उत्तराखंड के दर्शनीय स्थल

उत्तराखंड के बारे में
उत्तराखंड भारत के उत्तर में पहाड़ी राज्य है, जो पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। दून वैली पर बसा देहरादून इसकी राजधानी है, जो चारों ओर से प्राकृतिक दृश्यों से घिरा हुआ है। इस राज्य का क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किमी. है और यह भौगोलिक तौर पर मुख्यतः दो हिस्सों गढ़वाल और कुमाऊं में बंटा हुआ है। यह राज्य अपने प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों, घने जंगलों, ग्लेशियरों और बर्फ से ढंकी चोटियों के लिए जाना जाता है।

उत्तराखंड पर्यटन

उत्तराखंड को ईश्वर की धरती या देवभूमि के नाम से जाना जाता है। हिंदुओं की आस्था के प्रतीक चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यहीं स्थित हैं। उत्तर का यह राज्य गंगा और यमुना समेत देश की प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल भी है। उत्तराखंड, वैली ऑफ फ्लॉवर (फूलों की घाटी) का भी घर है, जिसे यूनेस्को ने विश्व विरासत की सूची में शामिल किया है।

उत्तराखंड के पर्यटन स्थल



नैनीताल, उत्तर-काशी, मसूरी और चमौली जैसे उत्तर भारत के लगभग सभी प्रमुख हिल स्टेशन उत्तराखंड में ही हैं। हरे-भरे और घने जंगल इसे 12 नेशनल पार्क और वाइल्डलाइफ अभ्यारण्यों के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं।

हिल स्टेशनों की सुरम्यता के साथ-साथ धार्मिक महत्व के स्थान होने के कारण देश और दुनियाभर के लोग यहां आते हैं। उत्तराखंड ट्रैकिंग, क्लाइंबिंग और वाटर राफ्टिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स का केंद्र भी है और इस कारण युवाओं की पहली पसंद है।

उत्तराखंड के हिल स्टेशन
उत्तराखंड अपने हिल स्टेशनों मसूरी, चोपटा, अल्मोड़ा, नैनीताल, धनौल्टी, लैंसडाउन, वैली ऑफ फ्लॉवर और सत्तल के लिए प्रसिद्ध है। ये भारत के कुछ अनुपम हिल स्टेशन हैं, जो हरियाली से ओतप्रोत, बर्फ की चादर ओढ़े चोटियों और रंगबिरंगे फूलों से भरे हैं। वैली ऑफ फ्लॉवर में तो 250 प्रकार के फूलों की प्रजातियां हैं जो आंखों को सुकून देते हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून अंग्रेजों के शासनकाल से ही सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल और भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है। मसूरी अपनी हरी-भरी पहाड़ियों और विविध वनस्पतियों और जीवों के लिए जानी जाती है। आप इस शहर से हिमालय की बर्फ से ढंकी लंबी पर्वतमाला के विहंगम दृश्य देख सकते हैं। इनके अलावा नैनीताल भी अपनेआप में ऐसी ही खूबसूरती समेटे हुए है और आप यहां भी यादगार पर्यटन के लिए जा सकते हैं।

वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान
इस राज्य में विभिन्न वाइल्डलाइफ अभ्यारण्य और पार्क पाए जाते हैं। देहरादून जिले में मशहूर आसन बैराज भी है, जहां यमुना और आसन का संगम है। कस्तूरी मृग के संरक्षण के लिए स्थापित एस्काट कस्तूरी मृग अभयारण्य भी यहीं है। तेंदुआ, हिरण, भालू, जंगली बिल्ली, उदबिलाव जैसे कई जंगली जानवर यहां बहुलता से पाए जाते हैं। नैनीताल जिले में सबसे बड़ा और पुराना नेशनल पार्क ‘जिम कार्बेट नेशनल पार्क’ स्थित है। यह पार्क विभिन्न जंगली जानवरों के अलावा बाघों के लिए जाना जाता है। भारत सरकार यहां प्रोजेक्ट टाइगर अभियान चला रही है। उत्तरकाशी जिले में गोविंद वाइल्डलाइफ अभ्यारण्य लुप्तप्राय: जानवरों के लिए महत्वपूर्ण स्थान और शरणस्थली है। यहां आयुर्वेदिक से लेकर एलोपैथिक दवाओं से जुड़े पौधे और वनस्पतियां मिलती हैं। बर्फीला तेंदुआ भी यहां देखा जा सकता है।

उत्तराखंड के धार्मिक स्थल



भगवान शिव के और अनेक पवित्र मंदिरों के कारण उत्तराखंड हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में गिना जाता है। बद्रीनाथ और केदारनाथ, दो ऐसे तीर्थस्थल हैं, जो यहां सदियों पहले से हैं। बद्रीनाथ चार धामों में से एक है और सबसे पवित्र स्थलों में से है। केदारनाथ भी बद्रीनाथ जितना ही पवित्र और दर्शनीय स्थल है। यहां प्राचीन शिव मंदिर है, जहां 12 ज्योर्तिलिंग में से एक शिवलिंग विराजमान हैं। गंगोत्री धरती का वह स्थान है, जिसे माना जाता है कि गंगा ने सबसे पहले छुआ। देवी गंगा यहां एक नदी के रूप में आई थीं। यमुनोत्री यमुना नदी का स्रोत है और इसके पश्चिम में पवित्र मंदिर है। हरिद्वार गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह हिंदुओं का प्राचीन तीर्थस्थल है। ऋषिकेश सभी पवित्र स्थानों के लिए प्रवेश द्वार है।

स्थिति
उत्तराखंड हिमालय के किनारे पर स्थित है। इसकी सीमा चीन (तिब्बत) और नेपाल से लगती है। इस उत्तरी राज्य के उत्तर-पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण दिशा में उत्तर प्रदेश है।

कैसे पहुंचें

वायु मार्ग से
राज्य का सबसे महत्वपूर्ण हवाई अड्‌डा देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। यहां से दिल्ली के लिए नियमित उड़ानें हैं। इसके अलावा कुमाऊं क्षेत्र में पंतनगर एयरपोर्ट है, जहां घरेलू विमान सेवाएं उपलब्ध हैं।

रेल मार्ग से
राज्य में सिर्फ 345 किमी. रेलवे ट्रैक है। नैनीताल से 35 किमी. दूर काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो उत्तर-पूर्वी रेलवे का करीब-करीब अंतिम स्टेशन है। यह नैनीताल को देहरादून, दिल्ली और हावड़ा से जोड़ता है। राज्य के पंतनगर, लालकुआं और हलद्वानी में भी रेल सुविधा उपलब्ध है। देहरादून और हरिद्वार राज्य के दो प्रमुख स्टेशन हैं, जो देश के अधिकतर शहरों और हिस्से से जुड़े हुए हैं। ऋषिकेश, रामनगर और कोटद्वार में भी रेल सुविधा उपलब्ध है।

बस मार्ग से
राज्य में सड़कों का जाल अच्छी तरह फैला हुआ है। यहां 28,508 किमी. सड़कों का जाल है। इसमें से 1,328 किमी. सड़क नेशनल हाइवे और 1,543 किमी. स्टेट हाइवे के अंतर्गत आता है। सड़क मार्ग के लिए उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन बसें चलाता है। निजी ऑपरेटर भी बस, टैक्सी जैसी सुविधाएं देते हैं। राज्य के हर प्रमुख स्थान तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

घूमने का सर्वश्रेष्ठ समय
गर्मियों के दिनों में राज्य में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। लेकिन सर्दियों में यह बेहद ठंडा होता है। इस पहाड़ी राज्य में, देश के मुकाबले सामान्य या इससे अधिक बारिश होती है। उत्तराखंड में घूमने का सर्वश्रेष्ठ समय मार्च से जून के बीच और सितंबर-अक्टूबर का महीना होता है।

घूमने लायक जगह उत्तराखंड में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों की सूची में रखा जा सकता है। इनमें से इन प्रमुख स्थानों पर जरूर घूमना चाहिए:

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, पंच केदार, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, हरिद्वार, अल्मोड़ा, राजाजी नेशनल पार्क, ऋषिकेश, हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, रूपकुंड, औली, नंदा देवी और गोमुख।

घूमने के लिए सलाह
  • दुर्गम इलाकों में सुरक्षित यात्रा के लिए ध्यान से गाड़ी चलाना जरूरी है।
  • ट्रैकिंग या अन्य किसी कारण से, बाहर निकलें तो अपने साथ एक नक्शा रखें।
  • यह पहाड़ी क्षेत्र है। आमतौर पर शाम के बाद बहुत ठंडक हो जाती है। गर्म कपड़े हमेशा साथ रखें।
  • बरसात के मौसम में पहाड़ियों में यात्रा करने से बचें। इस मौसम में भूस्खलन का खतरा होता है।

यात्रा के दौरान खर्च
उत्तराखंड, देश के उन प्रमुख राज्यों में हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग घूमने जाते हैं। लोगों के यहां आने की अनेक वजहें हैं, जैसे: एडवेंचर स्पोर्ट्स, तीर्थयात्रा, प्रकृतिप्रेम, वाइल्डलाइफ का रोमांच और स्वास्थ्य लाभ लेना। आप अपनी सुविधा और पसंद के मुताबिक टूर पैकेज का विकल्प चुन सकते हैं। टूर पैकेज उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (यूटीडीबी) और अनेक निजी ऑपरेटरों द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं। चार धाम पैकेज पर प्रति व्यक्ति करीब 10,000 रुपए का खर्च आ सकता है। दो धाम का खर्च भी करीब 8,500 रुपए तक लग सकता है।

लोकप्रिय स्थान
उत्तराखंड खूबसूरत पर्यटन स्थलों के अलावा कई दिलचस्प गतिविधियों का केंद्र भी है। इनमें औली में स्कीइंग की सुविधा, उत्तराखंड में कैंप लगाना, हेमकुंड साहिब में ट्रैकिंग, वैली ऑफ फ्लॉवर्स, ऋषिकेश में राफ्टिंग, माउंटेनिंग, रॉक क्लाइंबिंग, बर्ड वाचिंग, पैराग्लाइडिंग, वाइल्डलाइफ सफारी और गंगोत्री ग्लेशियर में ट्रैकिंग शामिल हैं।

होटल
उत्तराखंड में बड़ी संख्या में होटल, गेस्ट हाउस और रिसोर्ट हैं। यहां हर स्तर के व्यक्ति के लिए रहने-खाने की सुविधा उपलब्ध है। राज्य की पहचान पर्यटन के लिए है और यहां हर बजट के होटल उपलब्ध हैं।

कितने दिन रहें
उत्तराखंड में घूमने लायक अनेक स्थान हैं। इन स्थानों में भी बड़ी विविधता है। इसलिए यहां घूमने के लिए कितने दिन पर्याप्त होंगे, यह अलग-अलग कारणों (तीर्थयात्रा, एडवेंचर ट्रिप या सामान्य छुटि्टयां) पर निर्भर करेगा।

क्या खाएं
उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं दोनों क्षेत्रों के अलग-अलग खाद्य पदार्थों की बड़ी विविधता है, जो आपको अपना मुरीद बना लेगी। उत्तराखंड में स्थानीय साग-पत्ते और मसाले का मिश्रण खाने का स्वाद और बढ़ा देते हैं। आप यहां के खाने के लिए पारंपरिक स्वाद वाले भोजन भी चुन सकते हैं, जैसे मठरी और तिल लड्‌डू, मडुआ रोटी, दुबके के साथ चोलाई रोटी, गहत सूप, गहत रास्मी बड़ी (कोफ्ता), उड़द के पकौड़े (वडा), भांगजीरा की चटनी, आलू के गुटके, ितल की चटनी, बाल मिठाई, सिंगोडी, सिनसुक साग, झिंगारा की खीर, कापा की दाल और सिंघल।

पारंपरिक के साथ-साथ देश-विदेश की रसोई में बनने वाला भोजन भी विभिन्न होटलों में उपलब्ध रहता है। आप इन प्रमुख स्थानों में ये भोजन कर सकते हैं: साकल्ले रेस्टोरेंट, पिरामिड कैफे, चोटीवाला, लवली ऑमलेट सेंटर, लिटिल बुद्धा कैफे, कास्मांदा पैलेस रेस्टोरेंट, चेतन पूरीवाला और देवराज कॉफी कॉर्नर।

खरीदारी
उत्तराखंड में खरीदारी के विकल्प ज्यादा नहीं हैं। फिर भी आप स्मृतिचिन्ह के रूप में निम्नलिखित सामान ले सकते हैं।
  • लकड़ी की नक्काशीदार आकृतियां
  • ऊनी कपड़े
  • रूद्राक्ष की माला
  • हाथ से बनी मोमबत्तियां
  • ऑर्गनिक वस्तुओं
  • पत्तियों और छालों से बने शो पीस
  • अचार और जैम

उत्तराखंड में अधिकतर खरीदारी हिल स्टेशन के बाजारों से की जाती है। सरकारी एंपोरियम के साथ-साथ निजी दुकान भी खरीदारी के अच्छे विकल्प और सुविधाएं देते हैं। पलटन बाजार और तिब्बती बाजार भी वे स्थान हैं, जहां से आप खरीदारी कर सकते हैं।

टूरिस्ट हेल्पलाइन नंबर
उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (यूटीडीबी)
टेलीफोन: 91-135-2559898, 2559987

उत्तराखंड में घूमने लायक स्थान
उत्तराखंड देवभूमि है, हिमालय का घर है। यह पूरी दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर लुभाता है। उत्तराखंड में अनेक पर्यटन स्थल हैं, जो या तो प्राकृतिक दृश्य हैं या धार्मिक महत्व के स्थान हैं। यह पहाड़ी राज्य भौगोलिक रूप से दो क्षेत्रों कुमाऊं और गढ़वाल में विभाजित है। दोनों ही क्षेत्रों में अनेक पर्यटन स्थल हैं।

उत्तराखंड में देखने लायक स्थान

मसूरी
मसूरी देहरादून से 34 किमी. दूर स्थित है। यह गढ़वाल की पहाड़ी पर समुद्र तल से 2003 मी. ऊंचाई पर है। मसूरी देश के सबसे आकर्षक हिल स्टेशनों में से एक है। हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थल, जैसेः केदारनाथ, गंगोत्री, बद्रीनाथ, हरिद्वार, यमुनोत्री और ऋषिकेश यहां से ज्यादा दूर नहीं हैं।

मसूरी में घूमने लायक प्रमुख स्थान ये हैं:
गन हिल्स
यह मसूरी की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। गन हिल्स से हिमालय की खूबसूरती को बड़ी नजदीक से निहारा जा सकता है। यहां से मुख्यतः बुंदेरपुंछ, पिथौड़ा श्रीकांत और गंगोत्री ग्रुप करीब है। यहां से मसूरी शहर और दून घाटी को बर्ड व्यू (जैसा दृश्य चिड़िया को ऊंचाई से दिखता है) की तरह देख सकते हैं।

म्यूनिसिपल ग्राउंड
यह पिकनिक के लिए बेहद खूबसूरत जगह है। यहां एक सुंदर बाग और कृत्रिम झील है। झील में नौका विहार का मजा भी लिया जा सकता है।

चाइल्डर्स लॉज
यह मसूरी की सबसे ऊंची चोटी है, जो लाल टिब्बा के नजदीक है। यह पर्यटन कार्यालय से 5 किमी. दूरी पर है। यहां से बर्फ के दृश्य देखना बहुत रोमांचक अनुभव है।

कैमल बैक रोड
कुल तीन किमी. लंबी यह रोड रिंक हॉल के करीब कुलरी बाजार से शुरू होती है और लाइब्रेरी बाजार पर जाकर समाप्त होती है। इस सड़क का सबसे बड़ा आकर्षण यहां पर घुड़सवारी करना होता है। यहां आकर हिमालय में सूर्यास्त का खूबसूरत दृश्य देखने का मौका नहीं गंवाना चाहिए।

झड़ीपानी फॉल
यह फॉल मसूरी-झड़ीपानी रोड पर मसूरी से 8.5 किमी. दूरी पर स्थित है। पर्यटक झड़ीपानी तक 7 किमी. की दूरी बस या कार से तय कर सकते हैं। इसके बाद अगले 1.5 किमी. पैदल चलकर फॉल तक पहुंच सकते हैं।

भट्टा फॉल
यह फॉल मसूरी-देहरादून रोड पर मसूरी से 7 किमी. दूरी पर स्थित है। कोई भी मसूरी से बस या कार से चार किलोमीटर दूर स्थित बाटला गांव तक जा सकता है। इसके बाद की 3 किमी. यात्रा पैदल चलकर पूरी करनी पड़ती है।

रानीखेत
राजा सुधारदेव की रानी पद्मावती उत्तराखंड के रानीखेत पर कभी मोहित हो गई थीं। उन्होंने यह जगह देखने के बाद इसे ही अपना आवास बना लिया था। इसीलिए इस जगह को रानीखेत के नाम से जाना गया। इस स्थान से नंदा देवी (7817 मी.) समेत हिमाच्छादित मध्य हिमालय की चोटियां और जंगली जानवरों से भरा घना जंगल स्पष्ट देखा जा सकता है।

रानीखेत के दर्शनीय स्थल



झूला देवी मंदिर
यह देवी दुर्गा को समर्पित यहां का अनूठा मंदिर है। मंदिर की तराशी हुई घंटियां अति सुंदर हैं। इसके नजदीक ही भगवान राम का मंदिर भी है।

चौबटिया
चौबटिया बगीचों के लिए है। यह रानीखेत से 10 किमी. दूरी पर है और मोटर-बाइक से पहुंचा जा सकता है। यहां सरकार द्वारा स्थापित फल संरक्षण केंद्र भी है। आसमान साफ होने पर चौबटिया से हिमालय की 30 किमी. विस्तार तक बर्फ से ढंकी चोटियां देखी जा सकती हैं। नंदा देवी, नंदा घुंटी, त्रिशूल और नीलकंठ की चोटियों के यहां से विहंगम दृश्य देखते जा सकते हैं। भालूडैम यहां से तीन किमी. दूरी पर है और इससे सटा एक सुंदर कृत्रिम झील है।

उपट और कालिका
उपट यहां से अल्मोड़ा रोड पर स्थित है। यहां नौ होल का सुंदर गोल्फकोर्स है। कालिका में मां काली का मंदिर है। कालिका इस मंदिर और हरी-भरी नर्सरी के लिए मशहूर है।

कुमाऊं
कुमाऊं उत्तराखंड का बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो बर्फीली पहाड़ियों, घाटियों, ग्लेशियरों, झीलों, हरे-भरे मैदानों और जंगलों से घिरा है। यह राज्य के दो भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है। कुमाऊं में राज्य के छ%