Home / Movies / मूवी रिव्यु – ‘अंधाधुन‘ द ब्लाइंड मेलॉडी

मूवी रिव्यु – ‘अंधाधुन‘ द ब्लाइंड मेलॉडी

October 6, 2018
by


मूवी रिव्यु – ‘अंधाधुन‘ द ब्लाइंड मेलॉडी

निर्देशक  – श्रीराम राघवन

निर्माता –   वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, मैचबॉक्स पिक्चर्स

लेखक –    श्रीराम राघवन, अरजीत विश्वास, पूजा लाडा सुरती, योगेश चंदेक

कलाकार – आयुष्मान खुराना, तब्बू, राधिका आप्टे

संगीत –  अमित त्रिवेदी, राफ्टार, गिरीश नाकोद

सिनेमेटोग्राफी – के यू मोहन

संपादक –  पूजा लाडा सुरती

प्रोडक्शन कंपनी – वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, मैचबॉक्स पिक्चर्स

फिल्म कथानक – आकाश (आयुष्मान खुराना) पुणे में एक अंधा पियानोवादक है, वो एक परफेक्ट धुन की तलाश कर रहा है। वह अपने आस-पास के लोगों की उम्मीदों से भी काफी परेशान रहता है, जिनकी सोंच पर्याप्त रूप से रुढ़िवादी है कि अपंगता रचनात्मक दिमाग का विकास करती है, इसलिए वह इस धुन को आसानी से पूरा कर सकता है। आकाश की मुलाकात सोफी (राधिका आप्टे) नाम की एक लड़की से भी होती है, जो एक लोकप्रिय क्लब मालिक की बेटी है और आकाश के इस संघर्ष से अनजान है। वह आकाश को बताती है कि अपूर्णता ही है जो कुछ निश्चित चीजों को पूरा बनाती है।

वहीं दूसरी तरफ हम एक आकर्षक महिला सिमी (तब्बू) से मिलते हैं जो अपने अमीर पति प्रमोद सिन्हा (अनिल धवन), जो गुजरे जमाने के बॉलीवुड स्टार हैं, के साथ राजधानी के शानदार क्वार्टर में रहती है। सिमी का इरादा प्रमोद की मदद से फिल्म उद्योग में अपना करियर बनाना है।

यह फिल्म दो बेमेल पहलुओं पर आधारित है। निर्देशक श्रीराम राघवन ने इस फिल्म में एक ब्लैक कॉमेडी को बुनने की कोशिश की है जिसमें कुछ दृश्यों को देखकर आप निराशा महसूस करेंगे और साथ ही दूसरे पहलू में यह फिल्म लुभावनी भी हो जाती है।

फिल्म समीक्षा – फिल्म अंधाधुन को शानदार कथानक और असाधारण पटकथा के साथ, बहुत ही सावधानीपूर्वक फिल्माया गया है। फिल्म में साहसिक पात्र, कई मोड़ और बदलाव हैं, जिससे पूरी फिल्म पर आपका ध्यान आकर्षित होता रहता है। फिल्म के पहले भाग में कॉमेडी शैली में जोश पैदा कर देने वाले लचीलेपन और रहस्यमयी दृश्यों को दिखाया गया है जबकि दूसरे भाग में अराजकता का निर्माण है। लेकिन, फिल्म का बेहतरीन क्लाइमेक्स सराहनीय है।

इस फिल्म के पात्र आकाश (आयुष्मान खुराना), जिन्होंने फिल्म में उम्दा प्रदर्शन किया है, के बारे में हम कह सकते हैं कि फिल्म में अंधे होने की भूमिका को बेहतरीन ढंग से निभाने में वह कहीं पर भी नहीं चूके हैं। फिल्म अंधाधुंन में सिमी (तब्बू) की भूमिका उनके करियर के बेहतरीन प्रदर्शनों में से एक रही है। तब्बू ने बड़ी ही आसानी से अपने अभिनय कौशल को फिल्म में प्रदर्शित किया है। उन्होंने अपनी गिरगिट प्रतिभा, जैसा कि वह अपने किरदार को कई रूपों में अदा कर सकती हैं, को बहुत ही आसानी से प्रदर्शित किया है।  फिल्म अंधाधुंन में राधिका आप्टे ने भी अपनी बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

हमारा फैसला – फिल्म में हर पांच मिनट बाद ऐसे दृश्य आते हैं जिससे आपको पूरी फिल्म में पलक झपकाने का भी समय नहीं मिलता। फिल्म अंधाधुंन को देखने के बाद आप पियानो को सिर्फ एक वाद्य यंत्र के रूप में नहीं देखेंगे। साजिश और तनाव-पूर्ण दृश्यों से भरपूर इस फिल्म (अंधाधुन) को आपको सप्ताहांत में एक बार अवश्य देखने जाना चाहिंए।

 

 

 

Summary
Review Date
Reviewed Item
अंधाधुन मूवी
Author Rating
41star1star1star1stargray