियाघर है, जो वर्ष 1876 में खोला गया था।

 

बॉटनिकल गार्डन – वर्ष 1786 में स्थापित, 109-हेक्टेयर में फैला हुआ है शहर के भयावह शोर और वहाँ की दुर्गन्ध से बचने के लिए बॉटनिकल गार्डन एक शानदार जगह है। 250 वर्ष पुराना 'दुनिया का सबसे बड़ा बरगद का पेड़' पार्क में सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र है।

 

हावड़ा ब्रिज – कोलकाता का यह कैंटीलीवर ब्रिज हुगली नदी पर तैरते हुए पुल का प्रतीक है। इस प्रकार से यह दुनिया में छठा सबसे लंबा पुल है। रवींद्र सेतु के रूप में नामित, यह पुल हावड़ा और कोलकाता दोनों शहरों को जोड़ता है।

 

राइटर्स बिल्डिंग – कोलकाता शहर “सिटी ऑफ ज्वाय” के प्रमुख स्थानों में सेयदि आप कोलकाता में मुख्य पर्यटन स्थलों को देखना चाहते हैं तो राइटर्स बिल्डिंग अपनी शानदार वास्तुकला और डिजाइन के लिए बेहद प्रसिद्ध है। लगभग 1830 तक, फोर्ट विलियम कॉलेज ने इसे एक शिविर के रूप में हिंदी और फारसी जैसी भाषाओं में लेखकों को प्रशिक्षण देने के लिए इस्तेमाल किया गया था। आज के समय में यह इमारत पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार का कार्यालय है।

 

भारतीय संग्रहालय – यह भारत का सबसे बड़ा और सबसे पुराना संग्रहालय है, जिसकी स्थापना वर्ष 1814 में हुई और यह दुनिया में सबसे पुराने संग्रहालयों में से भी एक है, इस संग्रहालय में प्राचीन वस्तुएं जैसे - कवच, पेंटिंग, गहने, ममी, कंकाल, अन्य चीजों के साथ जीवाश्मों का दुर्लभ संग्रह भी है।

 

जोड़ासॉको ठाकुरबाड़ी – वर्ष 1785 में निर्मित रवींद्रनाथ टैगोर का पैतृक घर है। जिसे अब टैगोर संग्रहालय के रूप में जाना जाता है, यह नोबेल पुरस्कार विजेता और बंगाल पुनर्जागरण के लोगों के जीवन और उनके कार्यों के लिए समर्पित है। यह इमारत 35,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई है, यहाँ रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय भी है।

 

भारत का राष्ट्रीय पुस्तकालय - लॉर्ड कर्जन, भारत के गवर्नर जनरल ने कलकत्ता पब्लिक लाइब्रेरी (1836 में स्थापित) के संग्रह को इंपीरियल लाइब्रेरी (1891 में स्थापित) के साथ शामिल करके इसे भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय बनाया। स्वतंत्रता के बाद, भारत सरकार ने इंपीरियल लाइब्रेरी का नाम बदलकर नेशनल लाइब्रेरी कर दिया जिसमें 2 करोड़ 20 लाख से अधिक पुस्तकों का संग्रह है।

 

फोर्ट विलियम – अब भारतीय सेना के अधिकार के तहत, यह ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रेसीडेंसी के शुरुआती सालों के दौरान हुगली नदी के पूर्वी तट पर बनाया गया था। यह किला ईंट और गारे से निर्मित है और अनियमित अष्टकोण के आकार का एक बड़ा मैदान है जहाँ पर कलकत्ता का सबसे बड़ा शहरी पार्क है।

 

बेलूर मठ - रामकृष्ण परमहंस के एक प्रमुख शिष्य स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित रामकृष्ण मठ और मिशन का एक प्रसिद्ध मुख्यालय है। यह अपनी वास्तुकला और सभी धर्मों की एकता के प्रतीक के रूप में उल्लेखनीय है। रामकृष्ण आंदोलन या वेदांत आंदोलन का उद्देश्य जाति, पंथ, जाति या राष्ट्रीयता के किसी भी भेदभाव के बिना, प्राचीन और आधुनिक, आध्यात्मिक पूर्ति, मानव संकायों के सर्वांगीण विकास, सभी मानवता और सामाजिक समानता के लिए शांति के बीच तालमेल को बनाए रखना है।

 

बिरला मंदिर – यह भव्य बिरला मंदिर का निर्माण उद्योगपति बिरला परिवार द्वारा दूधिया रंग के बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से निर्मित करवाया गया है और भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इसमें मीनार की भांति बनी तीन शिलाएं हैं और एक विशाल प्रांगण है जो शहर की बेहतरीन स्थापत्य सुंदरताओं में से एक है। राज्य से सटे हुए और मंदिर परिसर के आस-पास स्थित अत्याधुनिक ऑडोटोरियम, जीडी बिरला सभागार जो प्रायः संगीत कार्यक्रमों और अन्य प्रदर्शनों का आयोजन करता है।

 

दक्षिणेश्वर काली मंदिर - कोलकाता के पास दक्षिणेश्वर में स्थित, काली मां का एक रूप भवतारिणी को समर्पित है। 100 फीट की विशाल ऊँचाई पर स्थित यह वास्तुकला निधि के लिए भी प्रसिद्ध है, यह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध, प्रतिष्ठित और पवित्र मंदिरों में से एक है और कोलकाता में सबसे बड़ा मंदिर है।

 

सेंट पॉल कैथेड्रल - आधी रात में क्रिसमस पर प्रार्थना करनेके लिए प्रसिद्ध है न केवल यह एक धार्मिक स्थल है बल्कि वास्तुशिल्प आश्चर्य भी है। इंडो-गॉथिक वास्तुकला काप्रदर्शन करने वाले सीधे खड़े खम्भे मेहराब और समभार के साथ सुसज्जित हैं, जो जमीनी स्तर से ऊपर 175 फीट तक की ऊँचाई पर स्थित हैं। कैथेड्रल विशाल मैदानों से घिरा हुआ है और कई प्राचीन पेड़ों से सजा हुआ है।

 

शहीद मीनार - यह 48 मीटर ऊँची स्मारक है, जिसे पहले आक्टरलोनी स्मारक के रूप में जाना जाता था, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के कमांडर मेजर जनरल सर डेविड आक्टरलोनी की याद में वर्ष 1828 ई में बनाया गया था। वर्ष 1969 में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में इसे अपना नया नाम 'शहीद मीनार' (शहीदों का दुर्ग) प्राप्त हुआ। 218 कदम चलकर स्मारक के शीर्ष तक पहुँचा जा सकता है, जहाँ से आप कोलकाता के विहंगम दृश्यों को देख सकते हैं।

 

साउथ पार्क स्ट्रीट कब्रिस्तान – आज, यह उपयोग में नहीं है और भारत की पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा सुरक्षित एक विरासत स्थल है। गॉथिक में 1600 अजीब कब्रों और स्मारकों का प्रदर्शन किया गया है और इंडो-सरै सेनिक शैली जिसमें एक शानदार वास्तुकला को दर्शाती हैं जिसमें उचित विवरण और लोगों द्वारा लिखे गए समाधि-लेख हैं। इस कब्रिस्तान का ऐतिहासिक महत्व है और हालांकि ऐसा भी माना जाता है कि हर दिन बहुत सी प्रेत् आत्माओं का वास रहता है।

 

साइंस सिटी कॉम्प्लेक्स - इस प्रतिष्ठित संस्थान में अंतरिक्ष ओडिसी, डायनामोशन, इवोल्यूशन पार्क - थीम टूर, मैरीटाइम सेंटर, अर्थ एक्सप्लोरेशन हॉल और विशाल विज्ञान पार्क शामिल हैं जो भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे बड़ा विज्ञान केंद्र है। वर्ष 1997 में इसका उद्घाटन हुआ था, यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास और मानव तथा पर्यावरण कल्याण में अपने आवेदन को दर्शाता है।

 

बिरला नक्षत्रमंडल या 'तारामंडल' - सांची में बौद्ध स्तूप की भांति एक मंजिला गोलाकार संरचना है। इसे एशिया और विश्व में दूसरा सबसे बड़ा तारामंडल माना गया है। विशेष रुप से खगोल विज्ञान प्रेमियों द्वारा, तारामंडल से आकाश की भव्यता, ब्रह्मांड के रहस्यों, पृथ्वी के विकास और खगोल विज्ञान के विभिन्न अवधारणाओं के लिए लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाले आकाशीय दृश्यों का आयोजन किया है।

 

कोलकाता में परिवहन/कोलकाता तक कैसे पहुँचे

 

कोलकाता में परिवहन व्यवस्था बहुत ही पुरानी और आधुनिक है। शहर अच्छी तरह से देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है। इस शहर में सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों का अच्छा नेटवर्क है, जहाँ पर आपको बहुत सारी कार, बसें, टैक्सी और ऑटो रिक्शा भी मिल जाएंगे। कोलकाता में परिवहन अपने ट्राम नेटवर्क के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यह एकमात्र ऐसा शहर है जिसमें ट्राम परिवहन की सुविधाएं उपलब्ध हैं। पुरुषों द्वारा रिक्शा चलाना यहाँ का एक आम दृश्य है। इसका भाड़ा उचित है और कम दूरी के लिए इन रिक्शों का प्रयोग किया जाता है।

 

कोलकाता मेट्रो, यात्रा का एक बहुत ही सुविधाजनक तरीका है और लाखों लोगों द्वारा शहर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक जाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों द्वारा विश्वसनीय है। यह एक भूमिगत रेल नेटवर्क है, जो कि भारत में पहला है। यह उत्तर में दम दम से शुरू होता है और दक्षिण में टॉलीगंज से आगे पार्क स्ट्रीट तथा एस्प्लेनेड तक जाकर रूकता है। हावड़ा और कोलकाता के बीच मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए हुगली नदी के तहत, चल रहा सुरंग का काम देश में पहला अंडरवॉटर प्रोजेक्ट है।

 

आगंतुकों को यहाँ जाने के लिए कोलकाता के नक्शे और मेट्रो के मार्गों का पालन करना बेहतर होगा, क्योंकि यह आपको श्याम बाज़ार, बेलगछिया, चांदनी चौक, रवीन्द्र सदन, नेताजी भवन, जतिन दास पार्क, सेंट्रल,गिरीश पार्क, महात्मा गांधी रोड और शोवा बाजार जैसे स्थानों पर ले जा सकता है।

 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर के उत्तर में स्थित है और इसे पहले दमदम हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता था। यह शहर के मध्य से लगभग 17 किमी. की दूरी पर स्थित है। विभिन्न उड़ानें भारत के विभिन्न शहरों और दुनिया के अन्य हिस्सों में ले जाती हैं।

 

हवाई जहाज द्वारा - नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो शहर के केंद्र से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित है, भारत और विदेश के प्रमुख शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी है। अपने स्थान तक पहुँचने के लिए हवाई अड्डे से बस या किराए की टैक्सी ले सकते हैं। कई मार्गों पर वोल्वो बसें भी चलती हैं।

 

ट्रेन द्वारा - कोलकाता पूरे देश के शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सुपरफास्ट गाड़ियाँ, राजधानी और शताब्दी कोलकाता से दिल्ली और आसपास के स्थानों को जोड़ती हैं। शहर में हावड़ा और सियालदह दो प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।

 

सड़क मार्ग द्वारा - कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 और 6 के माध्यम से ज्यादातर भारतीय शहरों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कोलकाता में सरकारी और निजी बसों का व्यापक नेटवर्क भी है। कोलकाता राज्य परिवहन निगम (सीएसटीसी), कोलकाता ट्रामवेस कंपनी (सीटीसी) और पश्चिम बंगाल सर्फेस ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (डब्ल्यूबीएसटीसी) शहर में बस चलवाते हैं। शहर के केंद्र में एस्प्लेनेड टर्मिनस मुख्य बस टर्मिनस है।

 

समुद्री मार्ग द्वारा - कोलकाता का बंदरगाह एक तटीय बंदरगाह है, यह समुद्र से लगभग 203 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह भारत का सबसे पुराना सक्रिय बंदरगाह है और इसका निर्माण ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा किया गया था।

 

कोलकाता में शैक्षिक संस्थान

 

कोलकाता में कई प्रतिष्ठित स्कूल और कॉलेज हैं। कुछ स्कूल जिन्होंने देश में अपनी काफी प्रतिष्ठा बनाई है उनमें से हैं जैसे लोरेटो हाउस, ला मार्टिनियर, और सेंटएवियर्स कॉलेजिएट स्कूल शामिल हैं। कलकत्ता विश्वविद्यालय को दक्षिण एशिया में पहला आधुनिक विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है। इसकी स्थापना वर्ष 1857 में की गयी थी। इसमें अन्य लोकप्रिय संस्थान बंगाल इंजीनियरिंग और विज्ञान विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय, भारतीय प्रबंधन संस्थान, भारतीय विदेश व्यापार संस्थान, पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज, जैसे अन्य संस्थान भी शामिल हैं।

 

कोलकाता में खरीदारी

 

सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कोलकाता में खरीदारी करना बेहद आनंद दायक हो सकता है। कोलकाता के आकर्षक बाजाररंग, ध्वनि और भोजन की मनमोहक  सुगंध से परिपूर्ण होते हैं। गारियाहट मार्केट हथकरघा साड़ी, बंगाली कपास साड़ी और पारंपरिक रेशमी साड़ियों का केंद्र है। कलाकृतियां, खिलौने और फैशन का सामान, हाथ से बनाई हुई चूड़ियाँ और हार, लकड़ी से बनाई गई नक्काशीदार मूर्तियां और हाथ से बने पीतल के बर्तन, पक्की मिट्टी से बने सामान, विशेष रूप से आकर्षक सजावटी ढंग से दीवारों पर अद्तीय पारंपरिक डिजाइनों में बने सामानों को चौरंगी रोड पर देखा जा सकता हैं। शोवाबाजार को पारंपरिक बंगाली खरीदारी के लिए जाना जाता है। मलिक फ्लॉवर मार्केट, पूरे एशिया में सबसे बड़ा फूल बाजार है, जिसे देखने पर खुशी की अनुभूति होती है।

 

कोलकाता का भोजन

 

  • कोलकाता के भोजन में एक स्वादिष्ट अनोखा जादू है, जिसके व्यंजनों की सूची में नाश्ता या मिठाई कभी समाप्त नहीं होते हैं।
  • कोलकाता में ‘रसगुल्ला’ सचमुच मीठे शरबत से भरे ‘रसगुल्ले’ होते है।
  • दूध, चीनी और पनीर के साथ तैयार सन्देश, यह मुंह में मिश्री की तरह पिघलता है (मिठाई) इसका स्वाद बेहद अनूठा है।
  • 'मिस्टी दोई' (जमे हुए दही) दूध और चीनी के सही मिश्रण से बना और एक आकर्षक नाश्ता है।
  • कोलकाता में गर्मियों के दिनों के लिए ठंडई/कुल्फी एकदम सही चीज है। यह कोलकाता का बहुत ही ठंडा पेय पदार्थ है जिसे पिस्ता और बादाम से सजाया जाता है।
  • कोलकाता में नाश्ते का काफी प्रचलन है और वहाँ का सबसे ज्यादा लोकप्रिय नाश्ता पकवान राधा बल्लवी (भरवां-दाल की पूरी) हैं।
  • कोलकाता की गलियों में हर तरफ पाया जाने वाला झालमुरी एक स्वादिष्ट नाश्ता है जिसे मूँगफली, धनिया, मुरमुरे और अन्य मसालों के साथ मिला कर बनाया जाता है।
  • गेंहूँ के आटे से बनी गेंद के आकार की, जिनमें मसालेदार पानी भरा होता है, जिसे पुचका कहते हैं, कोलकाता में काफी ज्यादा पंसद किया जाता है।
  • मुंह में पानी लाने वाला कोशा मांगशो (मटन करी) गाढ़ी ग्रेवी और मांस के रसेदार टुकड़ों के साथ, उबले हुए चावल, लूची (पुरी) और पराठा के साथ परोसा जाता हैं।
  • कोलकाता का प्रत्येक निवासी चेलो कबाब की एक प्लेट की मांग करता है।
  • मुगलई परांठा अंडे और मांस के कीमे से भरवां बनाए जाते हैं जिन्हें खाकर आप उंगली चाटने लगेंगे।
  • माछेर झोल (फिश करी) चावल के साथ इस शहर का मुख्य भोजन है, यह कोलकाता में लगभग हर जगह पाया जाता है।
  • कोलकाता का स्वादिष्ट काठी रोल बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है।
  • कोलकाता के पकवानों में फिश फ्राई का अपना अलग महत्व है।

 

कोलकाता के तथ्य

 

 


शहर के नाम


कोलकाता


राज्य


पश्चिम-बंगाल


जिला


कोलकाता


जिला मुख्यालय


कोलकाता


तहसील


एसी लेन, बेलाघाटा, कंकरागाची, सर्कस एवेन्यु, नारकेलडांगा, पार्क सर्कस, पारसीबागान, फूलबागान, एमहर्स्ट स्ट्रीट, संकरितोला, सियालदह, तलतला


वार्ड


144


अक्षांश देशांतर


22 डिग्री 05 'एन 88 डिग्री 03' ई


क्षेत्रफल


185 किमी वर्ग


2011 के अनुसार जनसंख्य़ा


44 लाख 97 हजार


आधिकारिक भाषा


बंगाली


समय क्षेत्र


आईएसटी (यूटीसी+05:30)


एसटीडी कोड


33


परिवहन


वायु, सङक, रेल,समुद्र


वाहन पंजीकरण


डब्ल्यूबी01, डब्ल्यूबी02, डब्ल्यूबी03, डब्ल्यूबी04, डब्ल्यूबी05, डब्ल्यूबी06, डब्ल्यूबी07, डब्ल्यूबी08


 

भोजन/व्यंजन और मसाले

 


रसगुल्ला, सन्देश चनाचूर, कोशा मांगशो(मटन करी) चिकन कबीराजी, चेलो कबाब, मुगलई पराठा, माछेर झोल, फ्राइड फिश, पुचका, झालमुरी, मिष्टी दोई आदि।


धर्म


हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई


 

मेले और त्यौहार

 

 

 

 


दुर्गा पूजा, काली पूजा और दिवाली सरस्वती पूजा, होली (डोली यात्रा), रथ यात्रा, विश्वकर्मा पूजा, जन्माष्टमी, जगद्धात्री पूजा, कोलकाता क्रिसमस समारोह, डॉवर लेन संगीत समारोह, कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला या कोलकाता बोई मेला, कोलकाता इंटरनेशनल सिनेमा महोत्सव, नंदिकार का राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव, अंतर्राष्ट्रीय इतिहास और विरासत प्रदर्शनी / इतिहास उत्सव आदि।


स्मारक

 

 


शहीद मीनार, मेटकाल्फ हॉल, करेंसी बिल्डिंग, विक्टोरिया बिल्डिंग


 

दर्शनीय स्थल

 

 

 

 

 


बॉटनिकल गार्डन, चौरंघी, डलहॉउसी स्क्वायर, नेशनल लाइब्रेरी, निर्मल हृदय पयूर हार्ट, नेहरू बच्चों का संग्रहालय, स्वामी विवेकानंद का पैतृक घर, बांदेल, चिंतामणि कर बर्ड सैचुअरी, नखोदा मस्जिद, निकको पार्क, पर्श्वनाथ मंदिर, रॉयल कलकत्ता टर्फ क्लब, शोवाबाजार राजबाड़ी, टाउन हॉल, सेंट्रल पार्क, कालीघाट काली मंदिर, टांग्रा चीन शहर, अर्मेनियन पवित्र चर्च नजरेथ, दीघा समुद्रतट, श्री मायापुर चंद्रोदय मंदिर, नेताजी भवन, टीपू सुल्तान मस्जिद, रवींद्र सरौर, स्टेट आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम आदि।


 

होटल


नोवोटेल कलकत्ता होटल और रेजीडेंस, द गेटवे होटल, द ओबेरॉय ग्रा ग्रैंड, हयात रीजेंसी, ललित महान पूर्वी, ताज बंगाल, पीरलेस इन, प्राइड प्लाजा होटल, मोनोटल लक्जरी बिजनेस होटल, होटल कासा फॉर्टुना, आईटीसी सोनर, इतनोटेल आदि।


 

 

बाजार


गारियाहट, न्यू मार्केट, कॉलेज स्ट्रीट, मल्लिकाघाट फ्लॉवर मार्केट, हाती बगान, साउथ सिटी मॉल, मणि स्क्वायर शॉपिंग मॉल, बुर्ज बाजार, दक्षिणिनपान शॉपिंग सेंटर, बीके मार्केट, सुंदर स्ट्रीट आदि।


 

महत्वपूर्ण स्थल


चौरंघी, हावड़ा ब्रिज, ईडन गार्डन विक्टोरिया मेमोरियल, पार्क स्ट्रीट, बेलूर मठ

 


 

 

शहर से जुङने वाले महत्वपूर्ण मार्ग


गोल्डन क्वाड्रीलेटरल हाइवे नेटवर्क राष्ट्रीय राजमार्ग 2 (एनएच 2) - कोलकाता से दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, एनएच 6, कोलकाता से गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, एनएच 10, पश्चिम बंगाल और सिक्किम को जोड़ती है


 

उद्योग


औषधि, इस्पात, नौवहन और समुद्री, रसायन, ट्रांसफार्मर, प्लास्टिक, सीमेंट, वस्त्र, बिस्कुट और चाय उत्पादन कंपनियां आदि


 

 

 

विश्वविद्यालय / कॉलेज


कलकत्ता विश्वविद्यालय, विद्यासागर कॉलेज, बेथ्यून कॉलेज, दीनबंदु एंड्रयूज कॉलेज, स्कॉटिश चर्च कॉलेज, आनंद मोहन कॉलेज, संस्कृत कॉलेज और विश्वविद्यालय, हेरंब्रा चन्द्र कॉलेज, लेडी ब्रेबोर्न कॉलेज, मौलाना आजाद कॉलेज, रवींद्र भारती विश्वविद्यालय, प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय, भारतीय सांख्यिकी संस्थान, आदि।