पश्चिम बंगाल में देखने लायक स्थलों का नक्शा

पश्चिम बंगाल की यात्रा
भारत के पूर्वी भाग में स्थित पश्चिम बंगाल राज्य संस्कृति और समृद्ध परंपरा की धरती है। अपने गौरवशाली अतीत के अलावा आज पश्चिम बंगाल को वामपंथी प्रभुत्व के गढ़ के तौर पर देखा जाता है। पश्चिम बंगाल की यात्रा आपको एक ऐसे राज्य में ले जाएगी जहां देश में सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार विजेताओं का जन्म हुआ है। यह दुनिया भर में मशहूर रहे असंख्य कवियों, चित्रकारों, फिल्मकारों और विद्वानों की धरती है।

यात्रा करने का सबसे अच्छा समय
पश्चिम बंगाल की यात्रा ज्यादातर सितंबर और अक्टूबर के बीच की जाती है, क्योंकि तब यहां पूरे राज्य में बहुत उत्साह से दुर्गा पूजा मनाई जाती है।

कई रुचिपूर्ण जगहों के साथ पश्चिम बंगाल का पर्यटन राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और यहां की वास्तुकला के आश्चर्यों को देखने का मौका देता है।

जनसांख्यिकी
भौगोलिक स्थितिः भारत का उत्तरी भाग, इसके उत्तर में सिक्किम और भूटान, पूर्व में असम और बांग्लादेश, दक्षिण में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में उड़ीसा, बिहार और नेपाल
लैटीट््यूडः 22 डिग्री 13’15“ और 21 डिग्री 25’24“ उत्तर
लाॅन्जीट््यूडः 85 डिग्री 48’20“ और 89 डिग्री 53’04“ पूर्व
इलाकाः 88,752 वर्ग किलोमीटर
जलवायुः गर्मियों में गर्म और सर्दियों में ठंडा
अधिकतम तापमानः 35 डिग्री
न्यूनतम तापमानः 10 डिग्री
सालाना औसत बरसातः 210 सेंटीमीटर
राजधानीः कोलकाता
आबादीः 80221171
भाषाएंः बंगाली, हिंदी और अंग्रेजी
धर्मः हिंदू, इस्लाम, जैन, ईसाई, बौद्ध
यात्रा करने का अच्छा समयः अक्टूबर से मार्च
पहनावाः गर्मियों में - हल्के सूती, सर्दियों में - ऊनी
पश्चिम बंगाल कैसे पहुंचें
पश्चिम बंगाल में विशाल पहाड़, घने जंगल और जंगली जानवर, हरे भरे मैदान, खूबसूरत समुद्र तट और ऐतिहासिक स्मारकों के साथ साथ बहुत समृद्ध संस्कृति है।

भारतीय प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित इस राज्य की संचार व्यवस्था बहुत अच्छी है। इसे पूर्वी भारत का गेटवे भी कहा जाता है। इसलिए बंगाल कैसे पहुंचें? यह कोई बड़ा मुद््दा नहीं है।

हवाई मार्ग से
इस राज्य का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड््डा कोलकाता में है जो कि राजधानी है, और एक अन्य हवाई अड््डा उत्तरी बंगाल में सिलीगुड़ी के पास बागडोगरा में है। इन दो हवाई अड््डों पर लगभग सभी सरकारी और निजी एयरलाईन अपनी सेवाएं संचालित करती हैं। यह दो हवाई अड््डे प्रमुख भारतीय शहरों, जैसे दिल्ली, मुंबई, चैन्नई आदि से जुड़े हैं। पश्चिम बंगाल के ज्यादातर पर्यटन स्थल कोलकाता और बागडोगरा से सुविधाजनक दूरी पर हैं।

रेल द्वारा
राज्य का रेल नेटवर्क भी बहुत अच्छा है। राज्य के दो मुख्य रेलवे स्टेशन हैं, एक है कोलकाता के पास स्थित हावड़ा और दूसरा है सियालदेह और सिलीगुड़ी के पास स्थित जलपईगुड़ी। इनके अलावा और भी महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन हैं जहां देश भर से और राज्य के दूसरे हिस्सों से महत्वपूर्ण ट्रेनें आती हैं।

सड़क से
पूरे राज्य मेें एक बड़ा सड़क नेटवर्क है जो पूरे राज्य को कवर करता है। राज्य से कई राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग गुजरते हैं। इस राज्य तक पड़ोसी राज्यों, जैसे बिहार, उड़ीसा और झारखंड से भी पहुंचा जा सकता है। यहां पड़ोसी देशोें, जैसे नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से भी सीमा पार परिवहन होता है।

पश्चिम बंगाल में खरीददारी
इस राज्य के कुशल कारीगर कई शानदार आईटम बनाते हैं जो कि मिट््टी, शंख और रेत से बनते हैं। पश्चिम बंगाल की कुछ जगहों पर कारीगर बहुत उम्दा सिल्क साडि़यां भी बनाते हैं जो कि पश्चिम बंगाल में खरीददारी के लिए सबसे पसंद किया जाने वाला आइटम है।

पश्चिम बंगाल के हस्तशिल्प
पश्चिम बंगाल में ललित कला की भी समृद्ध परंपरा रही है। वास्तव में इस राज्य से कई मशहूर चित्रकार पैदा हुए हैं। पेंटिंग भी पश्चिम बंगाल में जरुर खरीदा जाने वाला सामान है।

आखिर में, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग में दुनिया की सबसे बेहतरीन चाय का उत्पादन होता है।

इसे देखते हुए दार्जिलिंग से एक या दो पैकेट असली चाय खरीदना तो पश्चिम बंगाल की यात्रा में बनता ही है।

पश्चिम बंगाल में खरीददारी करते हुए यह जरुर देखेंः
  • बालूचरी सिल्क साड़ी
  • मिट््टी और टैराकोटा के सामान
  • चाय
  • जूट के सामान, बेत और बांस के सामान और चटाई
  • शंख के खोल और रेत के सामान
  • चमड़े का सामान
  • धोकरा और कास्ट मेटल के सामान
  • पेंटिंग्स

पश्चिम बंगाल में काफी सारी जगहों पर खरीददारी करने के मौके हैं। कई इलाकों में सरकारी एंपोरियम हैं और निजी दुकाने भी आपको सब जगह मिल जाएंगी। आप सड़क किनारे लगने वाली दुकानों से भी सामान ले सकते हैं जहां वाजिब दामों पर आपको अच्छा सामान मिल जाएगा।

पश्चिम बंगाल में देखने के लिए जगहें
  • निवेदिता सेतु
  • रेस कोर्स
  • विक्टोरिया मेमोरियल
  • बांगिया साहित्य परिषद
  • शहीद मीनार
  • चित्रकूट आर्ट गैलरी
  • बंगाल की एशियाटिक सोसायटी
  • जेनेसिस आर्ट गैलरी
  • गैलरी ला मेर
  • आर्टस एकड़
  • सीआईएमए गैलरी
  • विद्यासागर सेतु
  • स्पंदन आर्ट गैलरी
  • हावड़ा पुल
  • भारतीय कला का आशुतोष संग्रहालय
  • साइंस सिटी
  • फोर्ट विलियम, कोलकाता
  • ल्लित कला अकादमी
  • बिड़ला तारामंडल

पश्चिम बंगाल में घूमने के लिए जगहें
पश्चिम बंगाल के आकर्षण सैलानियों को राज्य की कई शानदार जगहें देखने का मौका देते हैं। पश्चिम बंगाल की पर्यटन क्षमता बहुत है। भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य होने के कारण पश्चिम बंगाल में सैलानियों की भीेड़ सालभर रहती है और वो यहां के विविध आकर्षण देखकर बहुत खुश होते हैं।

कई अनूठी आर्ट गैलरी और बड़ी संख्या में राज्य संग्रहालय से लेकर यहां शिक्षा और मनोरंजन के कई केंद्र हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के आकर्षण के अलावा सैलानियों को महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की श्रृंखला को भी देखने का मौका मिलता है। पश्चिम बंगाल के आकर्षण यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक विरासत को दर्शाते हैं, और आज के आधुनिक युग तक कायम हैं।

पारंपरिक विरासत को बरकरार रखने के अलावा पश्चिम बंगाल के संग्रहालयों में यहां के समृद्ध इतिहास के अवशेष रखे हैं। पश्चिम बंगाल के संग्रहालयों में यहां के भूले हुए गौरव और भव्यता को अनुभव किया जा सकता है। इन संग्रहालयों में कई प्राचीन सामान, शिल्प और इतिहास से जुड़ी हुई वस्तुएं हैं।

यहां की आर्ट गैलरी में पश्चिम बंगाल के लोगों का कलात्मक कौशल और रचनात्मक कल्पनाशीलता दिखती है। आर्ट गैलरी के लंबे गलियारों में आपको कलाकारों की बौद्धिक उन्नति दिखती है जिन्होंने अपनी अंदरुनी भावनाओं को अपनी कला के जरिए दिखाया है।

पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में पार्क और गार्डन भी हैं जो लोगों का मनोरंजन करने के साथ साथ आने वालों को शिक्षित भी करते हैं। विक्टोरिया मेमोरियल का शानदार सफेद स्मारक हमारे देश में ब्रिटिश काल की याद दिलाता है और साथ ही साथ इतिहास की जानकारी भी देता है। इसके आकर्षक बाग शहर की भागदौड़ से दूर राहत का एहसास कराते हैं। साइंस सिटी सैलानियों को विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के साथ साथ रोजमर्रा के तनाव से भी निजात दिलाती है।

शहर के एक भाग को दूसरे भाग से जोड़ने वाला पुल पश्चिम बंगाल में इंजीनियरिंग के कौशल का आदर्श उदाहरण है। पश्चिम बंगाल में कई पुल हैं जो भारत में अपने आप में अनूठे हैं।

पश्चिम बंगाल में देखने के लिए जगहें
निवेदिता सेतु
पश्चिम बंगाल के आकर्षणों में एक अद्भुत चीज शामिल है जो कि हुगली नदी पर बना निवेदिता सेतु है। छह किलोमीटर लंबा यह पुल कोलकाता और राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 34 और 35 को भारत के अन्य राज्यों से जोड़ता है। इस सेतु को निवेदिता ब्रिज भी कहते हैं।

भारतीय और विदेशी मूल के कुछ प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा प्रायोजित निवेदिता सेतु का निर्माण पहले एक टोल ब्रिज के तौर पर किया गया था। आजकल निवेदिता सेतु का इस्तेमाल मुख्य तौर पर पश्चिम बंगाल में यातायात का दबाव कम करने के लिए किया जाता है, खासकर रश आॅवर में।

रेस कोर्स
पश्चिम बंगाल के जादू में हरियाली का आकर्षण जोड़ता रेस कोर्स कोलकाता मैदान के उत्तर-पश्चिमी कोने पर स्थित है। राॅयल टर्फ क्लब आॅफ बंगाल द्वारा डिजाइन किया और कार्यान्वित किया गया रेस कोर्स 1820 तक की पुरानी विरासत को दिखाता है। नवंबर से लेकर फरवरी तक यहां रेस आयोजित की जाती है। मार्च के पहले सप्ताह में भी यहां रेस के आयोजन होते हैं।

सभी रेसों में से क्वीन एलिजाबेथ कप और डर्बी कप को सबसे सम्मानजनक रेस माना जाता है जिसे देखने भारत भर से बड़ी तादाद में लोग आते हैं।

कोलोनियल शासन के दौरान पश्चिम बंगाल के क्षेत्र में ब्रिटिश शासक अपने जीवन का सबसे ज्यादा समय बिताते थे। उन दिनों में कई तरह की रेसों को मनोरंजन का अहम साधन माना जाता था। पुराने इंग्लिश रेस मैदान जैसा माहौल बनाने के लिए वायसराय और दूसरे गणमान्य ब्रिटिश ने कोलकाता में रेस कोर्स बनाने का फैसला किया। पश्चिम बंगाल में एक पूर्ण रेसिंगक्षेत्र बनाने में राॅयल टर्फ क्लब ने बहुत योगदान दिया है।

विक्टोरिया मेमोरियल
इसमें कोई शक नहीं कि विक्टोरिया मेमोरियल वास्तुकला का एक आलीशान और शानदार नमूना है और कोलकाता का सबसे बड़ा आकर्षण भी है। चमचमाते सफेद रंग में रंगा यह भवन भारत में ब्रिटिश राज के अंतिम दिनों में बना था और यह प्रत्यक्ष तौर पर वास्तुकला का अनूठा चमत्कार है।

इस भवन को बनाने और इसकी शास्त्रीय वास्तुकला शैली का विचार लाॅर्ड कर्जन का था लेकिन इसके मूल लेआउट और डिजाइन का श्रेय प्रसिद्ध वास्तुकार सर विलियम इमर्सन को जाता है। यह इमारत शानदार अंग्रेजी वास्तुकला और उसमें हल्के भारतीय मेल को दिखाती है जो कि उन दिनों लंदन मंे होना बहुत आम था। इसके आर्किटेक्ट की रचना बेलफास्ट सिटी हाॅल से प्रेरित थी।

बंगीय साहित्य परिषद
पश्चिम बंगाल का बंगीय साहित्य परिषद चित्रशाला बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत के अवशेषों को संभालता है। बंगीय साहित्य परिषद बीते सुनहरे दिनों की दुलर्भ और शानदार प्राचीन वस्तुओं का संग्रह किये हुए है और इसकी स्थापना 1910 में की गई थी।

बंगीय साहित्य परिषद कोलकाता का प्रमुख पर्यटन आकर्षण है जो कि सैलानियों को बंगाल के प्राचीन दिनों से अब तक हुए सांस्कृतिक और पारंपरिक विकास से परिचित कराता है।

पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रोड पर स्थित बंगीय साहित्य परिषद में कई तरह की कलाकृतियां, पत्थर और धातु की मूर्तियां, सोने और चांदी के सिक्के और कला और शिल्प का प्रदर्शन किया गया है जो बंगाल के समृद्ध ऐतिहासिक इतिहास की जानकारी देता है।

बंगीय साहित्य परिषद चित्रशाला सैलानियों को इस क्षेत्र की सांस्कृतिक सभ्यता को जानने का मौका देती है। प्रसिद्ध विद्वानों और बुद्धिजीवियों द्वारा समर्थित बंगीय साहित्य परिषद कोलकाता शहर का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और बौद्धिक केंद्र है। यह जगह इस राज्य के महत्वपूर्ण व्यक्तियों को विभिन्न मुद्दों पर अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का मौका देती है जिससे राज्य का कल्याण हो सके।

शाहिद मीनार
पश्चिम बंगाल में सांस्कृतिक रस से भरी शानदार विस्तृत श्रृंखला है। यह राज्य एक लोकप्रिय पर्यटन हब है जिसकी राजधानी कोलकाता को ‘सिटी आॅफ जाॅय’ भी कहते हैं और इसे इसके कई तरह के आकर्षणों के लिए जाना जाता है। शाहिद मीनार एक ऐतिहासिक स्मारक है जिसकी पृष्ठभूमि में शानदार कोलकाता मैदान है जो इसे शहर का सबसे चर्चित आकर्षण बनाता है।

शाहिद मीनार को सर डेविड आॅक्थरलोनी की देखरेख में 1848 में बनावाया गया था और यह 1814 से 1816 तक चले नेपाल युद्ध में विजय का प्रतीक है। आजादी के बाद इस स्मारक का नाम शाहिद मीनार या शहीद स्तंभ रखा गया जिससे आजादी की लड़ाई में अपने जीवन का बलिदान करने वालों को सम्मानित किया जा सके।

चित्रकूट आर्ट गैलरी
पश्चिम बंगाल भारत में एक खास सांस्कृतिक केंद्र है और अपने इतिहास और पारंपरिक विरासत के लिए जाना जाता है। यह राज्य कला और संस्कृति का स्थापित केंद्र है। इस राज्य की राजधानी कोलकाता को ‘सिटी आॅफ जाॅय’ भी कहते हैं, में चित्रकूट आर्ट गैलरी मौजूद है। इस गैलरी में देश की चुनिंदा कलाकृतियां और प्रतिभाशाली युवा कलाकारों का बेहतरीन काम प्रदर्शित है।

कला शायद रचनात्मकता और अभिव्यक्ति की सबसे पुरानी शैली है। जीवन के अलग अलग क्षेत्रों से जुड़े लोग किसी ना किसी रुप में कला के प्रशंसक रहे हैं। कहा जाता है कि हंसी सबसे अच्छी दवा है लेकिन कला भी इससे कम नहीं है, क्योंकि यही लोगों के दिल और आत्मा का उत्थान करती है।

कोलकाता की भीड़, हलचल भरी सड़कों और ट्रैफिक के शोर के बीच चित्रकूट आर्ट गैलरी एक शांत कोने में स्थित है। आसपास के शोरगुल से दूर यह गैलरी जरुरी राहत देती है। डाॅक्टर प्रकाश केजरीवाल और श्रीमती सुमित्रा केजरीवाल ने 1984 में इस गैलरी की स्थापना पश्चिम बंगाल में प्रतिभाशाली समकालीन कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच देने के लिए किया था।

एशियाटिक सोसाइटी आॅफ बंगाल
कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके में स्थित एशियाटिक सोसाइटी आॅफ बंगाल पश्चिम बंगाल का एक प्रमुख शैक्षिक और बौद्धिक केंद्र है। एशियाटिक सोसाइटी आॅफ बंगाल पश्चिम बंगाल का एक महत्वपूर्ण लैंडमार्क भी है। एशियाटिक सोसाइटी आॅफ बंगाल में पूरे महाद्वीप से कई विद्वान और बुद्धिजीवी शिरकत करते हैं।

एशियाटिक सोसाइटी आॅफ बंगाल की स्थापना 1784 में सर विलियम जोन्स ने की थी और उन्होंने एशियाई समाज और संस्कृति को पूर्वी नज़रिये से अध्ययन करने का नेतृत्व किया। एशियाटिक सोसाइटी आॅफ बंगाल भारत का एक प्रतिष्ठित संस्थान है जो शोध कर रहे विद्वानों को एशियाई समाज पर व्यापक और गहन अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करता है।

एशियाटिक सोसाइटी आॅफ बंगाल में एक लाइब्रेरी है जहां किताबों का भरपूर स्टाॅक है और ऐसी कई किताबें, जर्नल और पत्रिकाएं हैं जो एशियाई समाज के समृद्ध इतिहास और परंपरा के बारे में व्यापक ज्ञान हासिल करने में मदद करती हैं। इस शोध संस्थान में कई भाषाओं की 1784 से अब तक की किताबों का बहुत बड़ा संग्रह है। साथ ही यहां प्राचीन समय की कई दुर्लभ पांडुलिपियां हैं जो एशियाई समाज के गौरवशाली इतिहास को जानने का मौका देती हैं।

1820 में स्थापित पश्चिम बंगाल की एग्री होर्टीकल्चरल सोसाइटी आॅफ इंडिया इस क्षेत्र में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने में मदद करती है। एग्री होर्टीकल्चरल सोसाइटी आॅफ इंडिया ने देश में कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। एग्री होर्टीकल्चरल सोसाइटी आॅफ इंडिया डाॅक्टर विलियम कैरी के दिमाग की उपज थी जिन्होंने पश्चिम बंगाल में कृषि और बागवानी की उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए काम किया।

एग्री होर्टीकल्चरल सोसाइटी आॅफ इंडिया कृषि और बागवानी की खेती में वैज्ञानिक और तकनीकी तरीकों को लागू करने में विश्वास रखती है। पश्चिम बंगाल के दक्षिण कोलकाता में स्थित एग्री होर्टीकल्चरल सोसाइटी आॅफ इंडिया में विशाल और भव्य गार्डन और पार्क हैं। शहर की भागदौड़ से दूर शांत और सुखद माहौल में स्थित इस जगह पर आकर कोलकाता के लोगों को रोजमर्रा के तनावों से राहत मिलती है।

एग्री होर्टीकल्चरल सोसाइटी आॅफ इंडिया में आकर किसी भी व्यक्ति को कई तरह के पेड़ों और पौधों को अनुभव करने का मौका मिलता है। पश्चिम बंगाल में एग्री होर्टीकल्चरल सोसाइटी आॅफ इंडिया का मुख्य उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के अनुकूल और प्रदूषण रहित शहर के लिए जागरुकता पैदा करना है। एग्री होर्टीकल्चरल सोसाइटी आॅफ इंडिया एक शानदार शोध केंद्र है जो आधुनिक किसानों को कई प्रयोग करने में मदद करता है जिससे कृषि और बागवानी के बेहतर उत्पादन में मदद मिलती है।

जेनेसिस आर्ट गैलरी
पश्चिम बंगाल पूर्वी भारत का गेटवे है जो संस्कृति की विविधता पेश करता है। राज्य की राजधानी कोलकाता सांस्कृतिक उत्कृष्टता का प्रतीक है और यहां कई आर्ट गैलरी हैं। जेनेसिस आर्ट गैलरी शहर के लोगों को सौंदर्यशास्त्र के प्रति जागरुक करने की एक कोशिश है।

कोलकाता ने कला जगत के कई दिग्गजों का जीवन देखा है। यह ‘सिटी आॅफ जाॅय’ सत्यजीत रे, रवीन्द्रनाथ टैगोर और जामिनी राॅय जैसी रचनात्मक प्रतिभाओं का शहर भी रहा है। यह शहर कलात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहन देता है और होनहार युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का काम करता है, क्योंकि इसके नागरिक ललित कला को सांस्कृतिक मनोरंजन की सबसे निर्मल और लगभग पवित्र शैली मानते हैं।

पार्क स्ट्रीट की व्यस्त सड़क पर स्थित जेनेसिस आर्ट गैलरी अपने यहां दिखाई जाने वाली कृतियों के लिए मशहूर है। ललित कला के प्रेमियों और संरक्षकों के लिए यह गैलरी एक पसंदीदा जगह है।

गैलरी ला मेरे
बंगाली संस्कृति का केंद्र पश्चिम बंगाल सांस्कृतिक भव्यता से समृद्ध है। यहां के लगभग हर पाॅश इलाके में आर्ट गैलरी है और वहां युवा कलाकारों की कृतियों का प्रदर्शन किया जाता है। गैलरी ला मेरे भी ऐसी ही एक गैलरी है जो युवा कलाकारों को बढ़ावा देती है।

गैलरी ला मेरे का नाम श्रद्धेय मां के नाम पर रखा गया है और यह रचनात्मक को बढ़ावा देने वाले श्री आॅरोबिंदो संस्थान की एक पहल है। इस संस्थान का लक्ष्य महान कलाकारों के जीवन और समय को यादगार बनाना है।

गैलरी ला मेरे में श्री आॅरोबिंदो संस्कृति संस्थान का पवित्र स्थल - लक्ष्मी निवास भी है। कोलकाता के कला क्षेत्र में यह जगह बहुत लोकप्रिय है। ललित कला के पारखी और संरक्षक हमेशा इन गैलरियों की इमारतों में घूमते पाए जा सकते हैं।

गैलरी ला मेरे में रचनात्मकता और पवित्रता का एक भव्य आभामंडल दिखता है। देखने, सीखने और प्रेरणा पाने के लिए कई शोधकर्ता, लेखक, कला विद्वान और चित्रकार यहां के परिसर में घूमते देखे जा सकते हैं। इस गैलरी की लाइब्रेरी में आपको इतिहास और कई तरह की कला की शैलियों से जुड़ी किताबें बड़ी तादाद में मिल जाएंगी।

आर्ट एकड़
पश्चिम बंगाल को सदियों पुराने इतिहास और सांस्कृतिक वैभव के लिए जाना जाता है। इस राज्य ने कला और संस्कृति की दुनिया के कई दिग्गजों का जीवन काल देखा है। आर्ट एकड़ कोलकाता की एक स्थापित गैलरी है जो होनहार युवा कलाकारों को एक मंच देती है।

कला रचनात्मकता और अभिव्यक्ति की एक शैली है। भारत में कला की मौजूदगी उन ऐतिहासिक दिनों तक जाती है जब प्राचीन लोग गुफाओं को कई रंगों में रंगते थे और इंसान, जानवर और फूल पत्तियों के चित्र बनाते थे। लोक कला का भी गांवों की बस्तियों में अभ्यास किया जाता था और बाद में यह कला की एक लोकप्रिय शैली हो गई। पाॅश इलाकों में घरों की दीवारों पर रंग बिरंगी राजस्थानी चित्रकारी वाली वाॅल हैंगिंग और मधुबनी का काम देखकर कतई हैरत नहीं होती। आर्ट एकड़ स्टूडियो कला को प्रोत्साहन देने के साथ साथ आम लोगों में कला की गहरी समझ पैदा करने की कोशिश करता है। इस गैलरी की खासियत चीनी मिट््टी के काम में है और यहां कई प्रतिभाशाली कलाकारों के वाॅटर कलर, एक्रिलिक, तेल, केनवास, कागज, मिक्स्ड मीडिया और अन्य माध्यमों से बनाए हुए चित्र रखे हंै। इस गैलरी की एक अनूठी खासियत यह है कि यह कला प्रेमियों की आर्थिक क्षमता का ध्यान रखती है और यहां मिलने वाले चित्र उचित दाम के होते हैं।

सीआईएमए गैलरी
भारत में संस्कृति का केंद्र पश्चिम बंगाल एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। कला और सौंदर्यबोध में रुचि रखने वाले सैलानी आर्ट गैलरी और स्टूडियों से भरे इस शहर में आकर निराश नहीं होते है। इंटरनेशनल माडर्न आर्ट सेंटर यानि सीआईएमए गैलरी की शुरुआत 1993 में हुई थी और यह शहर का एक नामी स्टूडियो है।

सीआईएमए आर्ट गैलरी की स्थापना भारतीय मीडिया का प्रमुख नाम आनंद बाजार पत्रिका लिमिटेड के संरक्षण में और उसकी पहल में की गई। इस गैलरी की आंतरिक सजावट सुंदर और शालीन है और इसका शांत माहौल इसे कला प्रेमियों की पसंदीदा जगह बनाता है। इस गैलरी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह लंदन या न्यूयाॅर्क की किसी भी गैलरी के उत्कृत मानकों पर खरी उतर सके।

तेरह साल पुरानी इस गैलरी ने कई विश्वस्तरीय शो और प्रदर्शनियों का आयोजन किया है और यहां कुछ शानदार भारतीय रचनाओं का प्रदर्शन किया गया है। इसे वाहवाही के साथ साथ कई अवाॅर्ड भी मिले हैं। सीआईएमए आर्ट गैलरी कई प्रमुख संग्रहालयों, स्कूल और काॅलेज के सहयोग से प्रोजेक्ट और कार्यक्रम आयोजित भी करती है जिससे आम लोगों में कला और संस्कृति का प्रसार होता है। यह ऐसे मानक स्थापित करती है जो कि किसी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गैलरी के बराबर होते हैं।

विद्यासागर सेतु
विद्यासागर सेतु को दूसरे हुगली पुल के नाम से भी जाना जाता है और इसे 1992 में बनाया गया था। यह सेतु पश्चिम बंगाल में निर्माण की उत्कृष्टता की मिसाल है और राजधानी शहर कोलकाता और हावड़ा के बीच लिंक का काम करता है। इस सेतु से रोजाना 85,000 गाडि़यां निकलती हैं। कोलकाता के विद्यासागर सेतु का पूरा ढांचा लगभग 22 साल में काम करने लायक तैयार हुआ।

इसमें नौ ट्रैफिक ट्रेक हैं और 457 मीटर लंबा यह सेतु इंजीनियरिंग का अनूठा आश्चर्य है जिसका फ्रेमवर्क 121 लूपों पर टिका है। विद्यासागर सेतु का आधार हुगली नदी में 100 मीटर की गहराई तक जाता है। 115 मीटर की चैड़ाई वाले इस सेतु की अनुमानित लागत करीब 388 करोड़ रुपये है।

स्पंदन आर्ट गैलरी
पश्चिम बंगाल सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है और साथ साथ एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। राज्य की राजधानी कोलकाता कला के पारखी लोगों के लिए वास्तविक आनंद की जगह है और यहां कई संग्रहालय और आर्ट गैलरी हैं। स्पंदन आर्ट गैलरी भी इस शहर की ऐसी ही एक जगह है जो शहर के लोगों में कला के प्रति जागरुकता को बढ़ाती है।

’सिटी आॅफ जाॅय’ कोलकाता की बंगाली संस्कृति शानदार है। यह शहर देश की कुछ सबसे मशहूर रचनात्मक प्रतिभाओं की धरती रहा है जिनमें सत्यजीत रे, रवीन्द्रनाथ टैगोर और जामिनी राॅय आदि शामिल हैं।

स्पंदन आर्ट गैलरी पार्क स्ट्रीट पर मौजूद कई आर्ट गैलरियों में से एक है और यहां कला पे्रमी, ललित कला के पारखी और शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति देखे जा सकते हैं। यह गैलरी एक बड़े इलाके में फैली है और इसकी सजावट बहुत आधुनिक लेकिन शालीन है। इस गैलरी की आरामदायक सजावट और यहां मौजूद बड़े संग्रह के कारण यहां आने वाले कई लोग यहां के शांत माहौल में कई घंटे बिताते हैं और लंबे शांत गलियारों में कला जगत में खोकर रह जाते हैं।

हावड़ा पुल
हुगली नदी के नजारे के साथ भव्य हावड़ा पुल पश्चिम बंगाल के टाॅप पांच आकर्षणों में गिना जाता है। हावड़ा पुल की देखरेख कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट करता है और इस पुल को रवींद्र सेतु भी कहा जाता है। यह विश्व प्रसिद्ध कैन्टलेवर पूरी तरह स्टील से बना है और इसमें 26,500 टन स्टील लगा है।

देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हावड़ा पुल की भव्य इंजीनियरिंग की तारीफ की जाती है। इस पुल के मध्य टाॅवर 280 फीट उंचे हैं और इन दोनों के बीच की जगह रिकाॅर्ड 1500 फीट है।

आशुतोष म्यूजियम आॅफ इंडियन आर्ट
आशुतोष म्यूजियम आॅफ इंडियन आर्ट भारत की प्राचीन विरासत का प्राचीन प्रतिबिंब है। इस संग्रहालय में बीते समय की कई प्रकार की प्राचीन वस्तुओं का दुर्लभ संग्रह मौजूद है। पश्चिम बंगाल के उत्तर कोलकाता में कलकत्ता विश्वविद्यालय के शताब्दी भवन में आशुतोष म्यूजियम आॅफ इंडियन आर्ट स्थित है और इसका नाम महान दूरदर्शी श्री आशुतोष मुखर्जी के नाम पर रखा गया है।

आशुतोष म्यूजियम आॅफ इंडियन आर्ट दोहरे लक्ष्य से काम करता है। एक तो बंगाल की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करना और दूसरा कलकत्ता विश्वविद्यालय के संग्रहालय विज्ञान के छात्रों को क्वालिटी शिक्षा देना। भारत के प्राचीनतम संग्रहालयों में से एक आशुतोष म्यूजियम आॅफ इंडियन आर्ट 1937 में अस्तित्व में आया। इस संग्रहालय का लक्ष्य पूर्वी भारत और बंगाल के प्राचीन समय की कई तरह की कला और शिल्प काम को प्रदर्शित करना है।

पश्चिम बंगाल में आशुतोष म्यूजियम आॅफ इंडियन आर्ट में बड़ी तादाद में प्राचीन सामान और कला भित्ति चित्र आम लोगों के देखने के लिए रखे हैं। बीते दिनों से जुड़े यह तरह तरह के सामान लोगों को बंगाल की सभ्यता से परिचित कराते हैं।

साइंस सिटी
पश्चिम बंगाल पूर्व दिशा का गेटवे है और अपनी सांस्कृतिक भव्यता, अकादमिक कौशल और पर्यटन क्षमता के लिए मशहूर है। लोगों के बीच वैज्ञानिक स्वाभाव पैदा करने के लिए राज्य की राजधानी कोलकाता ने अपनी एक साइंस सिटी बनाई है।

साइंस सिटी एक विशाल इलाके में फैली है और पूर्वी मेट्रोपोलिटन बायपास के साथ पार्क सर्कस के जंक्शन पर स्थित है। पश्चिम बंगाल की एक पुरानी दुख भरी कहानी रही है। हालांकि आजादी के बाद यह राज्य बहुत आगे बढ़ा है। इसकी राजधानी कोलकाता में बुनियादी सुविधाएं बहुत अच्छी हैं और राज्य के भरपूर विकास के लिए इनका पूरा इस्तेमाल हो रहा है।

फोर्ट विलियम कोलकाता
बंगाली संस्कृति का केंद्र पश्चिम बंगाल एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। इस राज्य में वास्तुकला के कुछ उल्लेखनीय नमूने हैं, जैसे फोर्ट विलियम और विक्टोरिया मेमोरियल। फोर्ट विलियम ब्रिटिश राज के सैन्य कौशल का उम्दा प्रमाण है।

यह भी एक रोचक बात है कि इस राज्य में दो फोर्ट विलियम हैं, जिन्होंने ईस्ट इंडिया के समय में भारतीय सेना की ताकत के तौर पर काम किया। यह शानदार भवन मास्टरमाइंड आर्किटेक्ट सर चाल्र्स आयर और जाॅन बियर्ड की काबिल निगरानी में बनाए गए थे।

ललित कला अकादमी
ललित कला अकादमी पश्चिम बंगाल के लोगों के समृद्ध कलात्मक कौशल और रचनात्मक कल्पनाशीलता को प्रदर्शित करती है। इस राज्य के कला के प्रति उत्साह को दिखाते हुए ललित कला अकादमी में प्रतिभाशाली कलाकारों की रचनाएं प्रदर्शित की जाती हैं जो खूबसूरत चित्रों द्वारा अपने अंतर्मन की भावनाएं अभिव्यक्त करते हैं।

यहां आकर पश्चिम बंगाल की सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत को महसूस किया जा सकता है। ललित कला अकादमी के गलियारों में मध्ययुग और आधुनिक समय की पेंटिंग बड़ी संख्या में प्रदर्शित की गई हैं। ललित कला अकादमी में पुराने समय के मशहूर कलाकारों के चित्र बड़ी संख्या में रखे गए हैं।

बिड़ला तारामंडल
कोलकाता का एक प्रमुख लैंडमार्क बिड़ला तारामंडल पश्चिम बंगाल में पूरे साल बड़ी तादाद में सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।1962 में बिड़ला समूह के शैक्षिक ट्रस्ट द्वारा स्थापित बिड़ला तारामंडल को दुनिया की सबसे बड़ी वेधशाला होने का गौरव प्राप्त है।

बिड़ला तारामंडल यहां आने वाले लोगों को ब्रम्हांड में होने वाली खगोलीय घटनाओं को समझने का सुनहरा मौका देता है।

 
अंतिम संशोधन : जुलाई 24, 2018