श्री गोविंद देव जी मंदिर, जयपुर


श्री गोविंद देवजी मंदिर के बारे में
श्री गोविंद देवजी मंदिर किसी परिचय का मोहताज नहीं है क्योंकि यह सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थानों में से एक है। अपनी भव्यता और हिंदू पौराणिक कथाओं के प्रतीक इस मंदिर को देखने दुनिया भर से भक्त यहां आते हैं।

सिटी पैलेस, जहां महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने सर्वोच्च सम्मान पाया, अब वहां एक मंदिर है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और जयपुर शहर के शाही युग का सुंदर प्रतीक भी है। खूबसूरत बागों से घिरे इस मंदिर की आंतरिक सज्जा शानदार यूरोपीय शैली के झूमरों और भारतीय संस्कृति और कला का प्रदर्शन करते चित्रों से की गई है। मंदिर की छत चमकदार सोने से सजाई गई है। इस मंदिर में स्थित गोविंद देवजी की मूर्ति को भगवान कृष्ण की सबसे सुंदर और आकर्षक प्रतिमा माना जाता है। मंदिर सुबह पांच बजे आरती और मधुर भजनों के साथ भक्तोें के लिए खुलता है। प्रसाद और भक्ति गीतों के साथ हर दिन मूर्ति की पूजा होती है और दिन भर में सात बार यह भजन गाए जाते हैं। यह मंदिर हमेशा भक्तों से भरा होता है और नियमित रुप से 5000 भक्त यहां आते हैं, साथ ही भगवान कृष्ण के जन्मदिन जन्माष्टमी पर यहां की छटा निराली ही होती है। यह त्यौहार बहुत भव्य तौर पर उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। इतिहास

गोविंद देवजी मंदिर भारत के सबसे दिव्य और शानदार मंदिरों में से एक है। जयपुर शहर को इस मंदिर के यहां होने का काफी गौरव है। श्री कृष्ण भक्तों में वृंदावन के बाद यह सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मंदिर है। मिथकों के अनुसार एक बार महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय को सपना आया जिसमें भगवान कृष्ण ने उनसे उनके महल को मुगल बादशाह औरंगजेब के विनाश से बचाने के लिए किले में उनकी मूर्ति स्थापित करने को कहा। महाराजा सवाई जय सिंह तब वृंदावन से मूर्ति लेकर आए जो पहले सूर्य महल में रखी गई बाद में चंद्र महल में स्थानांतरित की गई। ऐसा माना जाता है कि यह मूर्ति धरती पर अवतार के दौरान भगवान कृष्ण का प्रतिरुप है। मिथकों से यह भी पता चलता है कि भगवान कृष्ण के पौत्र वज्रनभ ने इस मूर्ति को 5000 साल पहले बनाया था। जब वज्रनभ 13 साल के थे तो उन्होंने अपनी दादी से पूछा कि भगवान कृष्ण कैसे दिखते थे। जो वर्णन उन्होंने दिया उसे सुनकर उन्होंने भगवान की छवि बनाने की कोशिश की पर दो बार असफल हुए। तीसरी कोशिश में उन्होंने बिलकुल वैसी मूर्ति बनाई जिसका वर्णन सुना था। उस मूर्ति का नाम तब वज्रकृति पड़ा यानि वज्र की रचना।

स्थान
श्री गोविंद देवजी मंदिर सिटी महल परिसर में बादल महल और चंद्र महल के बीच स्थित है। आप मंदिर तक आॅटो रिक्शा, टैक्सी या लोकल बस से पहुंच सकते हैं।

यात्रा करने का उत्तम समय
राजस्थान का रेगिस्तानी शहर जयपुर हर साल देश और दुनिया से हजारों सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। रेगिस्तानी इलाके से नजदीकी के कारण यहां की जलवायु कठोर है और गर्मियों में बहुत गर्म हो जाती है। मार्च से जून का महीने, जब तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाता है, यहां यात्रा करने का सबसे अच्छा समय नहीं है। मानसून जुलाई से शुरु होकर सितंबर तक रहता है और यह भी गर्मी से निजात नहीं दिलाता क्योंकि जयपुर में ज्यादा बारिश नहीं होती। थोड़ी बारिश होने के कारण यहां उमस भी बहुत बढ़ जाती है जिससे इस शहर में घूमना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस शानदार शहर को घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। इस दौरान यहां सूरज की तपिश बहुत कम होती है और तापमान 20-22 डिग्री रहता है। इस समय यहां रातें बहुत ठंडी होती हैं और तापमान पांच डिग्री तक गिर जाता है और दिन सुहावने हो जाते हैं। ऐसे समय में इस विरासत की सुंदरता समेटे शहर में यादगार समय बिताया जा सकता है।

कैसे पहुंचें
परिवहन के कई साधनों के द्वारा यह शहर देश और दुनिया के बाकी हिस्सों से बहुत अच्छी तरह जुड़ा है। घरेलू हवाई अड्डा मुख्य शहर से सात किलोमीटर दूर और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जयपुर या उसके आसपास के अपने मनचाहे इलाकों में जाने के लिए आप एयरपोर्ट से टैक्सी या बस ले सकते हैं।

रेलवे स्टेशन पांच किलोमीटर की दूरी पर है और शहर से अच्छी तरह जुड़ा है। कई रेलें जयपुर को विभिन्न शहरों से जोड़ती हैं। इस शहर के तीन रेलवे जंक्शन हैं, मुख्य स्टेशन जसपुर में, एक गांधीनगर में और तीसरा दुर्गापुर में है। रेलवे स्टेशन से आप बस, आॅटो रिक्शा या टैक्सी लेकर मुख्य शहर तक जा सकते हैं। यदि आप आराम और लक्ज़री के शौकीन हैं तो ’पैलेस आॅन व्हील’ लक्ज़री रेल आपके लिए सही पसंद है। यह रेल जीवन का यादगार अनुभव देती है। गुलाबी शहर प्रमुख शहरों से राजमार्गों के एक मजबूत नेटवर्क से भी जुड़ा है। राजस्थान राज्य परिवहन निगम का डीलक्स, सेमी डीलक्स, नाॅन एसी और वाॅल्वो बसों का एक बेड़ा है जो आपको आरामदायक यात्रा देता है। दिल्ली और जयपुर के बीच कई शानदार बस सेवाएं हैं जो हर आधे घंटे में बसें चलाती हैं। दिल्ली के इंडिया गेट के पास स्थित बीकानेर हाउस से आप गुलाबी शहर के लिए बस ले सकते हैं। इस अदभुत शहर की सड़क से यात्रा बहुत शानदार और खूबसूरत रहती है।

जयपुर में देखने योग्य स्थान
रामगढ़ झीलजयपुर किलाबिड़ला तारामंडलकिशनपोल बाजार
श्री गोविन्द देव जी मंदिरजल महलबिरला मंदिरनाहरगढ़ किला
सिसोदिया रानी का बागजौहरी बाजारगणेश मंदिरराज मंदिर सिनेमा
मूर्ति सर्किलकनक वृंदावन गार्डनगार्डनजयगढ़ किले


अंतिम संशोधन : नवम्बर 16, 2016