आंध्र प्रदेश की यात्रा

दक्षिण भारत के राज्य आंध्र प्रदेश में पर्यटकों को लुभाने के लिए अद्भुत और आकर्षक स्थानों की विस्तृत श्रृंखला है। आंध्र प्रदेश को खूबसूरती का वरदान मिला है और ये पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। इस राज्य का प्राकृतिक और नैसर्गिक सौंदर्य यहां आने वाले पर्यटकों को खुशी और संतुष्टि का अनुभव देता है।

राजधानी हैदराबाद आंध्र प्रदेश का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल है। लंबे समय तक यहां नवाबों का शासन रहने के कारण इस शहर में उस समय की वास्तुकला की विरासत भी है। यहां के अद्भुत स्मारक, महल और किले बीते हुए दिनों की वास्तुकला के चमत्कार का नमूना हैं।

'पोर्ट सिटी' के नाम से विख्यात विशाखापट्नम भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशाखापट्नम को ना सिर्फ खूबसूरती का वरदान मिला है बल्कि यहां कई ऐसे स्थान हैं जो ना केवल पर्यटकों को लुभाते हैं, बल्कि किसी कवि की कल्पना जैसे लगते हैं।

तिरुपति हिंदुओं का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और पूरे साल भगवान वेंक्टेश्वर का आर्शीवाद पाने के लिए हजारों लोग यहां आते हैं।

'पूट्टपर्थी' की पवित्र भूमि हिंदुओं की एक प्रख्यात जगह है जहां लोग शांति और शाश्वत सुख की तलाश में आते हैं। 'पूट्टपर्थी' महान धार्मिक नेता श्री सत्य साई बाबा की जन्मभूमि है जिन्हें महाराष्ट्र के शिरडी के श्री साई बाबा का अवतार माना जाता है।

'वारंगल' का प्राचीन शहर काकतीय, राजवंश के कलात्मक कौशल और वास्तुकला का प्रदर्शन करता है। इस शहर में ऐसे बहुत से स्मारक और भवन हैं जो दक्षिण भारत के समृद्ध वास्तुकला अतीत की छाप छोड़ते हैं।

'नागार्जुन सागर' के सुंदर शहर में एशिया का सबसे लंबा बांध है जिसे देखने पूरे साल पर्यटक आते हैं।

आंध्र प्रदेश में देखने योग्य स्थान



हर पर्यटक आंध्र प्रदेश में विभिन्न प्रकार के आकर्षण की श्रृंखला पाता है। इस क्षेत्र का इतिहास 300 ईसा पूर्व से भी पहले का है। पूरे क्षेत्र भर में कई स्मारक हैं, जो यहां राज कर चुके मौर्य, पल्लव, चोल, सातवाहन, चालुक्य और विजयनगर राजवंशों की महान विरासत के गवाह हैं।

आंध्र प्रदेश में स्मारक

चारमीनार
श्रेणी: इतिहास और संस्कृति
चारमीनार आंध्र प्रदेश में पर्यटन का सबसे बड़ा आकर्षण है। माना जाता है कि शहर के संस्थापक मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने किसी महामारी को रोकने के लिए शहर के बीच में चैकोर आकार का विशाल भवन बनवाया था। ग्रेनाइट से बनी चार 48.7 मीटर उंची मीनारें और उनके भव्य मेहराब के कारण इसका नाम चार मीनार है। कमल के पत्ते की संरचना जो कि कुतुब शाह के भवनों में बार बार प्रयोग होने वाली आकृति थी, हर मीनार के तल को संभालती है। मेहराब दो मंजिलांे और गैलेरी को आधार देते हैं। कुतुब शाह के समय में पहली मंजिल पर मदरसा हुआ करता था। दूसरी मंजिल पर पश्चिम की ओर एक मस्जिद थी। मीनार के उपर से शहर का भव्य नजारा दिखता है और वहां जाने के लिए भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग से विशेष अनुमति लेनी होती है। यह स्मारक सभी दिन खुला रहता है।

गोलकुंडा किला
श्रेणी: इतिहास और संस्कृति
यह भारत का सबसे मशहूर किला है और इसका नाम तेलगु शब्द 'गोला कोंडा' से बना है जिसका अर्थ शेपर्ड हिल होता है। गोलकुंडा मूल रुप से मिट्टी का किला था और इसका निर्माण काल काकतीय के समय का है। बाद में समय के साथ 1518 से 1687 ईस्वी तक यह कुतुब शाहों के पास रहा। 62 सालों में पहले तीन कुतुब शाही राजाओं ने इसका पुनर्निमाण कराया। यह किला अपनी ध्वनिकी, महलों एवं कारखानों और शानदार जल आपूर्ति प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही इसकी फतेह रहबन तोप भी मशहूर है जो गोलकुंडा की अंतिम घेराबंदी के समय उपयोग की गई थी। शाम को होने वाला लाइट एंड साउंड का कार्यक्रम भी गोलकुंडा किले के इतिहास को जीवंत कर देता है।

कुतुब शाही मकबरे
श्रेणी: इतिहास और संस्कृति
कुतुब शाही राजाओं के मकबरे हैदराबाद के सबसे पुराने ऐतिहासिक स्मारक हैं। इसकी खासियत यह है कि एक संपूर्ण राजवंश इसी एक जगह पर दफन है। गोलकुंडा किले के पास स्थित यह मकबरा ग्रे ग्रेनाइट से बना है और संगमरमर के चूरे से सजा है। यह हिंदू वास्तुकला और फारसी, पठान मिश्रण का अनूठा मेल है।

उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद
श्रेणी: इतिहास और संस्कृति
यह भारत का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और इसका निर्माण 1918 में हुआ था। इसका नाम हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान के नाम पर रखा गया था। इसकी इमारत शानदार है खासकर इसका कला काॅलेज का भवन इंडो अरबी वास्तुकला का आदर्श उदाहरण है।

रामोजी फिल्म सिटी
श्रेणी: इतिहास और संस्कृति
हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित रामोजी फिल्म सिटी लगभग सौ एकड़ में फैला है। यह विश्व का सबसे व्यापक पेशेवर फिल्म उत्पादन केन्द्र है। यह सुबह 9 बजे से शाम 5ः30 तक खुला रहता है। पर्यटक यहां अधिकारियों द्वारा आयोजित टूर का आनंद ले सकते हैं।

आंध्र प्रदेश के संग्रहालय

सालार जंग संग्रहालय
श्रेणी: इतिहास और संस्कृति
यह विश्व का सबसे बड़ा एकल व्यक्ति प्राचीन वस्तु संग्रह है। यह संग्रह मीर युसुफ अली खान सलार जंग ने किया है। इस संग्रहालय में इन वस्तुओं का अद्भुत संग्रह है :
  • फ़ारसी कालीन, मुगल लघुचित्र, चीनी मिट्टी के बरतन, जापानी लाह के बर्तन
  • वील्ड रेबेका, मार्गरेट और मेफीसटोफेल्स की प्रतिमाएं
  • महारानी नूरजहां, शाह जहां और राजा जहांगीर के खंजर, औरंगजेब की तलवार और अन्य प्राचीन वस्तुएं

हैदराबाद का निजाम संग्रहालय
श्रेणी: इतिहास और संस्कृति
सन् 1750 में दूसरे निजाम ने शानदार पुरानी हवेली का अधिग्रहण कर लिया था जो अब एक संग्रहालय में तब्दील किया जा चुका है। इस संग्रहालय में आखिरी निजाम को सन् 1937 में रजत जयंती समारोह में भेंट में मिले कई तोहफे और स्मृति चिन्ह रखे हैं। इस शानदार संग्रह में 1930 रोल्स रायस, पैकार्ड और मार्क वी जैगुआर और अन्य विंटेज कारें हैं। शहर की सभी प्रमुख इमारतों के चांदी के माॅडल का भी दिलचस्प संग्रह है। मीर उस्मान अली खान के बारे में उर्दू में प्रशंसा पत्र, रजत जयंती समारोहों में उपयोग किया जाने वाला सोने का चमकदार सिंहासन, हीरे जडि़त सोने का डब्बा, जयंती परिसर का सोने का माॅडल, चांदी के हाथी के साथ चांदी का महावत और अन्य वस्तुएं भी यहां मौजूद हैं। यह संग्रहालय शुक्रवार छोड़कर बाकी सभी दिन सुबह 10ः30 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।

आंध्र प्रदेश में गुफाएं और घाटियां

अराकु वैली और बोर्रा गुफाएं, विशाखापट्नम
श्रेणी: प्रकृति
विशाखापट्नम से 112 किमी. की दूरी पर पूर्वी घाट में 3,100 फीट की उंचाई पर खूबसूरत अराकु वैली स्थित है जिसे आंध्रा का उटी भी कहा जाता है।

इस घाटी में रेल से यात्रा करने पर सुंदर झरने और 46 सुरंग और पुल यात्रियों का स्वागत करते हैं।

आदिवासियों द्वारा आज भी यहां धीमसा और मयूरी नृत्य प्रदर्शित किये जाते हैं।

अराकु वैली का सबसे बड़ा आकर्षण बोर्रा गुफाएं हैं।

विशाखापट्नम से 90 किमी. की दूरी पर स्थित यह गुफाएं दस लाख साल पुरानी हैं और समुद्र तल से 1,400 फीट की उंचाई पर करीब 2 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैली हैं। एक समय में यहां के चूना पत्थर के क्षेत्र में गोस्थानी नदी बहती थी। खनिज भंडार पर पड़े पानी के दबाव के कारण चूना गलने से धीरे धीरे गुफाएं बनने लगी और मशरुम, मंदिर, मस्जिद, चर्च और अन्य प्रकार के आकार बनने लगे।

बेलम गुफाएं
श्रेणी: प्रकृति
सन् 1982 में गेबेनर के नेतृत्व में गुफाओं का अध्ययन करने वाली टीम ने बेलम गुफाओं की खोज की। बेलम गुफाएं मेघालय गुफाओं के बाद भारतीय उप महाद्वीप में दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफाएं हैं। एक समतल खेत के नीचे स्थित इन गुफाओं में तीन कुएं के आकार की खोह हैं, जिसमें से एक प्रमुख प्रवेश द्वार है। मध्य खोह गुफा के मुख्य द्वार तक जाती है जो कि 29 मीटर की दूरी पर है। 3229 मीटर लंबी गुफा में लंबे मार्ग, विशाल कमरे, ताजा पानी के प्रपात और साइफन हैं, जो कि इसे विश्व भर में पुरातात्विक और भूवैज्ञानिक आकर्षण का केन्द्र बनाते हैं।

आंध्र प्रदेश में धार्मिक स्थल

नागार्जुन कोंडा, नागार्जुनसागर
श्रेणी: धार्मिक
हैदराबाद से 150 किमी. दूर दक्षिणपूर्व में यह स्थित है। किसी समय में यह स्थान भारत का सबसे समृद्ध बौद्ध स्थल था। अब यह पूरी तरह से नागार्जुनसागर बांध के नीचे है। बांध के निर्माण के दौरान खुदाई में कई प्रतिमाएं, सिक्के, गहने और चित्र वल्लरी मिले। यह सारा सामान अब द्वीप के उपर एक संग्रहालय में रखा है जो उस प्राचीन बौद्ध स्थल के दैनिक जीवन की दिनचर्या समझने में मदद करता है। नागार्जुन नाम का पहाड़, जो कि झील के मध्य में स्थित है उस पर मठों का पुनर्निमाण किया गया। इस क्षेत्र का नाम एक बौद्ध भिक्षु नागार्जुन के नाम पर रखा गया। नागार्जुन शून्य दर्शन के प्रतिपादक थे जो लगभग दूसरी सदी के अंत तक रहे।

अमरावती, विजयवाड़ा
श्रेणी: धार्मिक
प्राचीन धान्यकटक जो कि आज अमरावती है, में राजा अशोक का दल बौद्ध धर्म का प्रचार करने गया था। उस दल ने ही वहां विशाल स्तूप की आधारशिला रखी। यहां ईंट से बना गोलाकार ड्रम है और चार प्रमुख दिशाओं को दर्शाते चार प्लेटफार्म हैं।

यहां पुरातात्विक खोजों के संग्रह का एक छोटा सा पुरातत्व संग्रहालय भी है।

भगवान बुद्ध की प्रतिमा, हैदराबाद
श्रेणी: धार्मिक
हुसैन सागर झील के शांत पानी में भगवान बुद्ध की 72 फीट उंची और 450 टन वजनी और सबसे लंबी अखंड प्रतिमा स्थापित है। 200 शिल्पकारों ने इसे 2 साल की मेहनत से सफेद ग्रेनाइट की चट्ान से बनाया है। इस मूर्ति को 12 अप्रेल 1992 में स्थापित किया गया था। इससे जुड़ा एक लुम्बिनी पार्क भी है। नाव से बुद्ध की इस मूर्ति को देखने जाना एक यादगार अनुभव है।

प्राचीन काल से ही आंध्र प्रदेश भारत में एक समृद्ध बौद्ध धर्म का केन्द्र रहा है। आंध्र प्रदेश के तटों से ही बौद्ध धर्म बंगाल की खाड़ी को पार कर श्रीलंका और बर्मा पहुंचा।

भगवान वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुपति
श्रेणी: धार्मिक
  • यह मंदिर संभवतः भारत का सबसे अमीर और सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।
  • पूर्वी घाट को पार कर के ही तिरुमला पहुंचा जा सकता है।
  • दक्षिणी प्रायदीप के लगभग सभी साम्राज्यों जैसे पल्लव, पंड्या, चोल, विजयनगर के राजाओं ने भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की है, जिन्हें सात पर्वतों का भगवान भी कहा जाता है।
  • भारतीय वास्तुकला का अदभुत नमूना पेश करने वाला यह मंदिर राजाओं के योगदान से ही बना था।
  • कुछ राजाओं ने अपनी प्रतिमा भी मंदिर में लगवाई थी।
  • तिरुपति के अंदर और आसपास कई मंदिर हैं। उनमें से पद्मावती मंदिर, श्री गोविंदाराजास्वामी मंदिर, कोंडारास्वामी मंदिर, श्री कपिलेश्वरस्वामी मंदिर आदि कुछ मंदिर हैं।

आंध्र प्रदेश में बीच और झरने
श्रेणी: प्रकृति
आंध्र प्रदेश में कुछ बहुत आकर्षक बीच और झरने हैं जो कि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।

  • सूर्यलंका का बापतला बीच, रामाकृष्णा का ऋषिकोंडा बीच।
  • एथीपोथोला झरना, कुंतला झरना, रामपाचेदवरम में पोचेरा जल प्रपात।

आंध्र प्रदेश पर्यटन
आंध्र प्रदेश आपको इतिहास, तीर्थयात्रा, प्राकृतिक अजूबों और नैसर्गिक सुंदरता का मेल पेश करता है। पिछले कुछ समय से यहां दुनिया भर के सैलानियों ने आना शुरु कर दिया है।

आंध्र प्रदेश की टूर गाइड देखकर आपको पता चलता है कि आपको आंध्र प्रदेश क्यूं आना चाहिये, यहां तक कैसे आरामदायक यात्रा करनी चाहिये और यह राज्य एक यादगार यात्रा के लिए सैलानियों को क्या क्या पेशकश देता है।

आंध्र प्रदेश एक ऐसी जगह है जहां सबके लिए कुछ ना कुछ है। सम्मोहित कर देने वाले समुद्र तट से लेकर ऐतिहासिक स्थान, पवित्र मंदिर और मस्जिद जो कि अपने आप में वास्तुकला का एक नमूना हैं, यहां सब कुछ है। आंध्र प्रदेश भारत का अकेला ऐसा राज्य है जहां के ज्यादातर सैलानी तीर्थयात्री होते हैं। यह तीर्थयात्री यहां के अनेक मंदिरों और मस्जिदों में प्रार्थना करने के उद्देश्य से इस राज्य की यात्रा करते हैं। आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद है और यह राज्य का सबसे बड़ा शहर भी है।

आंध्र प्रदेश की जनसांख्यिकी
अक्षांशः 12डिग्री41’ और 22 डिग्री उत्तर के बीच
देशांतरः 77 डिग्री और 84डिग्री40’ पूर्व के बीच
क्षेत्रफलः 275069 वर्ग किमी.
जलवायुः इस राज्य का मौसम गर्म और उमस भरा रहता है और यहां साल में दो बार बरसात का मौसम आता है। मध्य जून से सितंबर तक और अक्टूबर से नवंबर तक। तटीय इलाकों में तूफान आते रहते हैं।
अधिकतम तापमानः 42 डिग्री
न्यूनतम तापमानः 16 डिग्री
सालाना औसत वर्षाः 87.5-31 सेंटीमीटर
आबादीः 84655533
भाषाएंः तेलगु, हिंदी, उर्दू
पहनावाः यहां की जलवायु में पूरे साल हल्के सूती कपड़े पहनना आरादायक रहता है।
टाइमज़ोनः आईएसटी - यूटीसी $05ः30

आंध्र प्रदेश की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय
यदि आप भी आंध्र प्रदेश की सुंदरता से मोहित हो रहे हों और इस राज्य की यात्रा करने की योजना बना रहे हों तो मौसम के हाल का थोड़ा ध्यान रखें ताकि मौसम की किसी भी परेशानी के बिना आप अपनी यात्रा का ज्यादा से ज्यादा मज़ा ले सकें। आंध्र प्रदेश का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और फरवरी के बीच रहता है, वरना तो यह गर्म और उमस भरा ही होता है। सर्दियों में यहां बरसात होती है जिससे मौसम ठंडा और आरामदायक हो जाता है। गर्मियों और बरसात में इस राज्य की यात्रा ना करने की सलाह दी जाती है क्योंकि तब यहां की गर्मी और उमस आपको बेचैन कर देती है।

यह राज्य भारत के अन्य भागों से बहुत अच्छी तरह जुड़ा है और आपको यहां आसानी से आपके बजट में रहने के विकल्प मिल जाएंगे। यही कारण है कि आंध्र प्रदेश की यात्रा बिलकुल भी बोझिल नहीं लगती है।

आंध्र प्रदेश का भोजन
आंध्र प्रदेश अपने मसालेदार आंध्रा और हैदराबादी व्यंजनों के लिए मशहूर है। ‘भारत का धान का कटोरा’ कहे जाने वाले आंध्र प्रदेश की मुख्य फसल चावल है और इसे यहां के व्यंजनों में बहुत इस्तेमाल किया जाता है। जब भी आप आंध्र प्रदेश जाएं तब पूरी दुनिया में अपने पारंपरिक स्वाद के लिए मशहूर हैदराबादी बिरयानी का स्वाद जरुर लें। साथ ही साथ हैदराबाद की मसालेदार करी को भी चखना ना भूलें। यहां पर आप कई तरह के मुगलई व्यंजनों का मज़ा लेना ना भूलें। ये व्यंजन आपको अपने स्वाद से ही शाही मुगलकाल होने का अहसास करा देंगे। पारंपरिक डोसा और इडली के अलावा इस राज्य में मिलने वाले अचार और चटनी भी मुंह में पानी लाने वाले अपने स्वाद के लिए बहुत मशहूर हैं।

आंध्र प्रदेश की यात्रा के लिए टिप्स
  • देर शाम को समुद्र तटों पर अकेले जाने से परहेज करें। इसका कारण यह है कि शायद इस वक्त किसी आपातकालीन स्थिति के लिए लाईफगार्ड उपलब्ध ना हो। महिला यात्रियों के लिए यह सलाह है कि वे रात में अकेले किसी भी जगह ना जाएं।
  • सुरक्षा कारणों से हमेशा राज्य सरकार द्वारा मंजूरी दिये गए गाईड के साथ ही यात्रा करें।
  • सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक या जातीय टिप्पणियां ना करें। राज्य में विभिन्न धर्मों और समुदायों की मौजूदगी होने के कारण यह बात ध्यान में रखना जरुरी है।
  • अगर आप राज्य में गर्मियों में यात्रा कर रहे हैं तो अपने साथ पानी की बोतल हमेशा रखें क्योंकि यहां का गर्म और उमस भरा मौसम आपके शरीर में पानी की कमी कर सकता है।
  • राज्य के मंदिरों और मस्जिदों में लोगों की बहुत ज्यादा भीड़ होती है और भगदड़ की ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिसमें लोगों की मौत भी हुई है। ऐसी किसी स्थिति में घबराएं नहीं और प्रशासन को जरुरी कदम उठाने दें।

आंध्र प्रदेश कैसे पहुंचें
आंध्र प्रदेश भारत में सबसे ज्यादा यात्रा किया जाने वाला पर्यटन स्थल है। अनेक मंदिरों और वास्तुकला के नमूनों, समुद्र तटों और मनोरम स्थलों के कारण सैलानी आंध्र प्रदेश की ओर खिंचे चले आते हैं। इस राज्य में रेल, सड़क और हवाई माध्यमों से आसानी से पहुंचा जा सकता है। ‘आंध्र प्रदेश कैसे पहुंचें’ इस राज्य तक पहुंचने में आपकी मदद करेगा।

हवाईजहाज से
आंध्र प्रदेश में एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो कि राजधानी हैदराबाद शहर में है। अन्य महत्वपूर्ण हवाई अड्डे तिरुपति, राजमुंदरी, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में हैं। कई विमान सेवाएं आंध्र प्रदेश से और आंध्र प्रदेश तक भारत के अन्य राज्यों और प्रमुख शहरों से नियमित उड़ानें उपलब्ध करवाती हैं।

रेल से
लगभग 5085 किलोमीटर का रेल मार्ग आंध्र प्रदेश में है, जिसमें से 4362 किलोमीटर ब्राड गेज, 686 किलोमीटर मीटर गेज और 37 किलोमीटर छोटी लाईन है। राजधानी हैदराबाद के प्रमुख रेलवे स्टेशन पर देश भर से रेलें आती हैं जिससे यह भारत के सभी राज्यों से जुड़ा रहता है।

सड़क से
आंध्र प्रदेश राज्य से लगभग 4104 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है। राज्य राजमार्गाें की लंबाई करीब 60000 किलोमीटर है और इसके साथ ही 1,04,000 किलोमीटर का पंचायती राज सड़क नेटवर्क है। आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें नियमित तौर पर राज्य से देश के अन्य राज्यों और प्रमुख शहरों तक जाती हैं। सैलानी राज्य तक आने के लिए निजी टैक्सी या कैब भी किराए पर ले सकते हैं।

आंध्र प्रदेश में खरीददारी
शानदार छुट्टियों के अलावा आंध्र प्रदेश में खरीददारी भी एक रोचक अनुभव है। आंध्र प्रदेश में ग्रामीण कलाकारों द्वारा बनाए गए शानदार हस्तशिल्प, मोती और हीरे के जेवर, प्राचीन वस्तुएं और शानदार रेशम और सूती की बुनाई का सामान भी है।

खरीददारी में खोने से पहले आंध्र प्रदेश की शानदार विशेषताएं जरुर देखेंः

मोतीः हैदराबाद के मोती पूरे भारत और पूरी दुनिया में मशहूर हैं।

चांदीः पाॅलिश की हुई चांदी पर महीन नक्काशी के डिजाइन धैर्य और शिल्प कौशल दिखाते हैं।

बंजारा दर्पण कामः स्थानीय बंजारों द्वारा कपड़ों और पोशाकों पर दर्पण का काम।

अतरः हैदराबाद के आकर्षक इत्र विश्व प्रसिद्ध हैं।

कपड़ाः हिमरु, इकत, उपड्डा और मंगलागिरी साडि़यां आंध्र प्रदेश के विशेष कपड़े हैं। यहां हाथ से बुने हुए कालीन भी आकर्षक डिजाइन में उपलब्ध होते हैं।

कलमकारीः मछलीपट्टम के कपड़े पर कलम से चित्रकारी, जिसमें कपड़ों पर पौराणिक चित्रण किया जाता है।

बिदरीः कर्नाटक के बिदर की चांदी और ब्लेक मेटल पर नक्काशी की कला।

निर्मल खिलौनेः स्थानीय तौर पर उपलब्ध नर्म लकड़ी से बने सब्जियों, फलों, जानवरों के प्रतिरुप और गुडि़याएं।

सड़क किनारे के रंगीन बाजार हों या शानदार माॅल, आंध्र प्रदेश में खरीददारी करना एक शानदार अनुभव है। हैदराबाद और अन्य शहरों में सरकारी एम्पोरिया और निजी दुकानें भी हैं।

हैदराबाद में लाड बाजार और शिल्पारामाम, कला और शिल्प ग्राम खरीददारी की कुछ मशहूर जगहें हैं जहां कई दुकानें हैं।

आंध्र प्रदेश में होटल
आंध्र प्रदेश में कुछ बेहतरीन होटल हैं। पांच सितारा से लेकर डीलक्स और बजट होटल तक राज्य में रहने के सब प्रकार के साधन उपलब्ध हैं। हर जेब और जरुरत का ख्याल रखते हुए यह होटल आंध्र प्रदेश में स्वागत और आतिथ्य के लिए जाने जाते हैं।

आंध्र प्रदेश में देखने लायक जगहें
आंध्र प्रदेश में विभिन्न प्रकार के सैलानी दौरा करते हैं। चाहे बीच हाॅलीडे हो या हिल स्टेशन या मंदिर, आंध्र प्रदेश में सैलानियों के लिए बहुत कुछ है।
  • चारमीनार, हैदराबाद
  • गोलकोंडा किला, हैदराबाद
  • कुतुब शाही मकबरा, हैदराबाद
  • उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
  • रामोजी फिल्म सिटी, हैदराबाद
  • सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद
  • निजाम संग्रहालय, हैदराबाद
  • अरकु घाटी और बोर्रा गुफाएं, विशाखापत्तनम
  • बेलम गुफाएं, बेलम
  • नागार्जुन कोंडा, नागार्जुन
  • अमरावती, विजयवाड़ा
  • भगवान बुद्ध की प्रतिमा, हैदराबाद
  • भगवान वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुपति

आंध्र प्रदेश में समुद्र तट
दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में कई आकर्षक समुद्र तट हैं जो सैलानियों को लुभाने के साथ ही यहां की सुंदरता में भी चार चांद लगाते हैं। कई सैलानी राज्य में प्रकृति के दिये इस समृद्ध तोहफे का अनुभव लेने आते हैं। आंध्र प्रदेश के सभी समुद्र तट अपने आप में अनोखे हैं। राज्य को अपने यहां बड़ी संख्या में समुद्र तट होने का गर्व है।

आंध्र प्रदेश में हिल स्टेशन
आंध्र प्रदेश में हिल स्टेशन ना सिर्फ सैलानियों के लिए बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी वरदान हैं। एकांत और शांत हिल स्टेशन मैदानी इलाकों की गर्मी और धूल से राहत देते हैं। रोजमर्रा की भागदौड़ से दूर आंध्र प्रदेश के खूबसूरत हिल स्टेशनों की सैर ताजगी भरा अनुभव है।

आंध्र प्रदेश में मंदिर
राज्य में बड़ी संख्या में मंदिर हैं और इसी कारण आंध्र प्रदेश को भारत का लोकप्रिय तीर्थस्थल भी माना जाता है। आलमपुर नवभ्रम मंदिर, घनपुर मंदिर, बिड़ला मंदिर, मल्लेश्वर स्वामी मंदिर, अमरावती मंदिर, अमरेस्वर मंदिर, तिरुपति वैंकटेश्वर मंदिर, उंडावली गुफा मंदिर, रामप्पा मंदिर, रामलिंगेस्वरा मंदिर, तिरुचनूर पद्मावती, श्री कलाहितेस्वरा मंदिर, विजयेस्वरा स्वामी मंदिर और वीरभद्र मंदिर आदि भारत के कुछ मशहूर मंदिर हैं।

अंतिम संशोधन : जूलाई 24, 2018