मणिपुर

Manipur Map in Hindi

मणिपुर
मणिपुर का नक्शा (मानचित्र) जिला, अंतरराष्ट्रीय सीमा, राज्य सीमा, जिला सीमा, राज्य मुख्यालय दर्शाता है

मणिपुर के महत्वपूर्ण तथ्य

राज्यपाल डॉ नजमा हेपतुल्ला
  मुख्यमंत्री नोंग्थोमबम बिरेन सिंह (भारतीय जनता पार्टी)
आधिकारिक वेबसाइट www.manipur.gov.in
स्थापना का दिन 21 जनवरी 1972
क्षेत्रफल 22,327 वर्ग किमी
घनत्व 122 प्रति वर्ग किमी
जनसंख्या (2011) 2,966,889
शहरी जनसंख्या % में (2011) 32.45%
पुरुषों की जनसंख्या (2011) 1,491,832
महिलाओं की जनसंख्या (2011) 1,475,057
जिले 9
राजधानी इम्फाल
नदियाँ बराक, इम्फाल और इरिल
वन एवं राष्ट्रीय उद्यान कैबुल राष्ट्रीय उद्यान, शिरुई राष्ट्रीय उद्यान
भाषाएँ मणिपुरी, मेइती
पड़ोसी राज्य असम, नागालैंड, मिजोरम
राजकीय पशु संगाई हिरन
राजकीय वृक्ष भारतीय महोगनी
राजकीय फूल सिरोय कुमुदिनी (लिली)
नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2011) 29,684
साक्षरता दर (2011) 75.48%
1000 पुरुषों पर महिलायें 987
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 60
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 2

मणिपुर के बारे में


मणिपुर राज्य भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है। मणिपुर की राजधानी इंफाल है। मणिपुर में कई संस्कृतियों के लोग रहते हैं जैसे कुकी, नागा, पांगल और मिज़ो हैं, जो कई भाषाएं बोलते हैं।

इस राज्य के उत्तरी भाग में नागालैंड और दक्षिणी भाग में मिज़ोरम स्थित है। मणिपुर के पश्चिमी और पूर्वी हिस्से की ओर असम और म्यांमार हैं। मणिपुर का कुल क्षेत्रफल करीब 22,347 वर्ग किमी. है।

बिना किसी हिचकिचाहट के कहा जा सकता है कि मणिपुर धरती का स्वर्ग है। मणिपुर का शाब्दिक अर्थ भी ‘मणि की धरती’ या ‘रत्नों की भूमि’ है। मणिपुर में प्रकृति की सुंदरता और भव्यता भरपूर है। हिरणों की दुर्लभ प्रजाति संगाई और सिरोइ के पहाड़ों पर उगने वाली ‘सिरोय लिलि’ यहां पाई जाती है। सेंट क्लेर ग्रिमवुड ने मणिपुर का ‘दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों से भी सुंदर जगह’ के तौर पर वर्णन किया था। स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरु ने ‘भारत का रत्न’ कह कर बिलकुल उपयुक्त तरीके से इस स्थान के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की थी। मणिपुर के उत्तर में नागालैंड, दक्षिण में मिज़ोरम पूर्व में अपर म्यांमार और पश्चिम में असम का कछार जिला है।

मणिपुर में नौ जिले शामिल हैं: बिश्नुपुर, चंदेल, चुराचांदपुर, इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, सेनापति, तामेंगलांग, थोबल ओर उखरुल।

इतिहास


मणिपुर का इतिहास बहुत दिलचस्प है। सन् 1891 में पहले एंग्लो-मणिपुरी युद्ध के बाद यह राज्य ब्रिटिश शासन के अधीन आया। इस युद्ध में कई वीरों ने अपनी जान कुर्बान की। अंग्रेजों नेे इंफाल पर कब्जा कर लेने के बाद युवराज टेकेंद्रजीत और जनरल थांगल को फांसी की सजा दी थी। सन् 1947 में भारत की आजादी के बाद मणिपुर संविधान अधिनियम बनाया गया, जिससे राज्य में एक लोकतांत्रिक सरकार बनाई जा सके। 21 जनवरी 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। मणिपुर को हमेशा से मितेलिपक, कंगलेपक और मैत्रबक जैसे नामों से जाना जाता रहा। इन नामों के अलावा इस राज्य को बीस अन्य नामों से भी जाना जाता रहा है।

भूगोल


मणिपुर के समृद्ध और विविध भूगोल के कारण बहुत से पर्यटक इस राज्य में आने में रुचि रखते हैं। इस प्रांत का कुल क्षेत्रफल करीब 22,347 वर्ग किमी. है। मणिपुर एक अण्डाकार घाटी में स्थित है जो कि लगभग 700 वर्ग मील में फैली है। ब्लू माउंटेन की श्रृंखला से मणिपुर घिरा हुआ है जो समुद्र तल से 790 मीटर उपर स्थित है। घाटी की ढलान उत्तर से दक्षिण के इलाके की ओर फैली है। इन पर्वत श्रृंखलाओं के कारण ही उत्तर की ठंडी हवाएं घाटी तक पहुंचने से पहले ही रुक जाती हैं। मणिपुर के भूगोल पर चर्चा तब तक अधूरी है जब तक यहां के चार प्रमुख नदी बेसिन पर बात ना हो। राज्य के चार प्रमुख नदी बेसिन में मणिपुर नदी बेसिन, बराक नदी बेसिन, यू नदी बेसिन और लान्ये नदी बेसिन शामिल हैं। यहां का पूरा जल संसाधन लगभग 1.8487 मिलीयन हैक्टेयर मीटर है। मणिपुर नदी बेसिन में लगभग आठ नदियां हैं। इन नदियों के नाम मणिपुर, इरिल, चाक्पी, सेक्मई, खुगा, थोबल, नाम्बुल और इंफाल हैं।

मणिपुर का पर्यटन


यह सच है कि मणिपुर का पर्यटन उद्योग लगातार तरक्की कर रहा है। कई लोग इसे ‘रत्नों की भूमि’ भी कहते हैं। इसकी संस्कृति किसी एक मामले में ही समृद्ध नहीं है बल्कि कई पहलुओं में समृद्ध है, जैसे मूर्तिकला, मार्शल आर्ट, थिएटर और नृत्य। किसी भी टूरिस्ट को सबसे ज्यादा लुभाने वाला मणिपुर का आकर्षण है इसकी आंखों को भाने वाली हरियाली और सुहावना मौसम। जो सबसे अनोखी और अनूठी चीज़ें आप इस प्रांत में पा सकते हैं उनमें लोकतक झील, शंघाई और सिरउई लिली के तैरते द्वीप शामिल हैं। कई लोग यह बात जानकर हैरत में पड़ जाते हैं कि पोलो खेल की उत्पत्ति मणिपुर में ही हुई थी और सैलानियों को यह बात यहां आने के लिए और बेताब करती है। जो कुछ और जगहें पर्यटकों को अपनी ओर खींचती हैं उनमें श्री गोविंदाजी मंदिर, केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान, लमका, मोरे और लोकतक झील शामिल हैं।

मणिपुर की राजधानी


मणिपुर की राजधानी इंफाल पूर्वोत्तर भारत की एक जानीमानी टूरिस्ट प्लेस है। पर्यटन और दूसरे कई उद्योगों के बढ़ने से आधुनिक इंफाल में कई बदलाव आए हैं। सन् 1997 में यह राजधानी दो हिस्सों पूर्व और पश्चिम में बंट गई थी, और इन दो भागों को ईस्ट इंफाल और वेस्ट इंफाल के नाम से जाना जाता है। यह एक छोटा शहर है जहां पहुंच कर आप महसूस करते हैं कि जैसे आप किसी दूसरी ही दुनिया में आ गए हों। जीवन की भागदौड़ से परे यह शहर अपनी धीमी रफ्तार से चलता रहता है और इसकी सुंदर घाटियां और लैंडस्केप आपको खूबसूरत और यादगार अनुभव देते हैं। इस शहर को देश के कुछ सबसे पुराने शहरों में से एक माना जाता है। इंफाल एमएस स्तर से 790 उच्चत्व पर स्थित है। यहां की जलवायु स्वास्थ्यप्रद है और हर साल ट्राॅपिकल मानसून आता है।

सरकार


मणिपुर राज्य में राज्य सरकार ही सबसे बड़ी नियंत्रक सत्ताधारी है। सरकार के ढांचे में विधायी शाखा, राज्यपाल और न्यायपालिका शामिल हैं। मणिपुर के राज्यपाल की नियुक्ति भी दूसरे राज्यों की तरह राष्ट्रपति ही करते हैं। नियुक्ति की यह प्रक्रिया केंद्र सरकार की सलाह से पूरी होती है। मणिपुर की राजधानी इंफाल में विधान सभा और सचिवालय हैं। मणिपुर के कुछ प्रमुख राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों में फेडरल पार्टी आॅफ मणिपुर, नागा नेशनल पार्टी, निखिल मणिपुरी महासभा और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी आॅफ मणिपुर शामिल हैं। उपर बताए गए नामों के अलावा कुछ और राजनीतिक दल भी हैं, जैसे नेशनल पीपुल्स पार्टी और डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी। शासन को कुशलतापूर्ण तरीके से चलाने के लिए विभिन्न परिषदों को अलग अलग वाॅर्डों में बांटा गया है।

समाज और संस्कृति


मणिपुर के समाज की खासियत उसकी सादगी और समानता के मूल्य हैं। यहां के लोग सहयोगी और स्नेही हैं। महिलाओं का समाज में बहुत उंचा दर्जा है। बुजुर्गों को यहां बहुत सम्मान और आदर दिया जाता है। यहां के लोग आर्थिक रुप से एक तरह से समान ही हैं। यहां के लोगों को हर तरह के खेल से प्यार है और दुनिया को पोलो का खेल भी इस राज्य से ही मिला है। यूं तो यहां के लोगों का धर्म हिंदू है पर यहां लोग भारतीय जाति व्यवस्था से बंटे नहीं हैं। इसके बजाय यहां समाज मेइतीए बामनो यानि भारतीय मूल के ब्राम्हणों, पंगन यानि भारतीय मूल के मुस्लिमों और लोइस यानि बर्मा और भारत के युद्ध के कैदियों के वंशजों में बंटा है। मणिपुरी लोग कभी कभार ही अपने पारिवारिक समूह में ब्याह करते हैं और आज भी सलाई यानि मूल दस कबीलों में शादी नहीं करते। यहां का समाज पास-पड़ोस में ही व्यवस्थित रहता है जिसे लैकाई कहते हैं। परिवार की छोटी से छोटी रस्म से लेकर सभी त्यौहार और अंतिम संस्कार तक में लैकाई की गतिविधियां केंद्र में रहती हैैं। किसी भी मणिपुरी व्यक्ति के लिए लैकाई की स्वीकृति सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।

अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचा


मणिपुर की अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है। सरकार के सकारात्मक रवैये के चलते ही इस प्रांत की अर्थव्यवस्था को फलने-फूलने में मदद मिली है। मणिपुर में लगभग 7,700 लघु उद्योग हैं। जिन लघु उद्योगों ने राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद की है उनमें हथकरघा, ग्रामोद्योग, कुटीर उद्योग और हस्तशिल्प शामिल हैं।

मणिपुर की सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था के हर पहलू को मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और राज्य को एक मजबूत आधार दे रही है। यहां कई ऐसी छोटी कंपनियां हैं जो विभिन्न वस्तुओं का निर्माण कर रही हैं जैसे प्लास्टिक, इलेक्ट्राॅनिक गुड्स और स्टील। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर समग्र रुप से अच्छा असर पड़ता है।

मणिपुर में कुछ सीमेंट उद्योगों की स्थापना का भी राज्य की अर्थव्यवस्था में विशेष योगदान है। राज्य की अर्थव्यवस्था के स्तर को और बढ़ाने के लिए मणिपुर की सरकार ने कई प्रशिक्षण संस्थान खोलने का निर्णय लिया है, जिससे लोगों को नई से नई तकनीक सीखने का मौका मिले और सभी उद्योगों को फायदा हो।

शिक्षा


आज के दौर में मणिपुर में काफी सुधार देखा गया है। पिछले कुछ सालों तक शिक्षा सिर्फ मणिपुर के उंचे तबके तक ही सीमित थी। पिछले कुछ दशकों में मणिपुर की शिक्षा प्रणाली के पिछड़ने के कुछ कारणों में सांप्रदायिक संघर्ष, आर्थिक ब्लाॅकेड और लगातार जारी हिंसा रहे। मणिपुर में शिक्षा के परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव तब आया जब नई शिक्षा प्रणाली को अपनाया गया। पहले डिवीजन से पास होने वालों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखी गई है। इस बढ़ोत्तरी और उंचे कट आॅफ के पीछे शिक्षण संस्थाओं की सकारात्मक भूमिका को नहीं नकारा जा सकता।

जनसांख्यिकी


सन् 2011 की जनगणना के अनुसार, मणिपुर की कुल आबादी 25,70,390 है। ग्रामीण जनसंख्या 1,736,236 और शहरी आबादी 8,34,154 है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या घनत्व 122 है जो कि सन् 2011 के आंकड़े के मुकाबले 19 पाॅइंट ज्यादा है। जनसंख्या घनत्व के मामले में इंफाल वेस्ट रिकाॅर्ड सबसे ज्यादा है क्योंकि उसका घनत्व 856 प्रति वर्ग किमी. है। आबादी के घनत्व के मामले में थोबल का स्थान 708 वर्ग किमी. के आंकड़े के साथ दूसरा है। तामेंगलांग में सबसे कम आबादी है और सन् 2011 में इसकी आबादी 25 प्रति एकल वर्ग किमी. से 32 प्रति एकल वर्ग किमी. थी। मणिपुर में रहने वालों को तीन प्रमुख जनजातियों में बांटा जा सकता है जो कि मेइती, घाटी में रहने वाले और पहाड़ों में रहने वाले प्रमुख आदिवासी हैं। पहाड़ों में रहने वाली जनजातियों को दो और उपजनजातियों में बांटा जा सकता है जो कि कुकी-चिन और नागा हैं।

भाषा


मणिपुर में कई भाषाओं में से लोग जिस भाषा को प्यार करते हैं वह बिश्नुप्रिया मणिपुरी है। केवल बिश्नुप्रिया मणिपुरी जनजाति के लोग ही बिश्नुप्रिया मणिपुरी भाषा बोलते हैं। आपको यह जानकर हैरत होगी कि दुनिया भर में 4,50,000 लोग बिश्नुप्रिया मणिपुरी भाषा बोलते हैं। मणिपुर के अलावा जहां बिश्नुप्रिया मणिपुरी बोली जाती है उन जगहों में म्यांमार, बांग्लादेश, मेघालय, त्रिपुरा, असम और अरुणाचल प्रदेश हैं।

मणिपुर का मीडिया


मणिपुर का मीडिया इस प्रांत के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हालातों का प्रतिबिंब है। मीडिया का लोकतांत्रिक अस्त्र राज्य के लोगों के विचार और उनकी भावनाएं सामने रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां टेब्लाॅइड और इलेक्ट्राॅनिक दोनों तरह का मीडिया अच्छी तरह विकसित हुआ है। आज के समय में यहां 18 स्थानीय अखबार और इंफाल में स्थित एकमात्र टीवी आईएसटीवी है। लगभग हर घर में यहां टीवी और सैटेलाइट कनेक्शन है। यहां केबल नेटवर्क की बहुत मांग है और सरकार ने इस मांग को पूरा करने के लिए कई इंतजाम किए हैं। हालांकि बागी समूह रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट ने यहां कुछ चैनलों को वर्जित कर रखा है जिनमें एमटीवी और चैनल वी शामिल हैं। इंफाल घाटी में हिंदी फिल्मों का प्रसारण भी मना है।

मणिपुर की यात्रा


मणिपुर की यात्रा में सैलानियों की रुचि की कई जगहें हैं जिसमें स्वदेशी संस्कृति और राज्य की परंपरा की झलक मिलती है। मणिपुर में नैसर्गिक सौंदर्य की भरमार है जिससे कई सैलानी इस प्रांत की ओर आकर्षित होते हैं। इस पूर्वोत्तर राज्य की यात्रा से इस राज्य के त्यौहार और विविध टोपोग्राफी से परिचय होता है। लोकतक झील का साफ पानी, हरे भरे मैदान, सुंदर नज़ारे और सुहावना मौसम इस राज्य की पहचान है। यहां कई स्वदेशी जनजातियां हैं, जिनकी अपनी अनूठी संस्कृति और पारंपरिक विरासत है, जो यहां के लोकनृत्य और संगीत में साफ झलकती है। मणिपुर राज्य किसी भी यात्री को इसकी अनूठी पारंपरिक संस्कृति और प्रकृति को जानने का मौका देता है।

मणिपुर के होटल


इस राज्य में स्टार और गैर स्टार श्रेणी के कई होटल हैं, जो मणिपुर में सैलानियों की जरुरतों को पूरा करते हैं। इसके अलावा यहां कई रिसोर्ट, रेस्त्रां और कैफे हैं जो हर वर्ग के पर्यटकों को संतुष्ट करते हैं।

परिवहन सुविधा


ज्यादातर पर्यटक इस राज्य में अच्छी परिवहन व्यवस्था के कारण आने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। मणिपुर की अच्छी परिवहन व्यवस्था इस प्रांत का अभिन्न अंग है। मणिपुर में एक बेहतरीन हवाई, सड़क और रेल व्यवस्था है। जहां तक रेलवे कनेक्टिविटी का सवाल है, एनएच 39 राज्य के लिए सुरक्षित कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है और इसका रेलहैड नागालैंड के दीमापुर में स्थित है। जिरीबाम और इंफाल के बीच एक अच्छा रेलवे स्टेशन स्थापित है। जहां तक सड़क संपर्क का सवाल है मणिपुर में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग हैं - एनएच 150, एनएच 53 और एनएच 39। इन तीन राष्ट्रीय राजमार्गों का सड़क संपर्क को बढ़ाने में बहुत योगदान है। राज्य के सड़क संपर्क को बेहतर करने के प्रयास में सौराष्ट्र-सिलचर सुपर हाइवे परियोजना को मोरेह तक बढ़ाया गया। यह एक तथ्य है कि यदि मोरह से थाईलैंड के माई सोत तक सड़क बन जाए तो मणिपुर राज्य को भारत के दक्षिण एशिया के प्रवेश द्वार का दर्जा मिल जाएगा।

मणिपुर के जिले



क्र.सं. जिला का नाम जिला मुख्यालय जनसंख्या (2011) विकास दर लिंग अनुपात साक्षरता क्षेत्र (वर्ग किमी) घनत्व (/ वर्ग किमी)
1 बिश्नुपुर बिश्नुपुर 237399 13.93% 999 75.85 496 485
2 चंदेल चंदेल 144182 21.85% 933 71.11 3317 43
3 चुराचांदपुर चुराचांदपुर 274143 20.29% 975 82.78 4574 59
4 इम्फाल पूर्व पोरोमपट 456113 15.51% 1017 81.95 710 638
5 इम्फाल वेस्ट लम्फेलपत 517992 16.56% 1031 86.08 519 992
6 सेनापति सेनापति 193744 -31.69% 959 74.13 3269 109
7 तामेंगलांग तामेंगलांग 140651 26.15% 943 70.05 4391 32
8 थोबल थोबल 422168 15.94% 1002 74.47 514 818
9 उखरूल उखरूल 183998 30.70% 943 81.35 4547 40


अंतिम संशोधन : मार्च 27, 2017