लालगढ़ पैलेस

लालगढ़ पैलेस 19वीं सदी के उत्तरार्ध में बने सबसे शानदार निर्माणों में एक मास्टरपीस है। थार रेगिस्तान की अंतहीन नीरसता के बीच बीकानेर का लालगढ़ पैलेस आंखों को सुकून देता है। लाल बलुआ पत्थरों से बना लालगढ़ पैलेस लाल रंग का है इसलिए इसका यह नाम पड़ा है।

सन् 1902 में इस महल को महाराजा गंगा सिंह ने अपने पिता महाराजा लाल सिंह की याद में बनवाया था। इसकी शानदार वास्तुकला में राजपूत, मुगल और ब्रिटिश वास्तु शैली का मेल है और इसे सर स्विंटन जैकब ने डिजाइन किया था। लालगढ़ पैलेस का सबसे आकर्षक और ध्यान आकर्षित करने वाला पहलू इसकी जाली का जटिल काम और चांदी का महीन काम है।

लालगढ़ पैलेस एक तरह से कुछ बहुत ही प्राचीन शिकार की ट्राॅफियों और चित्रों का खज़ाना है जिन्हें बहुत ही संभाल कर रखा गया है। लालगढ़ पैलेस की लाइब्रेरी भी बहुत शानदार है और इसमें संस्कृत की मूल पांडुलिपियों का सबसे बड़ा संग्रह है जो चमड़े के कागज, चांदी, तांबे और सोने के टुकड़ों पर लिखी गईं थीं। बोगनविलिया के पेड़ की बाॅर्डर वाले हरे भरे लाॅन आंखों को बहुत अच्छे लगते हैं। लालगढ़ पैलेस का हर कमरा बहुत ही हवादार है और इसकी खिड़कियां भी खुली हैं। इसकी यही विशेषताएं हल्का हल्का पश्चिमी प्रभाव दिखाती हैं।

हालांकि लालगढ़ पैलेस अब एक हेरिटेज होटल में तब्दील हो चुका है। यदि भारत में नहीं तो भी यकीनन राजस्थान में तो लालगढ़ पैलेस हेरिटेज होटल सबसे शानदार होटल है। यहां विश्व स्तरीय सुविधाएं और शानदार मेहमाननवाज़ी मिलती है।

अंतिम संशोधन : दिसंबर 30, 2014