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बधाई होः हंसी का पिटारा

October 20, 2018
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निर्देशक – अमित रविंद्रनाथ शर्मा

निर्माता – विनीत जैन, आलिया सेन, हेमंत भंडारी, अमित रवीन्द्रनाथ शर्मा, सुशील चौधरी, प्रीति साहनी

लेखक – शांतनु श्रीवास्तव, अक्षत घिल्डियाल, ज्योति कपूर

पटकथा– अक्षत घिल्डियाल

कालाकार – आयुष्मान खुराना, नीना गुप्ता, गजराज राव, सानिया मल्होत्रा

संगीत – तनिष्क बागची, रोचक कोहली, जैम8, सनी और इंदर बावरा

फिल्म कथानक – फिल्म बधाई हो दिल्ली में एक रेलवे कॉलोनी में रह रही मिडिल क्लास फैमिली पर आधारित है। परिवार में – दादी (सुरेखा सीकरी), उनके दो पोते नकुल (आयुष्मान खुराना) और गूलर (शारदुल राणा) और उनके माता-पिता कौशिक और कौशिक की पत्नी, जो अधेड़ दंपत्ति जोड़ा है, शामिल हैं। यह कहानी रोमांस के साथ हंसी के फुल डोज से भरपूर है।

जब प्रियंवदा कौशिक (नीना गुप्ता) अकस्मात गर्भवती हो जाती है, तो यह युगल शहर में चर्चा का विषय बन जाता है। चीजें एक और अजीब मोड़ ले लेती हैं जब उन्हें समाज के द्वारा अजीब-अजीब बातें सुनाने के लिए लक्षित किया जाता है। उनका बड़ा बेटा नकुल (आयुष्मान खुराना), जो 20 साल का है, की एक प्रेमिका भी है। जो सच्चाई जानकर हैरत में पड़ जाता है। वह समझ नहीं पाता कि लोगों को अपनी माँ की गर्भावस्था के बारे में कैसे बताए, इसलिए वह अपनी प्रेमिका और दोस्तों से मिलना छोड़ देता है।

मूवी रिव्यू – फिल्म बधाई हो एक छोटे से शहर में प्यार और प्रतिशोध की दो कहानियों को चित्रित करती है। पहला, नकुल के माता-पिता प्रियंवदा (नकुल की माँ) की प्रेगनेंसी को लेकर खुद को परेशानियों में डाल लेते हैं, दूसरा सामने आती परिस्थितियों और उनसे जुड़े नतीजों को लेकर नकुल और रेने (सान्या मल्होत्रा) का रिश्ता ब्रेकअप की कगार पर पहुँच जाता है। फिल्म में यौन-क्रिया, भारत में कैसे लोगों को इससे निपटना पड़ता है, को बहुत ही खूबसूरती से पिरोया किया गया है। कथानक को बहुत कुशलतापूर्वक और संतुलित करके लिखा गया है।

नीना गुप्ता, जो एक अनियोजित गर्भावस्था के साथ संबंधित है, ने एक गर्भवती महिला के रूप में वास्तव में बहुत ही उम्दा प्रदर्शन किया है। गजराज ने हर एक दृश्य को, जिसका वह हिस्सा हैं, बाखूबी निभाते हुए सबका ध्यान फिल्म की ओर आकर्षित किया है। पापा के रोल में गजराज राव जबरदस्त लगे हैं। गजराज ने पूरी फिल्म में चेहरे पर शर्मिंदगी के भाव रखते हुए बेहद कमाल की ऐक्टिंग की है। सुरेखा सीकरी ने दादी के रूप में और शीबा चड्डा ने रेने की माँ के रूप में अपने पात्रों को बहुत ही ईमानदारी से निभाया है। फिल्म में महिलाओं द्वारा प्रस्तुत हास्य और प्रौढ़ता एक मिश्रण की तरह है। आयुष्मान फिल्म के स्टार हैं और फिल्म में शीर्ष पर हैं। उन्होंने फिल्म में सानिया मल्होत्रा ​​के साथ सुखद गुणधर्मों को साझा किया है और विवादित पुत्र के रूप में भी अपनी भूमिका को पूरी तरह से भरोसेमंद दिखाकर पेश किया है। उनके चरित्र में बहुमुखी प्रतिभा दिखाई देती है। सान्या ने भी अपना किरदार अच्छी तरह से निभाया है वह शांत और आकर्षक दिखाई देती हैं।

हमारा फैसला: फिल्म की प्रसिद्ध रचना है – इसके निरंतर स्वर और उत्कृष्ट संवाद। यह फिल्म आपको हंसी से लोटपोट कर देगी, इस साप्ताहांत इस फिल्म को जरूर देखें।

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बधाई होः हंसी का पिटारा
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