कुम्भलगढ़ किला

झीलों की नगरी उदयपुर से 84 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में स्थित कुम्भलगढ़ किला शायद इस इतिहास से भरे शहर का सबसे मुख्य आकर्षण है। मशहूर महाराणा कुम्भ की सरलता की गवाही देता यह किला चित्तौड़गढ़ के दुर्जेय किले के तौर पर ज्यादा मशहूर है।

इसका निर्माण सन् 1445 और 1458 के बीच किया गया था और कहा जाता है कि इसे संप्रति के महल के अवशेषों से बनाया गया था। संप्रति 2 शताब्दी ईसा पूर्व के एक जैन शासक थे। इस किले के अंदर मौजूद एक जैन मंदिर के अवशेष इसकी ओर इशारा करते हंै।

यह विशाल किला 1100 मीटर की उंचाई पर स्थित है और अरावली की पहाडि़यों पर लगभग 12 किलोमीटर की दूरी तक फैला है। इसकी मजबूत उंची चारदीवारी 36 किलोमीटर की है। बुर्ज, निगरानी टावर और दुर्ग भी किले में हैं।

आप केलावर से सवारी के माध्यम से सात शानदारा पोलों या दरवाजों को पार करते हुए वास्तुकला के इस बेजोड़ नमूने को देख सकते हैं। इसके सबसे अंतिम प्रवेश द्वार का नाम नींबू पोल है और इससे इतिहास के कई किस्से जुड़े हैं। 19वीं सदी में राजा फतेह सिंह के शासन के दौरान किले में एक आमूल बदलाव आया।

आप लगभग 366 आलीशान और सुरुचिपूर्ण भवनों, जीर्ण शीर्ण मंदिरों, बावडि़यों और हरे भरे विशाल बागों की अद्भुत खूबसूरती की झलक भी यहां ले सकते हैं। ‘बादल महल’ की ओर जाते हुए आप आसपास के सुंदर नजारे भी देख सकते हैं।

राजस्थान में देखने योग्य स्थान
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय कुम्भलगढ़ किला
आमेर किला मेहरानगढ़ किला
सिटी पैलेस रणथम्भौर नेशनल पार्क
गलताजी मंदिर सरिस्का नेशनल पार्क
हवा महल भांडेसर मंदिर
जंतर मंतर रानी सती मंदिर



अंतिम संशोधन : जुलाई 24, 2018