जयपुर के किलों का उल्लेख पूरे भारत में अपने शानदार महलों और किलों के लिए होता है। यह शहर हर तरफ से विशाल और शानदार किलों से घिरा है। जयपुर के ये प्राचीन किले राजपूतों के ऐसे मशहूर इतिहास को खुद में समेटे हैं जो किसी को भी हैरत में डाल दे। जयपुर के किलों के बारे में जानने के लिए इस पेज को पढ़ें।
जयगढ़ किला
जयगढ़ किला बड़ी बड़ी दीवारों, वाॅच टावरों, खूबसूरत महलों और हरियाली और जलाशय वाले विशाल बगीचों से भरा है। इसके अलावा यहां धार्मिक मंदिर और देश की सबसे बड़ी तोप भी है जिसका नाम जय बन है। जयपुर के इस किले को ‘फोर्ट आॅफ विक्ट्री’ भी कहा जाता है। इस किले से जयपुर शहर का करीबी नज़ारा मिलता है और आमेर का किला भी इसके वाॅच टाॅवर दिवा बुर्ज के पास ही है। इस किले के परिसर में देखने लायक जगहों में एक संग्रहालय है जिसमें उन दिनों के हथियार और गोला बारुद रखे हैं, साथ ही इसकी जल संग्रह की व्यवस्था भी अविश्सनीय है। जयपुर का यह किला राजा सवाई जय सिंह का योगदान है।
नाहरगढ़ किला
जयपुर का यह किला शहर के उत्तरी भाग में स्थित है। जय सिंह ने इस किलेे का निर्माण सुरक्षा उद्देश्यों से किया था। रात में रौशन होने पर यह किला बहुत असाधारण लगता है। इस किले को ‘टाइगर फोर्ट’ भी कहा जाता है। इस किले से मान सागर झील और जयपुर शहर का भी अद्भुत नज़ारा मिलता है।
आमेर किला
जयपुर का आमेर किला महाराजा मान सिंह प्रथम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह किला शिला माता मंदिर, जस मंदिर और शानदार शीश महल के लिए भी प्रसिद्ध है। किले में हाथी की सवारी करना, यहां के महलों, मंदिरों और बागों को देखना अपने आप में दुर्लभ और रोमांचकारी अनुभव है। यह किला हिंदू और मुगल वास्तुकला के मेल से बना है। इसकी आंतरिक सज्जा अद्भुत चित्रों, पत्थरों और शीशे के काम से की गई है। इस किले से आप मावता झील का खूबसूरत नजारा भी ले सकते हैं। अन्य शानदार कलाकृतियों के अलावा इस किले में दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास और सुख निवास हैं।
अंतिम संशोधन : नवम्बर 16, 2016