चित्तौड़गढ़ में यात्रा करने के स्थान


चित्तौड़गढ में देखने के लिए कई सारी जगहें हैं, क्योंकि शहर में कई सारे आकर्षण हैं। छुट्टी बिताने के लिए चित्तौड़गढ़ में आदर्श स्थान हैं। यहां कुछ बहुत ही दर्शनीय स्थल हैं यात्रा करने के लिए। यही नहीं, इन जगहों में खास राजसी खिंचाव है जो दुनिया के अलग अलग हिस्सों से सैलानियों को अपनी ओर खींचता है। चित्तौड़गढ़ के खास पर्यटक स्थल इस प्रकार हैंः

चित्तौड़गढ़ किला
चित्तौड़गढ़ किला एक पहाड़ी के उपर स्थित है जो कि 180 मीटर उंचा है। चित्तौड़गढ़ के सबसे लोकप्रिय स्थानों में से यह किला एक है। चित्तौड़गढ़ किले के भीतर कई महल हैं जो अपनी समृद्ध वास्तुकला के लिए मशहूर हैं, जैसे राणा कुंभा महल, टाॅवर आॅफ विक्ट्री और फतेह प्रकाश पैलेस। चित्तौड़गढ़ किले का निर्माण राजपूतों ने किया था। यह एक विशाल शानदार स्मारक है जो शहर की निशानी है।

राणा कुंभा महल
राणा कुंभा महल चित्तौड़गढ़ की सबसे कौतुहल भरी जगहों में से एक है। राणा कुंभा महल चित्तौड़गढ़ किले के परिसर के भीतर स्थित है। शहर के लोगों के लिए इस किले का बहुत ज्यादा ऐतिहासिक महत्व है।

कुंभ श्याम मंदिर
कुंभ श्याम मंदिर चित्तौड़गढ़ में देखे जाने वाली एक विचित्र जगह है। 8वीं सदी में बने और 15वीं सदी में महाराणा कुंभ द्वारा दोबारा बनवाए गए इस मंदिर में सैलानी बहुत आते हैं। महाराणा कुंभ के नाम पर ही इस मंदिर का भी नाम है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।

विक्ट्री टाॅवर
विक्ट्री टाॅवर चित्तौड़गढ़ की सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। यह टाॅवर राणा कुंभा ने 1440 में मालवा के शासक महमूद खिलजी के उपर अपनी विजय को यादगार बनाने के लिए बनवाया था।

मीराबाई मंदिर
मीराबाई मंदिर चित्तौड़गढ़ की सबसे धार्मिक जगहों में से एक है। राजपूत राजा महाराणा कुंभा के शासन में इस मंदिर का निर्माण हुआ था। भक्ति पंथ आंदोलन की प्रमुख प्रतिभागी मीराबाई को यह मंदिर समर्पित है।

कालिका माता मंदिर
कालिका माता मंदिर राजस्थान की सबसे आकर्षक जगहों में से है। पहले यह मंदिर भगवान सूर्य का था पर बाद में चित्तौड़गढ़ के इस कालिका माता मंदिर को मां काली को समर्पित कर दिया गया।

टाॅवर आॅफ फेम
टाॅवर आॅफ फेम को कीर्ति स्तंभ भी कहा जाता है। इसका निर्माण 12वीं सदी ईस्वी के आसपास हुआ था। यह 22 मीटर उंचा स्मारक है। कीर्ति स्तंभ में 54 सीढि़यां हैं। इस मंदिर का निर्माण पहले जैन तिर्थांकर भगवान श्री आदिनाथ ऋषभ देव के सम्मान में किया गया था। इस टाॅवर के सामने इन जैन तीर्थांकर की पांच फीट उंची प्रतिमा भी है। इस स्मारक का आधार 30 फीट है, जो उपर की ओर छोटा होता जाता है। इस स्तंभ के बाहरी ओर मानव मूर्तियां बनी हैं।

पद्मिनी का महल
पद्मिनी का महल चित्तौड़गढ़ के कुछ विचित्र स्थानों में से एक है। इस जगह में आज भी अतीत का आकर्षण और भव्यता है।

चित्तौड़गढ़ संग्रहालय
चित्तौड़गढ़ संग्रहालय को फतेह प्रकाश पैलेस संग्रहालय के नाम से जाना जाता है और यह चित्तौड़गढ़ में जरुर देखे जाने वाली एक जगह है। चित्तौड़गढ़ के फतेह प्रकाश पैलेस संग्रहालय में कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कलाकृतियां रखी हुईं हैं।

जयमल और पत्ता महल
जयमल और पत्ता महल गोमुख कुंड के दक्षिणी हिस्से की ओर से उभरती चट्टानी सतह पर है। जयमल और पत्ता महल का एक समृद्ध इतिहास है।

अंतिम संशोधन : जनवरी 29, 2015