गुजरात का नक्शा

गुजरात का नक्शा (मानचित्र)

गुजरात का नक्शा
* गुजरात का नक्शा (मानचित्र) , जिला मुख्यालय, पड़ोसी राज्यों एवं अंतर्राज्यीय सीमा के साथ

गुजरात के महत्वपूर्ण तथ्य

राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली
मुख्यमंत्री विजय रूपानी
आधिकारिक वेबसाइट www.gujaratindia.com
स्थापना का दिन 1 मई, 1960
क्षेत्रफल 1,96,024 वर्ग किमी
घनत्व 308 प्रति वर्ग किमी
जनसंख्या (2011) 60,439,692
पुरुषों की जनसंख्या (2011) 31,491,260
महिलाओं की जनसंख्या (2011) 28,948,432
जिले 33
राजधानी  
नदियाँ साबरमती, माही, नर्मदा, ताप्ती, दमनगंगा, सरस्वती
वन एवं राष्ट्रीय उद्यान गिर राष्ट्रीय उद्यान, वाइल्ड एस अभयारण्य कच्छ, नल सरोवर पक्षी अभयारण्य, कृष्णमृग राष्ट्रीय उद्यान, वेलावदार राष्ट्रीय उद्यान, बंसदा राष्ट्रीय उद्यान
भाषाएँ अंग्रेजी, गुजराती, सिंधी, मारवाड़ी, कच्छी, उर्दू, हिन्दी, सौराष्ट्र, वासवी
पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दमन और दीव, दादरा और नागर हवेली
राजकीय पशु एशियाई शेर
राजकीय पक्षी ग्रेटर फ्लेमिंगो
राजकीय वृक्ष आम
राजकीय फूल मैरीगोल्ड
नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2011) 75115
साक्षरता दर (2011) 76.64%
1000 पुरुषों पर महिलायें 918
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 182
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 26

गुजरात के बारे में


गुजरात या कहा जाए “महापुरूषों की धरती“ देश के पश्चिमी भाग का सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। विशाल अरब सागर इसकी भूगोलीय सीमा है और पश्चिम में पाकिस्तान का सिंध प्रांत स्थित है, उत्तर में राजस्थान, दक्षिण में महाराष्ट्र राज्य, दमन, दीव और दादरा जैसे केन्दª शासित प्रदेश और पूर्व में मध्य प्रदेश है और गुजरात इन सबके बीच अपने अद्भुत लैंडस्केप के कारण अनूठा लगता है। गुजरात की राजधानी गांधीनगर है और अहमदाबाद यहां का सबसे मुख्य शहर है।

गुजरात का क्षेत्रफल लगभग 196,024 वर्ग किलोमीटर है और 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 60,383,628 है। महात्मा गांधी और वल्लभभाई पटेल जैसे भारत के कई प्रसिद्ध व्यक्तियों की जन्मभूमि होने के कारण इस जगह की सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत बहुत समृद्ध है और ये राज्य का गौरव बढ़ाती है। यहां की गर्मियाँ बहुत गर्म और कठोर और सर्दियाँ हल्की और सुहानी होती हैं। मानसून अक्सर राज्य के दक्षिणी भाग में बरसता है और उत्तर पश्चिमी हिस्सा सालभर सूखा ही रहता है। गुजरात शिक्षा संबंधी पर्यटन के लिए अनुकूल है क्योंकि यहां भारतीय संस्कृति की विभिन्न विशेषताओं के बारे में बहुत कुछ सीखा जा सकता है। गुजरात की सरकार बहुत सक्रिय है और यहां 182 विधानसभा क्षेत्र हैं। पहले गुजरात बम्बई राज्य (जो आज महाराष्ट्र और गुजरात है) के तहत आता था और 1960 में यह अलग राज्य बना।

गुजरात का इतिहास


गुजरात के इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक उपवर्गों में बाँटा जा सकता है। प्राचीन इतिहास को सिंधु घाटी सभ्यता से जोड़ा जा सकता है। गुजरात में सबसे पहले गुज्जर आकर बसे, जो कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से थे। इसके बाद मौर्य वंश आया जिसके राजा चन्द्रगुप्त मौर्य और उनके पौत्र राजा अशोक ने इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित किया। उनकी मौत के बाद कई राजवंश आए जैसे साका, शुंगा, मैत्रका, चैरा, सौलंकी और बघिलाह आदि जिन्होंने गुजरात पर राज किया और फिर मुसलमानों ने यहां हमला कर लगभग 400 सालों तक राज किया। महमूद गजनी से लेकर अलाउद्दीन खिलजी और राजा अकबर तक सभी ने अपने पराक्रम से गुजरात को जीता लेकिन फिर इन मुस्लिम राजाओं को मराठा राजा शिवाजी ने सत्ता से बाहर कर दिया। सत्रहवीं सदी में अंग्रेजों के आने से मराठा शक्ति थोड़ा दबाव में आई और राज्य कई रियासतों में बँट गया जैसे अहमदाबाद, भरूच, पंचमहल, कैरा और सूरत जिस पर अंग्रेजों ने राज किया। आजादी की लड़ाई के दौरान गुजरात उन स्वतंत्रता सैनानियों का केन्द्र बन गया जो वहां जन्में थे। आजादी के बाद गुजरात बम्बई राज्य का हिस्सा बन गया जिस पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने शासन किया। 1960 में बम्बई राज्य को महाराष्ट्र और गुजरात में बाँटा गया और उन्हें अलग राज्यों का दर्जा मिला।

भूगोल और जलवायु


भारतीय प्रायदीप के पश्चिमी तट पर स्थित होने के कारण इस राज्य में देश का तीसरा सबसे लंबा समुद्री किनारा है जो कि 1300 किमी लंबा है। भौगोलिक तौर पर राज्य के तीन मुख्य उपविभाजन हैः उत्तर पूर्व में बंजर और पथरीला कच्छ, जिसमें कच्छ का प्रसिद्ध रण या रेगिस्तान शामिल है और छोटे-छोटे पहाड़ों से बना पहाड़ी क्षेत्र सौराष्ट्र या काठियावाड़। मुख्य भूमि कच्छ से शुरू होकर दमनगंगा नदी तक है जो कि कछारी मिट्टी से भरी है। गुजरात से साबरमती, नर्मदा, तापी और दमनगंगा नदियाँ गुजरती हैं। राज्य के उत्तरी और पूर्वी भाग की सीमा अरावली, सतपुड़ा, विंध्य और सहयाद्री पर्वतों से घिरी है। राज्य का एक बड़ा हिस्सा गिर, डांग और पंचमहल जैसे जंगलों से ढंका है। इन जंगलों में नम और सूखे दोनों तरह के वनस्पति मिलते हैं। उनमें से खासकर कच्छ के पास के इलाकों में कांटेदार हैं। गुजरात के दक्षिणी भाग की आबोहवा नम और उत्तरी हिस्से कि शुष्क है। राज्य में बारिश का सालाना औसत 33 से 152 सेमी है जबकि डांग में लगभग 190 सेमी बारिश दर्ज होती है। गुजरात के कर्क रेखा पर स्थित होने के कारण उत्पन्न कठिन जलवायु को खंभात की खाड़ी और अरब सागर सहज कर देते हैं।

पर्यटन


गुजरात को “पश्चिम का जेवर“ भी कहते हैं और यहां कई प्रकार के संग्रहालय, किले, अभयारण्य, मंदिर और कई रूचिकर जगहें हैं जो पर्यटकों के लिए दावत से कम नहीं हैं। इस जगह का गहरा ऐतिहासिक पहलू है इस कारण यहां कई खास जगहें है जो देखने लायक हैं, जैसे हृदय कुंज, महात्मा गांधी का निवास स्थान, लोथल या सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष, कीर्ति मंदिर या महात्मा गांधी का जन्मस्थान, बड़नगर का प्रसिद्ध हटकेश्वर मंदिर और धौलावरिया आदि। पर्यटकों को कई धार्मिक स्थान भी अच्छे लगते हैं, जैसे द्वारका, पावागढ़, शामलजी, पालिताना पवर्त और गिरनार पर्वत स्थित जैन मंदिर। वास्तुकला और पुरातत्व स्मारकों में रूचि रखने वाले लोग अहमदाबाद, डबलोई, पाटन, मोधेरा आदि के अद्भुत स्मारक भी देखने जाते हैं। पर्यटक सतपुड़ा की पहाड़ी के साथ-साथ कोरवार्ड, तीथल और मांडवी के समुद्री किनारों पर भी जाना पसंद करते हैं। इसके अलावा गिर शेर अभयारण्य और कच्छ अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों की पसंदीदा जगह है। इनके अलावा कई किले जैसे उपरकोट किला, नज़र बाग महल, धबोई किला आदि और संग्रहालय, जैसे गांधी स्मारक संग्रहालय, गांधी संग्रहालय, बड़ौदा संग्रहालय और पिक्चर गैलेरी भी हर साल हजारों पर्यटक देखते हैं।

गुजरात की सरकार और राजनीति


गुजरात राज्य में 26 जिले हैं और गांधीनगर राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र है। गुजरात की विधानसभा मे 182 सदस्य हैं, और जिनमें से 39 सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। अन्य भारतीय राज्यों की तरह गुजरात में भी मुख्यमंत्री ही सरकार और विधानसभा का नेता होता है और उसके पास विशेष कार्यकारी शक्तियाँ होती हैं। राज्यपाल राज्य का प्रधान होता है और उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं और विधानसभा के सदस्य स्पीकर का चुनाव करते हैं, जो विधानसभा की बैठकों की अध्यक्षता करता है। आजादी के बाद से गुजरात जब तक बम्बई राज्य का हिस्सा था तब तक राज्य में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सत्ता में रही। नब्बे के दशक में कांग्रेस को हराकर भाजपा सत्ता में आई और अब तक सत्ता में है।

गुजरात में शिक्षा


गुजरात देश के कुछ प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों का केन्द्र है। सरकार ने राज्य में बुनियादी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्राथमिक स्कूल खोलने के साथ राज्य में बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा के कई कार्यक्रम शुरू किये हैं। राज्य में कई सरकारी और निजी स्कूल सीबीएसई बोर्ड और सीआईएसई बोर्ड से संबद्ध हैं। यहां महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। उच्च शिक्षा के लिए कई संस्थान हैं, जैसे गुजरात यूनिवर्सिटी, सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी, हेमचन्द्राचार्य उत्तर गुजरात यूनिवर्सिटी आदि गुजरात के कुछ खास संस्थान हैं। आईआईएम अहमदाबाद, बड़ौदा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, सरदार वल्लभभाई पटेल प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत और अहमदाबाद का राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान देश के नामी संस्थान हैं। गुजरात में कई इंजीनीयरिंग काॅलेज हैं, जैसे सरदार वल्लभभाई पटेल तकनीकी संस्थान, धीरुभाई अंबानी सूचना और संचार प्रौद्योगिकी संस्थान जो कि भारत के अव्वल दर्जे के संस्थान माने जाते हैं। कुछ अन्य संस्थानों में केंद्रीय नमक और समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान गुजरात का एक सम्माननीय संस्थान है जो समुद्री नमक, देशी झील नमक और अवभूमि लवण-जल पर होने वाले अनुसंधानों को बढ़ावा देता है।

गुजरात की अर्थव्यवस्था


गुजरात भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक राज्य है जिसका राष्ट्र के कुछ महत्वपूर्ण कारोबारों पर कब्जा है। कपड़ा, रसायन, बिजली, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, वनस्पति तेल, सोडा एश और उर्वरकों का निर्माण राज्य में होता है। खनिज समृद्ध राज्य होने के नाते गुजरात भारत के 66 प्रतिषत नमक की जरुरत पूरी करता है और 35 प्रतिशत रासायनिक आवश्यकता भी यहीं से पूरी होती है। अंकलेश्वर और खंभात को प्राकृतिक गैस और तेल के उत्पादन के लिए जाना जाता है। राजकोट आॅटो इंजन, आॅटो अवयवों, सीएनजी मशीनों, फोर्जिंग और कास्टिंग के हिस्सों के निर्माण के उद्योगों का केन्द्र है। गुजरात अपने उत्पादन और रत्नों और ज़ेवरातों के कारोबार के लिए भी जाना जाता है। सूरत हीरा व्यापार के लिए मशहूर है। गुजरात कपास, तंबाकू, चावल, मूंगफली, गेहूँ, बाजरा, ज्वार, मक्का का मुख्य उत्पादक है और राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। डेयरी और पषुपालन भी गांवों की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्रोत है। अमूल सहकारी दूध संघ के माध्यम से गुजरात भारत ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है। तेल, साबुन और पेट्रोल के अलावा गुजरात पशुधन, अण्डे और ऊन का बहुत बड़ा उत्पादक है। पर्यटन भी राज्य की अर्थव्यवस्था का अच्छा स्रोत है। जहाज तोड़ने का विष्व का सबसे बड़ा यार्ड भावनगर में है और रिलायंस पेट्रोलियम जो कि दुनिया की सबसे बड़ी जमीनी रिफायनरी है, जामनगर में है।

जनसांख्यिकी


2011 की जनगणना के अनुसार गुजरात की जनसंख्या 60, 683, 628 है और जनसंख्या का घनत्व लगभग 308 प्रति वर्ग किमी है जो कि दूसरे राज्यों के मुकाबले कम है। राज्य में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 1000 पुरुषों के अनुपात में महिलाओं की संख्या 918 है जो कि अन्य राज्यों के मुकाबले कम है। 89 प्रतिशत हिंदू आबादी के साथ हिंदू धर्म राज्य का प्रमुख धर्म है। श्रीनाथजी के रुप में भगवान कृष्ण राज्य में बहुत पूजे जाते हैं। 9 ़1 प्रतिशत आबादी के साथ मुस्लिम समुदाय राज्य की दूसरी मुख्य आबादी है, बाकी जनसंख्या में जैन, ईसाई और सिख हैं। हिंदू आबादी में गुजरातियों की बहुतायत है जो कि बहुत जीवंत और मिलनसार हैं। राज्य में बिहारी और मारवाड़ी समुदाय भी अच्छी संख्या में है। पुर्तगाली लोगों का एक छोटा सा हिस्सा अहमदाबाद में रहता है। दूसरे लोगों के साथ ही गुजरात में भारतीय समुदाय के तमिल, मलयाली, पंजाबी, सिंधी, तिब्बती, नेपाली, असमिया, बंगााली, तेलगु, उडि़या और कोंकणी के साथ-साथ विदेशी समुदाय के पारसी, यहूदी, दक्षिण कोरियाई, एंग्लो इंडियन और यूनानी भी रहते हैं।

गुजरात की संस्कृति


विविध संस्कृतियों के कारण गुजरात की सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत समृद्ध और जीवंत है। इस राज्य को मेलों और त्यौहारों की धरती के तौर पर जाना जाता है। पारंपरिक त्यौहारों जैसे होली, दीपावली और दशहरा के अलावा यहां अन्य हिंदू त्यौहार जैसे मकर संक्रंाति या पतंगबाजी का त्यौहार, कच्छ महोत्सव, मोधेरा और भद्र पूर्णिमा भी यहां मनाए जाते हैं। ईद, क्रिसमस और महावीर जयंती भी यहां बराबर उत्साह से मनाए जाते हैं। नृत्य और संगीत यहां के त्यौहारों और विशेष अवसरों का खास हिस्सा है। यहां के नृत्यों के रुप जैसे डांडिया, गरबा, गरबी और पधार दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। यहां के लोक गीत और संगीत का स्थानीय ही नहीं कई दिग्गज कलाकार भी नियमित अभ्यास करते हैं। कई राग जैसे खंबावती, टोडी, लाटी और सौराठी गुजरात से ही उत्पन्न हुए हैं।

राज्य के हस्तशिल्प में आधुनिक और प्राचीन प्रभाव का मेल दिखता है जो कलात्मक और सुंदर है। यहां की कढ़ाई, लकड़ी की नक्काशी, जेवर और पत्थर का काम दुनियाभर में प्रसिद्ध है। गुजरात की कढ़ाई के कुछ खास प्रकार हैं, सलामा, चालक, टीकी और कंगीरी। आभला राज्य का प्रसिद्ध बुनाई का काम है जिसमें आरसी को कपड़ों पर बुना जाता है।

गुजरात की भाषा


गुजरात में रहने वाले लोग विभिन्न जाति और धर्मों के हैं, इसलिए यहां राजभाषा गुजराती के अलावा कई भाषाएँ बोली जाती हैं। गुजराती भाषा एंग्लो इंडियन परिवार से ली गई है और इसकी जड़ें संस्कृत में हैं। गुजराती 11 प्रकार से बोली जाती है और राज्य में अलग-अलग प्रांतों से आकर बसे लोग बोलते हैं। इनमें से कुछ मानक गुजराती, काठीयावाड़ी, खरवा, खाकरी, गमठी और पारसी बोलियाँ हैं। पारसी गुजराती सुनने में बहुत मीठी है और मूल पारसी इसे बोलते हैं। यह मूल गुजराती से थोड़ी अलग है इसमें फारसी का भी मेल है और यह बोलने और लिखने में इस्तेमाल होती है। राज्य की सीमा राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से लगे होने के कारण सीमा के पास रहने वाले लोग वहां की भाषाएँ भी बोलते हैं। मराठी, हिंदी और मारवाड़ी भी स्वाभाविक कारणों से राज्य में बहुत बोली जाती है। कुछ आबादी सिंधी और उर्दू भी बोलती है। कच्छ जो कि राज्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है वहां की मातृभाषा कच्छी है और उस क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध है। कच्छी को सिंधी और गुजराती का मिश्रण माना जाता है।

परिवहन


गुजरात भारत के अन्य राज्यों से अच्छी तरह जुड़ा है और दुनिया के किसी भी हिस्से से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। गुजरात में कई घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हवाईअडड्े हैं, जिनसे अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व के लिए नियमित उड़ानें हैं, खासकर अहमदाबाद से। कई निजी और सरकारी एयरलाईन जैसे जेट एयरवेज़, इंडिगो, एयर सहारा और इंडियन एयरलाइंस की राज्य में सेवाएँ हैं। रेलवे का अच्छा नेटवर्क होने के कारण भारत के किसी भी हिस्से से गुजरात पहुंचा जा सकता है। अहमदाबाद, सूरत और वडौदरा जैसे बड़े नगर भारत के हर महानगर से जुड़े हैं। यहां से पाकिस्तान के कराची और पेशावर के लिए भी रेल सेवा उपलब्ध है। गुजरात राज्य की सड़कों को सबसे उम्दा किस्म की सड़कंे माना जाता है। गुजरात से सभी पड़ोसी राज्यों के लिए लक्ज़री बसें मिलती हैं और अच्छी सड़कों कि वजह से इनकी यात्रा बहुत आरामदायक होती है। सरकार ने राज्य में स्थानीय बस सेवा भी चला रखी है जिनसे स्थानीय परिवहन भी बहुत आरामदायक है। यहां टैक्सी, आॅटो रिक्शा, सायकिल रिक्शा बहुत कम हैं, लेकिन निजी कारों की संख्या अच्छी है। घोड़ागाड़ी परिवहन का आम साधन है जिसे हज़ारों लोग नियमित तौर पर इस्तेमाल करते हैं।

गुजरात के जिले


क्र.सं. जिला का नाम जिला मुख्यालय जनसंख्या (2011) विकास दर लिंग अनुपात साक्षरता क्षेत्र (वर्ग किमी) घनत्व (/ वर्ग किमी)
1 अहमदाबाद अहमदाबाद 7214225 24.03% 904 85.31 * *
2 अमरेली अमरेली 1514190 8.63% 964 74.25 * *
3 आनंद आनंद 2092745 12.70% 925 84.37 * *
4 अरावली मोडासा * * * * * *
5 बनासकांठा पालनपुर 3120506 24.61% 938 65.32 * *
6 भरूच भरूच 1551019 13.16% 925 81.51 * *
7 भावनगर भावनगर 2880365 16.63% 933 75.52 * *
8 बोटाद बोटाद * * * * * *
9 छोटा उदयपुर छोटा उदयपुर * * * * * *
10 देवभूमी द्वारका खम्भलिए * * * * * *
11 दोहद दोहद 2127086 29.98% 990 58.82 * *
12 गांधीनगर गांधीनगर 1391753 4.29% 923 84.16 * *
13 गिर सोमनाथ वेरावल * * * * * *
14 जामनगर जामनगर 2160119 13.44% 939 73.65 * *
15 जूनागढ़ जूनागढ़ 2743082 12.05% 953 75.8 * *
16 कच्छ भुज 2092371 32.16% 908 70.59 * *
17 खेड़ा नाडियाड 2299885 13.62% 940 82.65 * *
18 महीसागर लूनावड़ा * * * * * *
19 मेहसाणा मेहसाणा 2035064 10.73% 926 83.61 * *
20 मोरबी मोरबी * * * * * *
21 नर्मदा राजपीपला 590297 14.75% 961 72.31 * *
22 नवसारी नवसारी 1329672 8.15% 961 83.88 * *
23 पंचमहल गोधरा 2390776 18.05% 949 70.99 * *
24 पाटन पाटन 1343734 13.61% 935 72.3 * *
25 पोरबंदर पोरबंदर 585449 9.06% 950 75.78 * *
26 राजकोट राजकोट 3804558 20.02% 927 80.96 * *
27 साबरकांठा हिम्मतनगर 2428589 16.62% 952 75.79 * *
28 सूरत सूरत 6081322 42.24% 787 85.53 * *
29 सुरेंद्रनगर सुरेंद्रनगर 1756268 15.91% 930 72.13 * *
30 तापी व्यारा 807022 12.14% 1007 68.26 * *
31 डांग आहवा 228291 22.26% 1006 75.16 * *
32 वडोदरा वडोदरा 4165626 14.38% 934 78.92 * *
33 वलसाड वलसाड 1705678 20.92% 922 78.55 * *