गोपाल भवन

राजस्थान के भरतपुर का गोपाल भवन प्राचीन समय की वास्तुकला का शानदार नमूना है। इसका निर्माण सन् 1760 में हुआ था। सुंदर बागों से घिरी गोपाल भवन की भव्य इमारत को देखने और इस ऐतिहासिक जगह के गौरव और भव्यता को महसूस करने दूर दूर से सैलानी आते हैं।

गोपाल भवन की संरचनात्मक डिजाइन में बीते समय की समृद्ध ऐतिहासिक वंशावली और वास्तुकला की विरासत साफ दिखाई देती है। यह खूबसूरत इमारत गोपाल सागर तालाब के साफ पानी के पास स्थित है। सावन भवन और भादों भवन की बेहतरीन वास्तुकला प्राचीन समय के स्थानीय शिल्पकारों के समृद्ध कलात्मक कौशल को दिखाती है।

गोपाल भवन की शानदार इमारत में एक बहुत ही खूबसूरत झूले के रुप में युद्ध की एक शानदार ट्राॅफी भी रखी है। जाटों के प्रसिद्ध राजा सूरज मल दिल्ली के मुगल दरबार से यह ट्राॅफी लेकर आए थे।

गोपाल भवन के विशाल बैंक्वेट हाॅल की छत और दीवारें बहुत ही सुंदर डिजाइन, अलंकरण और नक्काशी से सजी हुई हैं और प्राचीन समय के स्थानीय शिल्पकारों के समृद्ध कलात्मक कौशल को दिखाती हैं। गोपाल भवन के विशाल बैंक्वेट हाॅल में एंटीक फर्नीचर का बड़ा संग्रह और भरतपुर के शाही परिवार और प्राचीन समय की कई यादगार वस्तुएं हैं।

गोपाल भवन भरतपुर के पर्यटन आकर्षणों में बहुुत ही महत्व रखता है। कई ट्रेवल एजेंट भरतपुर से गोपाल भवन के दौरे आयोजित करते हैं जिससे सैलानी राजस्थान के बीते हुए समय की अनूठी और स्थापत्य संस्कृति को करीब से समझ सकें।

अंतिम संशोधन : दिसंबर 30, 2014