भारत में सामाजिक सुरक्षा के लिए अटल पेंशन योजना
एनडीए सरकार के एजेंडे में जनता के लिए वित्तीय समावेशन, सामाजिक सुरक्षा, और कम लागत वाले लाभ देना प्रमुखता से है। जब से नरेंद्र मोदी सरकार केंद्र में सत्तारूढ़ हुई है, प्रधानमंत्री मोदी, वित्तमंत्री जेटली और कैबिनेट ने आम आदमी की वित्तीय सुरक्षा के लिए नई योजनाएं लागू करने के लिए अथक प्रयास किए हैं। सामाजिक सुरक्षा हासिल करने की दिशा में पहला कदम था प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाय)। पहले चरण को बड़ी सफलता बताया गया था और देशभर में 1-8 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं। सरकार ने 9 मई 2015 को तीन नई योजनाओं की शुरुआत की – दो बीमा योजनाएं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और एक पेंशन योजना (अटल पेंशन योजना)। इसे पीएमजेडीवाय का दूसरा चरण कहा जा सकता है क्योंकि लोगों को किसी भी तरह के लाभ देने से पहले उन्हें मुख्य धारा की बैंकिंग से जोड़ना बेहद महत्वपूर्ण है।
अटल पेंशन योजना की पूरी जानकारी
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने फरवरी 2015 के बजट भाषण में कहा था- “दुखद है कि जब हमारी युवा पीढ़ी वृद्धावस्था में पहुचेगी, तो उसके पास भी कोई पेंशन नहीं होगी। प्रधानमंत्री जन धन योजना की सफलता से प्रोत्साहित होकर, मैं सभी भारतीयों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के सृजन का प्रस्ताव करता हूं। इससे सुनिश्चित होगा कि किसी भी भारतीय नागरिक को बीमारी, दुर्घटना या वृद्धावस्था में अभाव की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।” इसे आदर्श बनाते हुए राष्ट्रीय पेंशन योजना के तौर पर अटल पेंशन योजना एक जून 2015 से प्रभावी होगी। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के लोगों को पेंशन फायदों के दायरे में लाना है। इससे उन्हें हर महीने न्यूनतम भागीदारी के साथ सामाजिक सुरक्षा का लाभ उठाने की अनुमति मिलेगी। निजी क्षेत्र में या ऐसे पेशों से जुड़े लोग जिन्हें पेंशन लाभ नहीं मिलते, वे भी इस योजना में पेंशन के लिए आवेदन दे सकते हैं। वे 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर 1,000 या 2,000 या 3,000 या 4,000 या 5,000 रुपए की स्थायी पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं। अंशदान की राशि और व्यक्ति की उम्र के आधार पर ही पेंशन तय होगी। अंशदाता की मौत होने पर, अंशदाता का जीवनसाथी पेंशन का दावा कर सकता है और जीवनसाथी की मौत के बाद नॉमिनी को अर्जित राशि लौटा दी जाएगी। सरकार द्वारा निर्धारित निवेश पैटर्न के आधार पर पेंशन फंड्स इस योजना के तहत संग्रहित राशि का प्रबंधन करेंगे। व्यक्तिगत आवेदकों के पास पेंशन फंड्स या निवेश आवंटन चुनने का कोई अधिकार नहीं होगा।
अटल पेंशन योजना के लाभ
अटल पेंशन योजना बूढ़े होते भारतीयों के लिए सुरक्षा लाई है, जबकि इसके साथ ही समाज के निम्न और निम्न मध्य वर्ग के तबकों में बचत और निवेश की संस्कृति को प्रोत्साहित भी करती है। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसका फायदा समाज के गरीब से गरीब तबके का व्यक्ति भी ले सकता है। भारत सरकार ने पांच साल तक हर साल हर अंशदाता के अंशदान का 50 प्रतिशत या 1,000 रुपए (जो भी कम हो) का योगदान देने का फैसला किया है। यह अंशदान सिर्फ उन्हें ही मिलेगा, जो आयकर नहीं चुकाते और जो इस योजना में 31 दिसंबर 2015 से पहले शामिल हो जाएंगे।
कर लाभ:
इसके अलावा, आयकर विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में योगदान अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के समान कर लाभ के लिए पात्र हैं। कर लाभ में आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीसीडी (1) के तहत 50,000 रुपये तक अतिरिक्त कटौती शामिल है।
अन्य लाभ:
कोई भी 1000-5000 रुपये से लेकर एक गारंटीकृत मासिक पेंशन प्राप्त करता है। अभिदाता की मौत के मामले में, पेंशन उसके पति / पत्नी के पास जाती है। यदि दोनों मर जाते हैं, तो पूरी धनलाशि नामांकित व्यक्तियों को दी जाती है।
एग्जिट पोलिसी:
इस योजना के ग्राहकों को समय-समय पर बाहर निकलने की अनुमति है, लेकिन केवल असाधारण परिस्थितियों में, जैसे टर्मिनल बीमारी या मृत्यु के मामले में।
पात्रता क्या है?
अटल पेंशन योजना (एपीवाय) 18 से 40 वर्ष आयु समूह के सभी भारतीयों के लिए है। हर व्यक्ति को कम से कम 20 साल तक अंशदान देना होगा, तभी उसे इस योजना का लाभ मिल सकेगा। कोई भी बैंक खाताधारी, जो किसी भी वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना का सदस्य न हो, इस योजना का लाभ उठा सकता है। सरकार के ‘स्वावलंबन योजना एनपीएस लाइट’ के सभी सदस्य खुद-ब-खुद अटल पेंशन योजना में शिफ्ट हो जाएंगे। यह योजना स्वावलंबन योजना की जगह ले लेगी, जिसे देशभर में ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिल सकी।
पंजीयन कैसे कराएं?
अटल पेंशन योजना के लिए पंजीकरण कराने हेतु हर खाताधारी को अथॉराइजेशन फॉर्म भरकर अपने बैंक में जमा कराना होगा। इस फॉर्म में खाता नंबर, जीवनसाथी और नॉमिनी का विवरण लिखकर देना होगा। अथाॅराइजेषन पत्र भरना होगा, जिससे आप बैंक की योजना के लिए अंषदान की राषि के आहरण का अधिकार दे देंगे। इस योजना के तहत पंजीकृत खाताधारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर महीने उसके खाते में निर्धारित रुपए होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं कर सके तो मासिक जुर्माना वसूला जाएगा-
100 रुपए तक के मासिक अंशदान पर एक रुपया
101 से 500 रुपए तक के मासिक अंशदान पर दो रुपए
501 से 1,000 रुपए तक के मासिक अंशदान पर पांच रुपए।
1,001 से ज्यादा मासिक अंशदान पर 10 रुपए।
यदि योजना के तहत कोई भी राशि जमा नहीं की जाती है तो
- 6 महीने के लिए, खाताधारी का खाता बंद कर दिया जाएगा
- 12 महीने तके लिए, खाताधारी का खाता बंद कर दिया जाएगा
- 24 महीने के लिए, खाताधारी के खाते को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा
उनके लिए जिनका कोई बैंक खाता नहीं हैः किसी भी व्यक्ति को सबसे पहले बैंक अकाउंट खोलना होगा। इसके लिए आधार कार्ड और केवायसी की जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है। उस व्यक्ति को साथ में एपीवाय का प्रपोजल फॉर्म भी जमा कराना होगा। योजना से बाहर निकलनाः सामान्य परिस्थितियों में, अटल पेंशन योजना के लिए पंजीकृत एक खाताधारी अटल पेंशन योजना से 60 साल की उम्र तक बाहर नहीं निकल सकता। सिर्फ विशेष परिस्थिति में ही खाता बंद किया जा सकता है, जैसे कि हितग्राही की मौत की स्थिति में।
एवीबाय आवेदन फॉर्म
आवेदन फॉर्म को http://www-jansuraksha-gov-in/FORMS&APY-asp से डाउनलोड किया जा सकता है। फॉर्म्स अलग-अलग भाषाओं में जैसे- अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, बांग्ला, कन्नड़, ओड़िया, मराठी, तेलुगू और तमिल भाषा में उपलब्ध है।
भिन्न पेंशन विकल्पों के लिए संकेतात्मक अंशदान (भारतीय रुपए में)
प्रवेश की उम्र | अंशदान का वर्ष | मासिक पेंशन 1,000 रुपए |
मासिक पेंशन 2,000 रुपए |
मासिक पेंशन 3,000 रुपए |
मासिक पेंशन 4,000 रुपए |
मासिक पेंशन 5,000 रुपए |
18 | 42 | 42 | 84 | 126 | 168 | 210 |
19 | 41 | 46 | 92 | 138 | 183 | 228 |
20 | 44 | 50 | 100 | 150 | 198 | 248 |
21 | 39 | 54 | 108 | 162 | 215 | 269 |
22 | 38 | 59 | 117 | 177 | 234 | 292 |
23 | 37 | 64 | 127 | 192 | 254 | 318 |
24 | 36 | 70 | 139 | 208 | 277 | 346 |
25 | 35 | 76 | 151 | 226 | 301 | 376 |
26 | 34 | 82 | 164 | 246 | 327 | 409 |
27 | 33 | 90 | 178 | 268 | 356 | 446 |
28 | 32 | 97 | 194 | 292 | 388 | 485 |
39 | 31 | 106 | 212 | 318 | 423 | 529 |
30 | 30 | 116 | 231 | 347 | 462 | 577 |
31 | 29 | 126 | 252 | 379 | 504 | 630 |
32 | 28 | 138 | 276 | 414 | 551 | 689 |
33 | 27 | 151 | 302 | 453 | 602 | 752 |
34 | 26 | 165 | 330 | 495 | 659 | 824 |
35 | 25 | 181 | 362 | 543 | 722 | 902 |
36 | 24 | 198 | 396 | 594 | 792 | 990 |
37 | 23 | 218 | 436 | 654 | 870 | 1,087 |
38 | 22 | 240 | 480 | 720 | 957 | 1,196 |
39 | 21 | 264 | 528 | 792 | 1,054 | 1,318 |
40 | 20 | 291 | 582 | 873 | 1,164 | 1,454 |
* अटल पेंशन योजना विवरणिका से लिया गया डेटा
पूरे देश में शुरू हुई योजना
केंद्र सरकार और मुख्यमंत्रियों ने एक साथ 9 मई 2015 को अटल पेंशन योजना एवं अन्य बीमा योजनाओं की शुरुआत की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में योजना का विधिवत लोकार्पण किया। भारत के वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, 30 जून 2016 को एपीबाय के तहत 30 लाख ग्राहकों ने खुद को पंजीकृत कर लिया है और लगभग 5,000 नए ग्राहक हर दिन इस योजना से जुड़ रहे हैं।
अंशदान स्तर की तालिका, ग्राहकों और उनके पति / पत्नी को प्रति माह 1,000 रुपये की मासिक पेंशन और ग्राहकों के नामांकित व्यक्तियों को कोर की वापसी और अटल पेंशन योजना के तहत योगदान अवधि
शामिल होने की उम्र | अंशदान का वर्ष | मासिक अंशदान सूचक (रुपये में) | ग्राहकों और उनके पति / पत्नी को मासिक पेंशन (रुपये में) | ग्राहकों के नामांकित व्यक्ति को कोर का रिटर्न सूचक (रुपये में) |
18 | 42 | 42 | 1000 | 1.7 लाख |
20 | 40 | 50 | 1000 | 1.7 लाख |
25 | 35 | 76 | 1000 | 1.7 लाख |
30 | 30 | 116 | 1000 | 1.7 लाख |
35 | 25 | 181 | 1000 | 1.7 लाख |
40 | 20 | 291 | 1000 | 1.7 लाख |
अंशदान स्तर की तालिका, ग्राहकों और उनके पति / पत्नी को प्रति माह 2,000 रुपये की मासिक मासिक पेंशन और ग्राहकों के नामांकित व्यक्तियों को कोर की वापसी और अटल पेंशन योजना के तहत अंशदान की अवधि
शामिल होने की उम्र | अंशदान का वर्ष | मासिक अंशदान सूचक (रुपये में) | ग्राहकों और उनके पति / पत्नी को मासिक पेंशन (रुपये में) | ग्राहकों के नामांकित व्यक्ति को कोर का रिटर्न सूचक (रुपये में) |
18 | 42 | 84 | 2000 | 3.4 लाख |
20 | 40 | 100 | 2000 | 3.4 लाख |
25 | 35 | 151 | 2000 | 3.4 लाख |
30 | 30 | 231 | 2000 | 3.4 लाख |
35 | 25 | 362 | 2000 | 3.4 लाख |
40 | 20 | 581 | 2000 | 3.4 लाख |
अंशदान स्तर की तालिका, ग्राहकों और उनके पति / पत्नी को प्रति माह 3,000 रुपये की मासिक मासिक पेंशन और ग्राहकों के नामांकित व्यक्तियों को कोर की वापसी और अटल पेंशन योजना के तहत अंशदान की अवधि
शामिल होने की उम्र | अंशदान का वर्ष | मासिक अंशदान सूचक (रुपये में) | ग्राहकों और उनके पति / पत्नी को मासिक पेंशन (रुपये में) | ग्राहकों के नामांकित व्यक्ति को कोर का रिटर्न सूचक (रुपये में) |
18 | 42 | 126 | 3000 | 5.1 लाख |
20 | 40 | 150 | 3000 | 5.1 लाख |
25 | 35 | 226 | 3000 | 5.1 लाख |
30 | 30 | 347 | 3000 | 5.1 लाख |
35 | 25 | 534 | 3000 | 5.1 लाख |
40 | 20 | 873 | 2000 | 5.1 लाख |
अंशदान स्तर की तालिका, ग्राहकों और उनके पति / पत्नी को प्रति माह 4,000 रुपये की मासिक मासिक पेंशन और ग्राहकों के नामांकित व्यक्तियों को कोर की वापसी और अटल पेंशन योजना के तहत अंशदान की अवधि
शामिल होने की उम्र | अंशदान का वर्ष | मासिक अंशदान सूचक (रुपये में) | ग्राहकों और उनके पति / पत्नी को मासिक पेंशन (रुपये में) | ग्राहकों के नामांकित व्यक्ति को कोर का रिटर्न सूचक (रुपये में) |
18 | 42 | 168 | 4000 | 6.8 लाख |
20 | 40 | 198 | 4000 | 6.8 लाख |
25 | 35 | 301 | 4000 | 6.8 लाख |
30 | 30 | 462 | 4000 | 6.8 लाख |
35 | 25 | 722 | 4000 | 6.8 लाख |
40 | 20 | 1164 | 4000 | 6.8 लाख |
अंशदान स्तर की तालिका, ग्राहकों और उनके पति / पत्नी को प्रति माह 5,000 रुपये की मासिक मासिक पेंशन और ग्राहकों के नामांकित व्यक्तियों को कोर की वापसी और अटल पेंशन योजना के तहत अंशदान की अवधि
शामिल होने की उम्र | अंशदान का वर्ष | मासिक अंशदान सूचक (रुपये में) | ग्राहकों और उनके पति / पत्नी को मासिक पेंशन (रुपये में) | ग्राहकों के नामांकित व्यक्ति को कोर का रिटर्न सूचक (रुपये में) |
18 | 42 | 210 | 5000 | 8.5 लाख |
20 | 40 | 248 | 5000 | 8.5 लाख |
25 | 35 | 367 | 5000 | 8.5 लाख |
30 | 30 | 577 | 5000 | 8.5 लाख |
35 | 25 | 902 | 5000 | 8.5 लाख |
40 | 20 | 1454 | 5000 | 8.5 लाख |
हालिया विकास
- सरकार पूरे देश में डाकघरों के माध्यम से एपीवाय के लाभ का विस्तार करेगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसके दायरे के तहत लाया जा सके। डाकघरों के माध्यम से योजना के कार्यान्वयन से ग्रामीण इलाकों के लोगों को अधिक सहायक मिलने की उम्मीद है।
- मार्च 2016 में, सरकार ने ग्राहक के पति / पत्नी को ग्राहक की अकाल मृत्यु पर शेष अवधि के लिए खाते में अंशदान जारी रखने का विकल्प देने के लिए योजना के प्रावधानों में संशोधन किया।
- सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में अटल पेंशन योजना (एपीवाय) के लिए अपने सह-अंशदान के लिए 100 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
- इसके अलावा, आयकर विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, अटल पेंशन योजना (एपीवाय) में अंशदान अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की तरह कर लाभ के लिए पात्र हैं। कर लाभ में वर्ष 2015 बजट में पेश की गई धारा 80 सीसीसीडी (1) के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती शामिल है।
- देश के संभावित ग्राहकों के बीच अटल पेंशन योजना (एपीवाय) की पहुंच को विस्तारित करने के लिए, 19 अगस्त 2016 को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एपीवाय मॉड्यूल को बैंक की कोर बैंकिंग प्रणाली के साथ एकीकृत किया है, जिससे लोगों के बचत खातों के माध्यम से नामांकन हो सकता है। यह न केवल प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि एक बहुत तेज और परेशानी रहित होगा। ग्राहकों को अब से बैंक में फिजिकल फॉर्म जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी और नेट-बैंकिंग खाताधारक ग्राहकों के लिए एक वेब-आधारित एपीवाई ग्राहक पंजीकरण मोड की अनुमति है।
एपीवाई सब्सक्राइबर अब 1.24 करोड़ से अधिक हैं
चूंकि वित्त वर्ष 2018-19 में 27 लाख ग्राहक अटल पेंशन योजना में शामिल हो गए हैं, इस योजना के ग्राहकों की कुल संख्या 1.24 करोड़ के मार्क से अधिक हो गई है। योजना नामांकन में, शीर्ष योगदानकर्ता कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के राज्यों के लोग हैं। 27 अक्टूबर 2018 तक, कर्नाटक के एपीवाई ग्राहक 9.15 लाख हैं, आंध्र प्रदेश से 11.28 लाख हैं, महाराष्ट्र से 10 लाख, बिहार से 11.16 लाख हैं और उत्तर प्रदेश से 17.90 लाख हैं।
‘अटल पेंशन योजना’ खाते को कैसे ट्रैक करें
कुछ महीने पहले, वित्त मंत्रालय ने भी एक सुविधा की शुरुआत की थी जिससे ग्राहक ऑनलाइन लेनदेन के अपने विवरण को देख सकते हैं। इससे अटल पेंशन योजना के 45 लाख से ज्यादा ग्राहक लाभान्वित होंगे। ग्राहक बचत बैंक खाता संख्या और स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या प्रदान करके अपना खाता विवरण देखा जा सकता है। एपीवाय खाताधारक यहां अपने लेन-देन विवरण देख सकता है: https://npslite-nsdl.com/CRAlite/EPranAPYOnloadAction.do
राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर – 1800 -180 -1111 / 1800 -110 – 001
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