राजकोट शहर का नक्शा

राजकोट शहर का मानचित्र

राजकोट शहर का नक्शा
*ऊपर दिया हुआ राजकोट शहर का नक्शा सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों, सड़कों, अस्पतालों, होटल आदि को दर्शाता है

गुजरात में एक शहर राजकोट स्थित है जो अहमदाबाद, वडोदरा तथा सूरत के बाद चौथा सबसे बड़ा शहर है। 2006 और 2020 के बीच दुनिया के सबसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों और शहरी क्षेत्रों में राजकोट 22वें स्थान पर है। राजकोट, गुजरात राज्य की राजधानी गांधीनगर से 245 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 15 अप्रैल 1948 से 31 अक्टूबर 1956 तक राजकोट शहर, सौराष्ट्र राज्य की राजधानी था। वर्ष 1956 में सौराष्ट्र बांबे (मुम्बई) क्षेत्र में शामिल कर दिया गया था। 1 मई 1960 को राजकोट,पुन: गुजरात राज्य में शामिल कियागया था।

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मध्य मार्च से लेकर मध्य जून तक रहने वाली ग्रीष्म ऋतु में राजकोट का वातावरण अत्यन्त गर्म और शुष्क रहता है। यहाँ मानसून का मौसम मध्य जून से लेकर अक्टूबर तक रहता है। नवंबर से लेकर फरवरी तक, वातावरण लुभावना रहता है और हल्की नमी के साथ औसतन तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। इस शहर की जलवायु अर्ध-शुष्क है। गर्मियों के दौरान, राजकोट का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से लेकर 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। सर्दियों में यहाँ का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 22 डिग्री सेल्सियस के मध्य परिवर्तनशील रहता है और सर्दियों भर मौसम सुखद रहता है। शहर को कई चक्रवातों का सामना करना पड़ता है जो कई नियमित और महत्वपूर्ण घटनाओं को जन्म देते हैं। अरब सागर में चक्रवात प्रायः बरसात के मौसम के बादआते हैं।

 

राजकोट शहर में कई भाषाएं बोली जाती हैं जैसे गुजराती, उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, सिंधी, तमिल, मराठी और मलयालम आदि, जिससे यह शहर कई संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। लेकिन,गुजराती, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी जैसी कुछ भाषाएं यहाँ अधिक प्रचलित हैं।राजकोट के लोगों को ‘काठियावाड़ी’ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि राजकोट शहर काठियावाड़ का हिस्सा है। आम तौर पर लोग राजकोट काउल्लेख ‘रंगीलू राजकोटֹ‘ के रूप में करते हैं, जिसका अर्थ है रंगीला राजकोट।

 

दर्शनीय स्थल

 

राजकोट शहर में देखने लायक कुछ स्थान निम्नलिखित हैं-

 

महात्मा गांधी हाउसः

 

करबा गांधी नोडेला (गांधी जी का निवास स्थान) या महात्मा गांधी हाउस वह स्थान है, जहां गांधी जी छह साल की उम्र से निवास करते थे। इस हाउस में एक छोटा सा बुनाई वाला स्कूल (वेविंग स्कूल) भी चल रहा है।

 

वॉटसन म्यूजियमः

 

द वॉटसन म्यूजियम, 1888 में कर्नल जॉन वॉटसन की यादगार के लिए राजकोट के जयंती गार्डन में स्थापित किया गया था। इस म्यूजियम (संग्रहालय) में प्रदर्शन के लिए औपनिवेशिक काल और राजकोट के इतिहास की चीजों का संग्रह किया गया है।

 

रोटरी मिडटाउनडाल्स म्यूजियमः

 

शहर के मध्य में स्थित यह एक अद्वितीय संग्रहालय है जो गुड़ियों के माध्यम से दुनिया की संस्कृति और परंपराओं का अवलोकन कराता है। इस संग्रहालय में लगभग 102 देशों की 1600 से अधिक गुड़ियों का संग्रह है।

 

राजकुमार कॉलेजः

 

भारत में राजकुमार कॉलेज सबसे अच्छे निजी कॉलेजों में से एक है। इसका इतिहास 19वीं शताब्दी के पहले से चला आ रहा है। यह भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल आर एच केटिंगे द्वारा स्थापित किया गया था। इससे पहले, इसमें केवल शाही परिवारों के सदस्यों को ही प्रवेश दिया जाता था लेकिन अब इसमें सभी भारतीय नागरिक प्रवेश ले सकते हैं।

 

जगत मंदिरः

 

यह लाल पत्थरों से बना हुआएक खूबसूरत नक्काशीदार मंदिर है और रामकृष्ण परमहंस को समर्पित है।

 

राजकोट में देखने लायक अन्य कुछ महत्वपूर्ण स्थान अजी डैम, लाल परी झील और रेंडर्डा और लैंग लाइब्रेरी आदि हैं।

 

कैसे पहुंचें

 

राजकोट शहर सड़क, रेल और हवाई मार्ग द्वारा देश के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा है। गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) के द्वारा राज्य के अन्य शहरों में नियमित बस सेवा संचालित की जाती हैं। यह शहर निजी बस ऑपरेटर के माध्यम से भारत के अन्य शहरों और राज्यों से जुड़ा हुआ है। राजकोट से सभी प्रमुख भारतीय शहरों के लिए रेलवे की सुविधा भी उपलब्ध है। शहर में धीरे-धीरे वायुयान की सुविधा विकसित हो रही है। इंडियन एयरलाइंस, जेट एयरवेज और कई अन्य एयरलाइंस मुंबई से दैनिक उड़ानें संचालित करते हैं।