अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल

अरुणाचल प्रदेश में सैलानियों को आकर्षित करने वाले कई स्थान हैं। उंचे पर्वतों के साथ हरेभरे जंगल, रंगीन जनजातियां और उनके अनोखे सामाजिक रिवाज इस धरती को खूबसूरत बनाते हैं।

अरुणाचल प्रदेश में मुख्य पर्यटन स्थल


अनछुई प्राकृतिक सुंदरता, जनजातियों की रोचक जीवनशैली और पौराणिक कथाएं सैलानियों को अरुणाचल प्रदेश की ओर खींचती हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैंः

ईटानगर
यह अरुणाचल प्रदेश की राजधानी है और यहां पर राज्य के कुछ पर्यटक आकर्षण हैं। ईंटों से बना ऐतिहासिक किला लगभग 14-15 सदी पुराना है जिससे इस शहर का नाम पड़ा । राज्यपाल का आधिकारिक निवास यानि राजभवन, जवाहरलाल नेहरु राज्य संग्रहालय और मशहूर गंगा झील भी देखने लायक स्थान हैं।

बोमडिला
मोनपा, शेरदुपेन, अका, मीजी और बेगुन जैसी जनजातियां यहां रहती हैं। शानदार लैंडस्केप में लगे रंगीन गोंफस इसे एक आदर्श हिमालय गंतव्य बनाते हैं।

तवांग
सुरम्य घाटी की ओर जाता यह हाईलैंड पास अपने आप में अरुणाचल प्रदेश का एक पर्यटक आकर्षण है। यहां पर 400 साल पुराना एक तवांग मठ है जो कि छठे दलाई लामा का जन्मस्थान है। इस मठ में पवित्र बौद्ध लेखों की सुनहरे अक्षरों वाली प्रतियां हैं।

परशुराम कुंड
भारतीय पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन भारत के महान संत परशुराम ने अपने मातृहत्या के पाप को यहां की ही लोहित नदी में धोया था। बाद में इसका नाम परशुराम कुंड पड़ा। जनवरी के महीने में लगने वाले परशुराम मेले में भाग लेने दूर दूर से लोग आते हैं।

भिस्मकनगर
पुराणों के अनुसार भगवान कृष्ण अपनी कई पत्नियों में से एक रुक्मणी को यहां राज करने वाले उनके पिता से दूर भगा ले गए थे। खुदाई से यहां आर्यों की बहुत पुरानी बस्ती का भी पता चला है।

मलिनीथन
मलिजीथन में 7-8 सदी पुराने मंदिर के अवशेष हैं। कई चरणों में हुई खुदाई में मंदिर के सजे हुए तहखाने, देवताओं की मूर्तियों, पशुओं के प्रतिरुपों, फूलों के डिजाइन और नक्काशी किये हुए खंभों और पैनल का भी पता चला है।

अकाशीगंगा
यहां भी पौराणिक कथा का महत्व है। जब भगवान शिव गुस्से में अपनी पत्नी पार्वती के शव को लेकर घूम रहे थे तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनके शव को टुकड़ों में काट दिया था। उस शव का एक टुकड़ा इस इलाके में भी गिरा था। इस जगह से दूर से ब्रहम्पुत्र नदी का विहंगम दृश्य भी दिखाई देता है।

अरुणाचल प्रदेश में अलग अलग आकार के सात वन्यजीव अभयारण्य और चार नेशनल पार्क हैं जो कि सैलानियों के लिए एक बड़ा आकर्षण है।

अरुणाचल प्रदेश के वन्यजीव अभयारण्य


  • पखुई वन्यजीव अभयारण्य, सेजोसा
  • ईटानगर वन्यजीव अभयारण्य, नहरलगुन
  • डाॅ डी इरिंग मेमोरियल वन्यजीव अभयारण्य, पासीघाट
  • मेहाओ वन्यजीव अभयारण्य, रोइंग
  • कामलांग वन्यजीव अभयारण्य, मियाओ
  • ईगल नेस्ट वन्यजीव अभयारण्य, सेजोसा
  • केन वन्यजीव अभयारण्य, अलोंग

अरुणाचल प्रदेश के राष्ट्रीय पार्क


  • नामधापा नेशनल पार्क, मियाओ
  • मोलिंग नेशनल पार्क, जेंगिंग
  • सेसा आर्किड अभयारण्य, टीपी
  • दिहांग देबांग बायोस्फीयर रिजर्व, दिबांग घाटी

यहां आप विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर देख सकते हैं जिसमें हाथी, बाघ, गौर, बार्किंग हिरण, काला भालू, रेड पांडा शामिल हैं।

अरुणाचल प्रदेश की प्रमुख नदियां


कामेंग, सुबनसिरी, सियांग, लोहित और तिरप जो कि विशाल ब्रहम्पुत्र नदी से निकलती है। शानदार नज़ारे के अलावा यह रिवर राफटिंग और मछली पकड़ने का भी अच्छा मौका देती है।

अंतिम संशोधन : जूलाई 21, 2018